Rama to the Rescue – Part 3
In the story Rama to the Rescue, a man and his wife are preparing to go to bed when they hear a strange noise. The wife listens carefully and realizes that someone might be trying to enter their house. She tells her husband, and they soon discover that a thief has secretly dug his way into their home.
Instead of panicking, the man comes up with a clever plan. He tells his wife to pretend that they are talking about their hidden wealth. The couple starts loudly discussing where their jewels and money are supposedly hidden, knowing that the thief is listening.
The man then calls out the name of Rama, the kotwal (village policeman), pretending that Rama is nearby and will soon come to guard their house. This scares the thief, who believes that the kotwal is about to arrive.
Coincidentally, Rama, the kotwal, hears his name being called from a distance and rushes to the house. When he arrives, he catches the thief in the act. The villagers help him capture the thief and take him to the authorities.
The story teaches a valuable lesson about the power of clever thinking and the importance of staying calm in difficult situations. The man and his wife did not let fear overcome them. Instead, they used their wits to outsmart the thief, and with the timely arrival of Rama, they were able to protect their home.
This folk tale highlights the importance of quick thinking, teamwork, and the role of community helpers like the kotwal in ensuring safety in the village.
Summary in hindi
कहानी रामा टू द रेस्क्यू में, एक आदमी और उसकी पत्नी रात को सोने की तैयारी कर रहे होते हैं, तभी उन्हें एक अजीब आवाज़ सुनाई देती है। पत्नी ध्यान से सुनती है और समझती है कि कोई उनके घर में घुसने की कोशिश कर रहा है। वह अपने पति को बताती है, और जल्द ही उन्हें पता चलता है कि एक चोर ने उनके घर में छेद करके घुसने की कोशिश की है।
लेकिन घबराने के बजाय, आदमी एक चालाक योजना बनाता है। वह अपनी पत्नी से कहता है कि वे ज़ोर से बातें करें, मानो वे अपने घर में छिपे हुए गहनों और पैसों के बारे में चर्चा कर रहे हों। वे जानबूझकर ज़ोर से बोलते हैं ताकि चोर उनकी बातें सुन सके।
फिर आदमी रामा, जो गाँव का कोतवाल (पुलिस अधिकारी) है, का नाम लेकर बोलता है कि रामा जल्द ही आकर उनके घर की रखवाली करेगा। चोर यह सुनकर डर जाता है, क्योंकि उसे लगता है कि कोतवाल सच में आने वाला है।
संयोग से, रामा, कोतवाल, दूर से अपना नाम सुन लेता है और जल्दी से उस घर की तरफ दौड़ता है। जब वह वहाँ पहुँचता है, तो चोर को रंगे हाथों पकड़ लेता है। गाँववाले उसकी मदद करते हैं और चोर को पकड़कर अधिकारियों के पास ले जाते हैं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में समझदारी और चतुराई से काम लेना कितना ज़रूरी है। आदमी और उसकी पत्नी ने डरने के बजाय अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और चोर को मात दे दी। रामा के समय पर आने से वे अपने घर को बचाने में सफल हुए।
यह लोककथा यह संदेश देती है कि सूझबूझ, सहयोग, और सामुदायिक सेवकों, जैसे कि कोतवाल, की भूमिका से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
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