भूकंपविभीषिका (भूकंप का आतंक)
पाठस्य परिचयः
विषय: प्रकृतिजन्या आपदः, विशेषतः भूकम्पस्य विभीषिका।
उद्देश्य: भूकम्पस्य भयावहता, कारणं, प्रभावः, उपायाश्च।
सन्देश: आपत्काले साहसेन यत्नेन च विभीषिकातः संरक्षणं सम्भवति।
प्रमुख आपद: झझावातः, भूकम्पनम्, जलोपप्लवः, अतिवृष्टिः, अनावृष्टिः, शिलास्खलनम्, भूविदारणम्, ज्वालामुखस्फोटः।
हिंदी में :
पाठ का परिचय
विषय: प्रकृति से उत्पन्न आपदाएँ, विशेष रूप से भूकम्प की भयावहता।
उद्देश्य: भूकम्प की भयावहता, कारण, प्रभाव और उपाय।
संदेश: आपदा के समय साहस और प्रयास से विभीषिका से रक्षा संभव है।
प्रमुख आपदाएँ: तूफान, भूकम्प, बाढ़, अतिवृष्टि, सूखा, भूस्खलन, भू-विदारण, ज्वालामुखी विस्फोट।
कथासारः (कहानी का सार)
1. भूकम्पस्य परिचय:
- प्रकृतौ जायमाना आपदः मानवजीवनं संत्रासति, सुखमयं जीवनं दुःखमयं करोति।
- भूकम्पः प्रमुखा आपत्, यया भवनानि, जनाः, प्रकृतिश्च ध्वस्यति।
हिंदी में :
भूकम्प का परिचय:
- प्रकृति में उत्पन्न आपदाएँ मानव जीवन को भयभीत करती हैं, सुखमय जीवन को दुखमय बनाती हैं।
- भूकम्प प्रमुख आपदा है, जिससे भवन, लोग और प्रकृति नष्ट होती है।
2. गुर्जरभूकम्पः (2001 ई.):
- गणतन्त्रदिवसे भारतं नृत्य-गीत-उल्लासे मग्नम् आसीत्।
- गुर्जरराज्ये, विशेषतः कच्छजनपदे, भूकम्पेन महाविनाशः।
- भुजनगरं (केन्द्रं) खण्डखण्डं, भवनानि धराशायिनि, विद्युद्दीपस्तम्भाः उत्खाताः।
- भूमिः फालद्वये विभक्ता, जलधाराभिः महाप्लावनम्।
- सहस्रं प्राणिनः मृताः, अन्ये ध्वस्तभवनेषु सम्पीडिताः, शिशवः ईश्वरकृपया जीविताः।
हिंदी में :
गुजरात भूकम्प (2001 ई.):
- गणतंत्र दिवस पर भारत नृत्य-गीत-उल्लास में डूबा था।
- गुजरात, विशेष रूप से कच्छ जनपद में, भूकम्प से महाविनाश हुआ।
- भुज नगर (केन्द्र) टुकड़ों में बंट गया, भवन धराशायी, बिजली के खम्भे उखड़ गए।
- भूमि दो भागों में विभक्त, जलधाराओं से बाढ़ का दृश्य।
- हजारों लोग मरे, अन्य मलबे में दबे, बच्चे ईश्वर की कृपा से जीवित रहे।
3. कश्मीर-भूकम्पः (2005 ई.):
- कश्मीरे पाकिस्ताने च महाकम्पनं, लक्षजनाः मृताः।
हिंदी में :
कश्मीर भूकम्प (2005 ई.):
- कश्मीर और पाकिस्तान में भयंकर कम्पन, लाखों लोग मरे।
4. भूकम्पस्य कारणम्:
- वैज्ञानिका: पृथिव्याः गर्भे पाषाणशिलानां संघर्षणेन कम्पनं जायते।
- ज्वालामुखविस्फोटेनापि भूकम्पः, लावारसः (800°C) नदीवत् प्रवहति, ग्रामान् संनाशति।
हिंदी में :
भूकम्प का कारण:
- वैज्ञानिक: पृथ्वी के गर्भ में पत्थरों की शिलाओं के टकराव से कम्पन होता है।
- ज्वालामुखी विस्फोट से भी भूकम्प, लावा (800°C) नदी की तरह बहता है, गाँवों को नष्ट करता है।
उपाय :
- विज्ञानं प्रकृतिसमक्षं वामनकल्पः, तथापि सुझावः:
- बहुभूमिकभवनं न निर्मातव्यम्।
- नदीजलं तटबन्धेन न पुञ्जीकरणीयम्।
- पञ्चतत्त्वानि (क्षिति, जल, पावक, समीर, गगन) शान्तानि रक्षन्ति, अशान्तानि विनाशति।
हिंदी में :
उपाय :
- विज्ञान प्रकृति के सामने बौना है, फिर भी सुझाव:
- बहुमंजिला भवन न बनाएँ।
- नदी का जल तटबन्धों में एकत्र न करें।
- पंचतत्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) शान्त रहें तो रक्षा करते हैं, अशान्त होने पर विनाश करते हैं।
मुख्यं विषयम्
- भूकम्पः प्रकृतिजन्या आपत्, यया महाविनाशः।
- साहसः, सावधानता च संरक्षणाय आवश्यकम्।
- प्रकृत्याः सन्तुलनं रक्षणीयम्।
हिंदी में :
मुख्य विषय
- भूकम्प प्रकृति जनित आपदा है, जिससे महाविनाश होता है।
- साहस और सावधानी से रक्षा संभव है।
- प्रकृति का सन्तुलन बनाए रखना आवश्यक है।
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