Ila Sachani: Embroidering Dreams with her Feet – Part 3
Introduction to Ila Sachani:
- Ila Sachani, a talented woman from Gujarat, creates beautiful Kathiawar embroidery using her feet.
- Her works include cushions, bedcovers, and pillows with intricate designs.
Early Life and Challenges:
- Ila was born in Amreli, Gujarat, into a farmer’s family. She was born with a physical challenge-she couldn’t use her hands like other children.
- While other children played and drew, Ila wondered why she couldn’t join them.
Support from Family:
- Ila’s mother and grandmother, skilled in Kathiawar embroidery, taught her to create patterns using her feet.
- It was difficult for her, but with determination and practice, she learned to do many tasks, including eating and combing her hair, using her legs.
Mastering the Art:
- Ila worked hard to master threading a needle and embroidery. She learned different styles of embroidery, such as Kachhi, Kashmiri, and Lucknawi styles.
- Her family and friends were amazed by her talent, and soon the entire village came to know about her special skills.
Recognition and Opportunities:
- The government office in Surat heard about Ila’s story and displayed her work in a state exhibition.
- This was a turning point for her as her creations were sold, and she gained fame.
Achievements and Success:
- Ila participated in more exhibitions at the national level and received many awards, including the prestigious President’s Medal.
- Her journey from a farmer’s daughter facing challenges to a celebrated artist is inspiring.
Independence through Art:
- Through her skills, Ila not only earned a regular income but also found happiness in her work.
- She showed that with focus, hard work, and a positive attitude, challenges can be turned into victories.
Power of Art:
- Ila’s embroidery, created with her feet, demonstrates that art can rise above physical limitations and touch people’s hearts.
Key Lessons:
- Ila’s story teaches us that determination and support from family can help overcome challenges.
- Art has the power to transcend physical boundaries and inspire others.
Notes in Hindi
इला सचानी का परिचय:
- गुजरात की रहने वाली इला सचानी अपने पैरों से खूबसूरत काठियावाड़ी कढ़ाई करती हैं।
- उनके कामों में कुशन, बिस्तर की चादरें और तकिए शामिल हैं, जिन पर जटिल डिज़ाइन बने होते हैं।
प्रारंभिक जीवन और चुनौतियाँ:
- इला का जन्म गुजरात के अमरेली में एक किसान परिवार में हुआ था। वह जन्म से शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण थीं, और वे अपने हाथों का उपयोग अन्य बच्चों की तरह नहीं कर पाती थीं।
- जब अन्य बच्चे खेलते और चित्र बनाते थे, तब इला सोचती थीं कि वह ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं।
परिवार से सहयोग:
- इला की माँ और दादी, जो काठियावाड़ी कढ़ाई में माहिर थीं, ने उन्हें पैरों से पैटर्न बनाना सिखाया।
- यह उनके लिए कठिन था, लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प और अभ्यास से इसे सीखा और पैरों से खाने से लेकर बालों में कंघी करने तक का काम करने लगीं।
कला में महारत हासिल करना:
- इला ने सुई में धागा डालने और कढ़ाई करने में महारत हासिल की। उन्होंने कच्छी, कश्मीरी और लखनऊई कढ़ाई जैसी विभिन्न शैलियाँ सीखीं।
- उनके परिवार और दोस्तों ने उनकी प्रतिभा की प्रशंसा की, और जल्द ही पूरा गाँव उनकी विशेष कला के बारे में जानने लगा।
पहचान और अवसर:
- सूरत के सरकारी कार्यालय को इला की कहानी के बारे में पता चला और उनके काम को राज्य प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया।
- यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि उनके उत्पाद बिके और उन्हें प्रसिद्धि मिली।
उपलब्धियाँ और सफलता:
- इला ने राष्ट्रीय स्तर पर और भी प्रदर्शनियों में भाग लिया और कई पुरस्कार जीते, जिनमें राष्ट्रपति पदक भी शामिल है।
- एक किसान की बेटी से लेकर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में संघर्ष करने वाली इला का सफल कलाकार बनना प्रेरणादायक है।
कला के माध्यम से आत्मनिर्भरता:
- अपनी कला के माध्यम से इला ने न केवल नियमित आय अर्जित की, बल्कि अपने काम में खुशी भी पाई।
- उन्होंने दिखाया कि एकाग्रता, मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण से चुनौतियों को जीत में बदला जा सकता है।
कला की शक्ति:
- इला की कढ़ाई, जिसे उन्होंने अपने पैरों से बनाया, यह दिखाती है कि कला शारीरिक सीमाओं से ऊपर उठकर लोगों के दिलों को छू सकती है।
मुख्य सबक:
- इला की कहानी हमें सिखाती है कि दृढ़ संकल्प और परिवार के सहयोग से चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
- कला की शक्ति शारीरिक सीमाओं से परे जाकर दूसरों को प्रेरित कर सकती है।
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