बुद्धिर्बलवती सदा (बुद्धि हमेशा बलवान होती है)
प्रश्नः / उत्तरः
(1) प्रश्नः – बुद्धिमती कुत्र पितुर्गृहं प्रति चलिता?
उत्तरम्: बुद्धिमती गहनकानने पितुर्गृहं प्रति चलिता।
हिन्दी : बुद्धिमती अपने पिता के घर की ओर कहाँ चल दी?
बुद्धिमती घने जंगल के मार्ग से अपने पिता के घर की ओर चल दी।
(2) प्रश्नः – मार्गे बुद्धिमती किं ददर्श?
उत्तरम्: मार्गे बुद्धिमती एकं व्याघ्रं ददर्श।
हिन्दी : मार्ग में बुद्धिमती ने क्या देखा?
मार्ग में बुद्धिमती ने एक बाघ को देखा।
(3) प्रश्नः – बुद्धिमती पुत्रौ कथं प्रहृत्य किम् उवाच?
उत्तरम्: बुद्धिमती पुत्रौ चपेटया प्रहृत्य उवाच – “कथमेकैकशो व्याघ्रभक्षणाय कलहं कुरुथः? अयमेकस्तावद्विभज्य भुज्यताम्।”
हिन्दी : बुद्धिमती ने अपने पुत्रों को मारकर क्या कहा?
बुद्धिमती ने अपने पुत्रों को थप्पड़ मारकर कहा – “तुम एक-एक करके बाघ खाने के लिए क्यों झगड़ते हो? इसे पहले बाँटकर खाओ।”
(4) प्रश्नः – व्याघ्रः किम् मत्वा पलायितः?
उत्तरम्: व्याघ्रः बुद्धिमतीं व्याघ्रमारी इति मत्वा पलायितः।
हिन्दी : व्याघ्र ने क्या सोचकर भाग लिया?
व्याघ्र ने बुद्धिमती को बाघ मारने वाली समझकर भाग लिया।
(5) प्रश्नः – शृगालः व्याघ्रस्य किं वदन् उपहासं करोति?
उत्तरम्: शृगालः हसन्नाह – “भवान् कुतः भयात् पलायितः?” इति वदन् उपहासं करोति।
हिन्दी : शृगाल ने व्याघ्र से क्या कहकर उसका उपहास किया?
शृगाल ने हँसकर कहा – “आप किस भय से भागे?” ऐसा कहकर उसका उपहास किया।
(6) प्रश्नः – बुद्धिमती शृगालं किम् आक्षिपन्ती उवाच?
उत्तरम्: बुद्धिमती शृगालं आक्षिपन्ती उवाच – “रे रे धूर्त त्वया दत्तं मह्यं व्याघ्रत्रयं पुरा। विश्वास्याद्यैकमानीय कथं यासि वदाधुना।”
हिन्दी : बुद्धिमती ने शृगाल को क्या तिरस्कार करते हुए कहा?
बुद्धिमती ने शृगाल को तिरस्कार करते हुए कहा – “रे धूर्त, तुमने पहले मुझे तीन बाघ देने का वादा किया था। अब विश्वास तोड़कर एक ही लाकर क्यों जा रहे हो?”
(7) प्रश्नः – व्याघ्रः शृगालं कुत्र बद्ध्वा ययौ?
उत्तरम्: व्याघ्रः शृगालं गले बद्ध्वा काननं ययौ।
हिन्दी : व्याघ्र ने शृगाल को कहाँ बाँधकर गया?
व्याघ्र ने शृगाल को गले में बाँधकर जंगल गया।
(8) प्रश्नः – बुद्धिमती कया विमुक्ता भयात्?
उत्तरम्: बुद्धिमती निजबुद्ध्या भयात् विमुक्ता।
हिन्दी : बुद्धिमती किसके द्वारा भय से मुक्त हुई?
बुद्धिमती अपनी बुद्धि से भय से मुक्त हुई।
(9) प्रश्नः – सर्वदा सर्वकार्येषु का बलवती?
उत्तरम्: सर्वदा सर्वकार्येषु बुद्धिः बलवती।
हिन्दी : हमेशा सभी कार्यों में कौन बलवती है?
हमेशा सभी कार्यों में बुद्धि बलवती है।
(10) प्रश्नः – कथायाः उपदेशः कः अस्ति?
उत्तरम्: कथायाः उपदेशः – बुद्धिः सर्वदा सर्वकार्येषु बलवती।
हिन्दी : कथा का उपदेश क्या है?
कथा का उपदेश है – बुद्धि हमेशा सभी कार्यों में बलवती है।
रिक्तस्थानपूर्तिः
(1) बुद्धिमती _______ उपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता।
हिन्दी : बुद्धिमती _______ के साथ अपने पिता के घर की ओर चल दी।
उत्तरम्: पुत्रद्वयेन
(2) मार्गे सा एकं _______ ददर्श।
हिन्दी : मार्ग में उसने एक _______ देखा।
उत्तरम्: व्याघ्रम्
(3) व्याघ्रः _______ मारी इति मत्वा पलायितः।
हिन्दी : व्याघ्र ने _______ मारी समझकर भाग लिया।
उत्तरम्: व्याघ्र
(4) शृगालः _______ इति वदन् व्याघ्रस्य उपहासं करोति।
हिन्दी : शृगाल ने _______ कहकर व्याघ्र का उपहास किया।
उत्तरम्: भवान् कुतः भयात् पलायितः
(5) बुद्धिमती _______ आक्षिपन्ती तर्जयन्ती उवाच।
हिन्दी : बुद्धिमती _______ को तिरस्कार करते हुए बोली।
उत्तरम्: शृगालम्
(6) व्याघ्रः शृगालं _______ बद्ध्वा काननं ययौ।
हिन्दी : व्याघ्र ने शृगाल को _______ बाँधकर जंगल गया।
उत्तरम्: गले
(7) बुद्धिमती _______ बुद्ध्या भयात् विमुक्ता।
हिन्दी : बुद्धिमती _______ बुद्धि से भय से मुक्त हुई।
उत्तरम्: निज
(8) सर्वदा सर्वकार्येषु _______ बलवती।
हिन्दी : हमेशा सभी कार्यों में _______ बलवती है।
उत्तरम्: बुद्धिः
(9) व्याघ्रः _______ सहितं पुनरायान्तं दृष्ट्वा बुद्धिमती चिन्तितवती।
हिन्दी : व्याघ्र को _______ के साथ वापस आते देख बुद्धिमती ने सोचा।
उत्तरम्: शृगालेन
(10) गलबद्ध _______ व्याघ्रः पुनः पलायितः।
हिन्दी : गले में बँधा _______ व्याघ्र फिर से भाग गया।
उत्तरम्: शृगालकः
(सत्य / असत्य)
(1) बुद्धिमती पुत्रद्वयेन उपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता।
हिन्दी: बुद्धिमती अपने दो पुत्रों के साथ पिता के घर की ओर चल दी।
उत्तरम्: सत्यम्
(2) व्याघ्रः बुद्धिमतीं दृष्ट्वा न पलायितः।
हिन्दी: व्याघ्र ने बुद्धिमती को देखकर भागा नहीं।
उत्तरम्: असत्य
(3) शृगालः व्याघ्रस्य भयं दृष्ट्वा उपहासं करोति।
हिन्दी: शृगाल ने व्याघ्र का भय देखकर उपहास किया।
उत्तरम्: सत्यम्
हिन्दी: बुद्धिमती ने व्याघ्र को मार डाला।
उत्तरम्: असत्य
(5) व्याघ्रः शृगालं गले बद्ध्वा काननं ययौ।
हिन्दी: व्याघ्र ने शृगाल को गले में बाँधकर जंगल गया।
उत्तरम्: सत्यम्
(6) बुद्धिमती शृगालं तर्जयन्ती न उवाच।
हिन्दी: बुद्धिमती ने शृगाल को तिरस्कार करते हुए कुछ नहीं कहा।
उत्तरम्: असत्य
(7) व्याघ्रः मानुषात् बिभेति इति शृगालः अवदत्।
हिन्दी: शृगाल ने कहा कि व्याघ्र मनुष्य से डरता है।
उत्तरम्: सत्यम्
(8) बुद्धिमती व्याघ्रत्रयं मागति इति उक्तवती।
हिन्दी: बुद्धिमती ने कहा कि उसे तीन व्याघ्र चाहिए।
उत्तरम्: सत्यम्
(9) बुद्धिमती प्रत्युत्पन्नमतिः नासीत्।
हिन्दी: बुद्धिमती त्वरित बुद्धि वाली नहीं थी।
उत्तरम्: असत्य
(10) बुद्धिः सर्वदा सर्वकार्येषु बलवती नास्ति।
हिन्दी: बुद्धि हमेशा सभी कार्यों में बलवती नहीं है।
उत्तरम्: असत्य
Leave a Reply