Hamara Bharat-Incredible India! – Part 1
The chapter Hamara Bharat – Incredible India focuses on the rich cultural heritage, diversity, and natural beauty of India. It highlights how India, known as Bharat, has been a land of wise and heroic individuals throughout history. The chapter emphasizes that India’s culture, traditions, and natural resources have attracted travelers from all over the world for centuries.
- Unity in Diversity: One of the key aspects that makes India unique is its “unity in diversity.” People from different regions, religions, and cultures live together in harmony, showcasing the strength of India’s unity despite its diversity. This unity is seen as a model for the world.
- Geographical Beauty: The chapter describes the natural beauty of India, which includes rivers, lakes, high mountains, and lush green forests. These forests are home to a wide variety of plants, animals, birds, and insects. This richness in biodiversity contributes to the prosperity of the land and enhances India’s reputation worldwide.
- Ek Bharat, Shreshtha Bharat Programme: The chapter introduces the Ek Bharat, Shreshtha Bharat program, which is designed to strengthen the bonds between people from different states and union territories of India. This program aims to promote mutual understanding and interaction among citizens through cultural exchanges and sharing of best practices. It is a celebration of India’s diversity and helps reinforce the emotional connection between people from various parts of the country.
- Traditional Art and Craft: The chapter also highlights different forms of traditional art and craft from various states in India. For example, Akanksha from Uttarakhand talks about the Aipan art, Priyaranjan from Odisha describes the ancient Dhokra metal craft, Chitra from Kerala shares about coconut shell crafts, and Balamurali from Andhra Pradesh introduces the 400-year-old Kondapalli toy-making tradition.
- Cultural and Artistic Diversity: The passage further discusses the diverse art forms, music, dance, and crafts that form an integral part of India’s cultural identity. The chapter encourages students to appreciate the uniqueness of each state’s culture, fostering a sense of national pride and respect for the country’s heritage.
Kondapalli
Dhokra
Aipan
Summary in hindi
अध्याय हमारा भारत – अतुल्य भारत भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, विविधता और प्राकृतिक सुंदरता पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि भारत, जिसे भारतवर्ष के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन काल से ही ज्ञानियों और वीरों की भूमि रही है। अध्याय इस बात पर जोर देता है कि भारत की संस्कृति, परंपराएं और प्राकृतिक संसाधन सदियों से दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित करते रहे हैं।
- विविधता में एकता: भारत की सबसे खास बात इसकी “विविधता में एकता” है। यहां विभिन्न क्षेत्रों, धर्मों और संस्कृतियों के लोग एक साथ मिलजुलकर रहते हैं, जो भारत की ताकत का प्रतीक है। यह विविधता के बावजूद एकता का अद्भुत उदाहरण है और दुनिया के लिए एक प्रेरणा है।
- भौगोलिक सुंदरता: अध्याय में भारत की प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन किया गया है, जिसमें नदियां, झीलें, ऊंचे पहाड़ और हरे-भरे जंगल शामिल हैं। ये जंगल कई प्रकार के पौधों, जानवरों, पक्षियों और कीड़ों का घर हैं। भारत की यह जैव विविधता देश की समृद्धि में योगदान देती है और इसे वैश्विक स्तर पर विशिष्ट बनाती है।
- एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम: इस अध्याय में एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का परिचय दिया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विभिन्न प्रथाओं को साझा करके आपसी समझ और तालमेल को बढ़ावा दिया जाता है। यह भारत की विविधता का उत्सव है और लोगों के बीच भावनात्मक संबंध को सुदृढ़ करता है।
- पारंपरिक कला और शिल्प: अध्याय में भारत के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक कला और शिल्प का भी उल्लेख किया गया है। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड की आकांक्षा ऐपन कला के बारे में बताती है, ओडिशा के प्रियंरजन धोकरा धातु शिल्प की चर्चा करते हैं, केरल की चित्रा नारियल के खोल की कारीगरी के बारे में बताती है, और आंध्र प्रदेश के बालामुरली 400 साल पुरानी कोंडापल्ली खिलौना निर्माण परंपरा का परिचय देते हैं।
- सांस्कृतिक और कलात्मक विविधता: अध्याय में भारत की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बनने वाली विभिन्न कला शैलियों, संगीत, नृत्य और शिल्प का भी उल्लेख किया गया है। यह अध्याय छात्रों को प्रत्येक राज्य की अनूठी संस्कृति की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे देश की धरोहर के प्रति गर्व और सम्मान की भावना विकसित होती है।
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