विचित्रः साक्षी (विचित्र गवाह” या “अजीब गवाह)
1. एकपदेन उत्तरं लिखत-
(एकपदेन उत्तरं लिखत)
(क) कीदृशे प्रदेशे पदयात्रा न सुखावहा ? (किस प्रकार के प्रदेश में पदयात्रा सुखद नहीं होती?)
उत्तर: विजने प्रदेशे। (सुनसान प्रदेश में।)
(ख) अतिथिः केन प्रबुद्धः ? (अतिथि किससे जागा?)
उत्तर: पादध्वनिना। (पैरों की आहट से।)
(ग) कृशकायः कः आसीत्? (कृशकाय (दुबला-पतला) कौन था?)
उत्तर: अभियुक्तः। (अभियुक्त (आरोपी)।)
(घ) न्यायाधीशः कस्मै कारागारदण्डम् आदिष्टवान् ? (न्यायाधीश ने किसे कारागार-दण्ड (कैद) का आदेश दिया?)
उत्तर: आरक्षिणे। (आरक्षी (पुलिसकर्मी) को।)
(ङ) कं निकषा मृतशरीरम् आसीत् ? (सड़क किनारे किसका मृत शरीर था?)
उत्तर: कश्चन जनः। (किसी व्यक्ति का।)
प्रश्न 2: अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-
(नीचे लिखे गए प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखो।)
(क) निर्धनः जनः कथं वित्तम् उपार्जितवान्?
उत्तर: निर्धनः जनः भूरि परिश्रम्य वित्तम् उपार्जितवान्।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: निर्धन व्यक्ति ने धन कैसे कमाया?
उत्तर: निर्धन व्यक्ति ने बहुत परिश्रम करके धन कमाया।
(ख) जनः किमर्थं पदातिः गच्छति?
उत्तर: जनः अर्थकार्त्स्न्येन पीडितः सन् बसयानं विहाय पदातिः गच्छति।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: व्यक्ति पैदल क्यों जाता है?
उत्तर: व्यक्ति आर्थिक तंगी से पीड़ित होने के कारण बस छोड़कर पैदल जाता है।
(ग) प्रसृते निशान्धकारे स किम् अचिन्तयत्?
उत्तर: प्रसृते निशान्धकारे स अचिन्तयत् यत् निशान्धकारे विजने प्रवेशे पदयात्रा न शुभावहा।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: रात के अंधेरे में उसने क्या सोचा?
उत्तर: रात के अंधेरे में उसने सोचा कि सुनसान स्थान में रात को पैदल यात्रा शुभ नहीं है।
(घ) वस्तुतः चौरः कः आसीत्?
उत्तर: वस्तुतः चौरः ग्रामस्य आरक्षी आसीत्।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: वास्तव में चोर कौन था?
उत्तर: वास्तव में चोर गाँव का आरक्षक था।
(ङ) जनस्य क्रन्दनं निशम्य आरक्षी किमुक्तवान्?
उत्तर: जनस्य क्रन्दनं निशम्य आरक्षी उक्तवान् यत् तस्मिन् दिने त्वया अहं चोरितायाः मञ्जूषायाः ग्रहणात् वारितः, इदानीं निजकृत्यस्य फलं भुङ्क्ष्व, अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: व्यक्ति के रोने को सुनकर आरक्षक ने क्या कहा?
उत्तर: व्यक्ति के रोने को सुनकर आरक्षक ने कहा कि उस दिन तुमने मुझे चुराई गई मंजूषा को पकड़ने से रोका, अब अपने कर्म का फल भोगो, इस चोरी के अभियोग में तुम्हें तीन वर्ष का कारावास मिलेगा।
(च) मतिवैभवशालिनः दुष्कराणि कार्याणि कथं साधयन्ति?
उत्तर: मतिवैभवशालिनः नीतिं युक्तिं समालम्ब्य दुष्कराणि कार्याणि लीलयैव साधयन्ति।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: बुद्धिमान लोग कठिन कार्यों को कैसे सिद्ध करते हैं?
उत्तर: बुद्धिमान लोग नीति और युक्ति का सहारा लेकर कठिन कार्यों को सहजता से सिद्ध करते हैं।
प्रश्न 3. रेखाङ्कितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(रेखांकित शब्द के आधार पर प्रश्न बनाइए)
(क) पुत्रं द्रष्टुं सः प्रस्थितः। (वह पुत्र को देखने के लिए गया।)
उत्तर: कं द्रष्टुं सः प्रस्थितः? (वह किसे देखने के लिए गया?)
(ख) करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्। (दयालु गृहस्थ ने उसे आश्रय दिया।)
उत्तर: करुणापरो गृही कस्मै आश्रयं प्रायच्छत्? (दयालु गृहस्थ ने किसे आश्रय दिया?)
(ग) चौरस्य पादध्वनिना अतिथि: प्रबुद्धः। (चोर के पैरों की आहट से अतिथि जागा।)
उत्तर: कस्य पादध्वनिना अतिथिः प्रबुद्धः? (अतिथि किसके पैरों की आहट से जागा?)
(घ) न्यायाधीशः बंकिमचन्द्रः आसीत्। (न्यायाधीश बंकिमचन्द्र थे।)
उत्तर: न्यायाधीशः कः आसीत्? (न्यायाधीश कौन था?)
(ङ) स भारवेदनया क्रन्दति स्म। (वह भार के दुःख से रो रहा था।)
उत्तर: स कथम् क्रन्दति स्म? (वह कैसे रो रहा था?)
(च) उभौ शवं चत्वरे स्थापितवन्तौ। (दोनों ने शव को चौक में रखा।)
उत्तर: उभौ शवं कुत्र स्थापितवन्तौ? (दोनों ने शव को कहाँ रखा?)
प्रश्न 4: यथानिर्देशमुत्तरत –
(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए)
(क) ‘आदेशं प्राप्य उभौ अचलताम्’ अत्र किं कर्तृपदम्?
उत्तर: आरक्षी चौर्ययौ च।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न – ‘आदेश पाकर दोनों चल पड़े’ – इस वाक्य में कर्ता पद कौन है?
उत्तर – आरक्षी और अभियुक्त (दोनों)।
(ख) ‘एतेन आरक्षिणा अध्वनि यदुक्तं तत् वर्णयामि’ – अत्र ‘मार्गे’ इत्यर्थे किं पदं प्रयुक्तम्?
उत्तर: अध्वनि।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न – ‘इस आरक्षी ने मार्ग में जो कहा, वह मैं वर्णन करता हूँ’ – इसमें ‘मार्ग’ के अर्थ में कौन-सा पद प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर – अध्वनि।
(ग) ‘करुणापरो गृही तस्मै आश्रयं प्रायच्छत्’ – अत्र ‘तस्मै’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम्?
उत्तर: निर्धन जनाय।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न – ‘दयालु गृहस्थ ने उसे आश्रय दिया’ – इस वाक्य में ‘तस्मै’ सर्वनाम किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर – निर्धन व्यक्ति (अतिथि) के लिए।
(घ) ‘ततोऽसौ तौ अग्रिमे दिने उपस्थातुम् आदिष्टवान्’ अस्मिन् वाक्ये किं क्रियापदम्?
उत्तर: आदिष्टवान्।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न – ‘तब उसने उन दोनों को अगले दिन उपस्थित होने का आदेश दिया’ – इस वाक्य में क्रियापद कौन-सा है?
उत्तर – आदिष्टवान् (आदेश दिया)।
(ङ) ‘दुष्कराण्यपि कर्माणि मतिवैभवशालिन:’ – अत्र विशेष्यपदं किम्?
उत्तर: मति।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न – ‘बुद्धिशाली लोग कठिन कार्य भी…’ – इस वाक्य में विशेष्य पद कौन-सा है?
उत्तर – मति (बुद्धि)।
प्रश्न 5: सन्धि / सन्धिविच्छेदं च कुरुत –
(संधि और उसका विग्रह (संधि-विच्छेद) कीजिए।)
(क) पदातिरेव – ________ + ________
उत्तर:
पदातिरेव – पदातिः + एव (पैदल ही)
(ख) निशान्धकारे – ________ + ________
उत्तर:
निशान्धकारे – निशा + अन्धकारे (रात के अंधेरे में)
(ग) अभि + आगतम् – ________
उत्तर:
अभि + आगतम् – अभ्यागतम् (आगत हुआ)
(घ) भोजन + अन्ते – ________
उत्तर:
भोजन + अन्ते – भोजनान्ते (भोजन के बाद)
(ङ) चौरोऽयम् – ________ + ________
उत्तर:
चौरोऽयम् – चौरः + अयम् (यह चोर)
(च) गृह + अभ्यन्तरे – ________
उत्तर:
गृह + अभ्यन्तरे – गृहाभ्यन्तरे (घर के भीतर)
(छ) लीलयैव – ________ + ________
उत्तर:
लीलयैव – लीलया + एव (सहजता से ही)
(ज) यदुक्तम् – ________ + ________
उत्तर:
यदुक्तम् – यत् + उक्तम् (जो कहा गया)
(झ) प्रबुद्धः + अतिथि: – ________
उत्तर:
प्रबुद्धः + अतिथिः – प्रबुद्धोऽतिथि: (जागृत अतिथि)
प्रश्न 6: अधोलिखितानि पदानि भिन्न-भिन्नप्रत्ययान्तानि छन्। तानि पृथक् कृत्वा निर्दिष्टानां प्रत्ययानामधः लिखत-
(निम्नलिखित शब्द विभिन्न प्रत्ययों से युक्त हैं। उन्हें अलग करके निर्दिष्ट प्रत्ययों के नीचे लिखें)
संस्कृत प्रश्न: परिश्रम्य, उपार्जितवान्, दापयितुम्, प्रस्थितः, द्रष्टुम्, विहाय, पृष्टवान्, प्रविष्टः, आदाय, क्रोशितुम्, नियुक्तः, नीतवान्, निर्णेतुम्, आदिष्टवान्, समागत्य, मुदितः।
ल्यप् | क्त | क्तवतु | तुमुन् |
---|---|---|---|
परिश्रम्य | प्रस्थितः | उपार्जितवान् | दापयितुम् |
विहाय | प्रविष्टः | पृष्टवान् | द्रष्टुम् |
समागत्य | नियुक्तः | नीतवान् | क्रोशितुम् |
मुदितः | आदिष्टवान् | निर्णेतुम् |
हिन्दी अनुवाद:
परिश्रम्य – मेहनत करके / परिश्रमपूर्वक
उपार्जितवान् – अर्जित किया / कमाया
दापयितुम् – देने के लिए / दान करने के लिए
प्रस्थितः – प्रस्थान किया / चल पड़ा
द्रष्टुम् – देखने के लिए
विहाय – त्याग कर / छोड़कर
पृष्टवान् – पूछा / पूछ लिया
प्रविष्टः – प्रवेश किया / अंदर गया
आदाय – लेकर / ग्रहण कर
क्रोशितुम् – रोने के लिए / विलाप करने के लिए
नियुक्तः – नियुक्त किया गया / ठहराया गया
नीतवान् – ले गया / पहुँचाया
निर्णतुम् – निर्णय लेने के लिए / तय करने के लिए
आदिष्टवान् – आदेश दिया / निर्देश दिया
समागत्य – आकर / पहुँचकर
मुदितः – प्रसन्न / खुश
प्रश्न 7: (अ) अधोलिखितानि वाक्यानि बहुवचने परिवर्तयत –
(नीचे दिए गए वाक्यों को बहुवचन में बदलो।)
(क) स बसयानं विहाय पदातिरेव गन्तुं निश्चयं कृतवान्।
(उसने बस छोड़कर पैदल ही जाने का निश्चय किया।)
उत्तर:
ते बसयानं विहाय पदातिरेव गंतुम् निश्चयं कृतवन्तः।
(उन्होंने बस छोड़कर पैदल ही जाने का निश्चय किया।)
(ख) चौरः ग्रामे नियुक्तः राजपुरुषः आसीत्।
(चोर गाँव में नियुक्त राजपुरुष था।)
उत्तर:
चौराः ग्रामे नियुक्ताः राजपुरुषाः आसन्।
(चोर गाँव में नियुक्त राजपुरुष थे।)
(ग) कश्चन चौर: गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टः।
(किसी चोर ने घर के भीतर प्रवेश किया।)
उत्तर:
केचन चौराः गृहाभ्यन्तरं प्रविष्टाः।
(कुछ चोर ने घर के भीतर प्रवेश किए।)
(घ) अन्येद्युः तौ न्यायालये स्व-स्व-पक्षं स्थापितवन्तौ।
(अगले दिन उन दोनों ने न्यायालय में अपने-अपने पक्ष स्थापित किए।)
उत्तर:
अन्येषुः ते न्यायालये स्व-स्व-पक्षं स्थापितवन्त।
(अगले दिन उन्होंने न्यायालय में अपने-अपने पक्ष स्थापित किए।)
प्रश्न 7: (आ) कोष्ठकेषु दत्तेषु पदेषु यथानिर्दिष्टां विभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
(कोष्ठक में दिए गए शब्दों में दिए गए पूर्वसर्गों का प्रयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए)
(क) सः ______ निष्क्रम्य बहिरगच्छत्। (गृहशब्दे पंचमी)
उत्तर: सः गृहात् निष्क्रम्य बहिरगच्छत्।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: वह ______ से निकलकर बाहर गया। (गृह शब्द में पंचमी विभक्ति)
उत्तर: वह घर से निकलकर बाहर गया।
(ख) गृहस्थः ______ आश्रयं प्रायच्छत्। (अतिथिशब्दे चतुर्थी)
उत्तर: गृहस्थः अतिथये आश्रयं प्रायच्छत्।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: गृहस्थ ने ______ को आश्रय दिया। (अतिथि शब्द में चतुर्थी विभक्ति)
उत्तर: गृहस्थ ने अतिथि को आश्रय दिया।
(ग) तौ ______ प्रति प्रस्थितौ। (न्यायाधिकारिन् शब्दे द्वितीया)
उत्तर: तौ न्यायाधिकारिणं प्रति प्रस्थितौ।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: वे दोनों ______ की ओर प्रस्थान किए। (न्यायाधिकारी शब्द में द्वितीया विभक्ति)
उत्तर: वे दोनों न्यायाधिकारी की ओर प्रस्थान किए।
(घ) ______ चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे। (इदम् शब्दे सप्तमी)
उत्तर: अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: ______ चोरी के अभियोग में तुम्हें तीन वर्ष का कारावास मिलेगा। (इदम् शब्द में सप्तमी विभक्ति)
उत्तर: इस चोरी के अभियोग में तुम्हें तीन वर्ष का कारावास मिलेगा।
(ङ) चौरस्य ______ प्रबुद्धः अतिथिः। (पादध्वनिशब्दे तृतीया)
उत्तर: चौरस्य पादध्वनिना प्रबुद्धः अतिथिः।
हिन्दी अनुवाद:
प्रश्न: चोर के ______ से अतिथि जागृत हुआ। (पादध्वनि शब्द में तृतीया विभक्ति)
उत्तर: चोर की पादध्वनि से अतिथि जागृत हुआ।
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