Spices that Heal Us – Part 2
Spices That Heal Us revolves around the importance and healing properties of various spices commonly found in Indian households. The story is told through a letter from Daadi (grandmother) to her grandchildren, Vikram and Vaibhavi, where she shares her knowledge of natural cures using these spices.
Daadi begins by expressing her happiness that the natural remedies she had shared earlier helped her grandchildren recover from their illness. She recalls how she learned these remedies from her own grandmother, who used to find cures for common weather-related illnesses right from the kitchen. Daadi then goes on to explain the benefits of several spices, emphasizing their medicinal value and everyday uses.
- Turmeric (Haldi): Daadi starts by explaining that turmeric improves energy levels, aids digestion, and helps reduce body pain. It is often used to boost the immune system.
- Fenugreek (Methi): She mentions that fenugreek helps control blood sugar levels and body weight. Drinking water in which methi seeds are soaked overnight is a common practice for these benefits.
- Cumin (Jeera): Cumin seeds are useful for improving digestion and curing sleeplessness when soaked in water overnight.
- Asafoetida (Heeng): Daadi recalls how she used heeng water on the children’s tummies to relieve gas when they were babies. It also helps in controlling coughs and colds.
- Cinnamon (Dalchini) and Clove (Laung): Both are known for their ability to relieve toothaches temporarily until a dentist can be consulted.
- Ginger (Adrak): Ginger has been used for over 4,000 years in Indian cooking. It is especially effective in treating colds, coughs, and body pain.
- Black Pepper (Kali Mirch): Like ginger, black pepper aids digestion and relieves body pain.
- Fennel (Saunf) and Carom Seeds (Ajwain): These are commonly served at the end of meals to aid digestion.
- Cardamom (Elaichi): Cardamom is known for helping with digestion, respiratory issues, and curing bad breath.
Daadi encourages Vikram and Vaibhavi to remember these natural remedies and share them with their friends. She also advises them to always consult an elder before using any of these remedies.
The chapter highlights how these common spices not only add flavor to food but also have significant medicinal benefits. It shows the traditional knowledge passed down through generations and emphasizes the importance of natural cures.
Summary in hindi
Spices That Heal Us (मसाले जो हमें ठीक करते हैं) मसालों के औषधीय गुणों और उनके महत्व पर आधारित है। कहानी दादी की चिट्ठी के माध्यम से बताई गई है, जो अपने पोते-पोती, विक्रम और वैभवी को लिखती हैं। इसमें दादी प्राकृतिक उपचारों के बारे में जानकारी साझा करती हैं, जो भारतीय रसोई में आसानी से उपलब्ध मसालों का उपयोग करके किए जाते हैं।
दादी अपनी खुशी जाहिर करती हैं कि उनके द्वारा बताए गए प्राकृतिक उपायों से उनके पोते-पोती की बीमारी ठीक हो गई। वह बताती हैं कि उन्होंने ये उपचार अपनी दादी से सीखे थे, जो रसोई में ही मौसम से संबंधित बीमारियों के इलाज ढूंढ़ती थीं। इसके बाद दादी कई मसालों के लाभ और उनके औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बताती हैं।
- हल्दी (Turmeric): दादी बताती हैं कि हल्दी ऊर्जा बढ़ाने, पाचन में मदद करने और शरीर के दर्द को कम करने में सहायक है। इसे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
- मेथी (Fenugreek): मेथी के बीज रात भर पानी में भिगोकर पीने से रक्त शर्करा नियंत्रित होती है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
- जीरा (Cumin): जीरे का पानी पीने से पाचन में सुधार होता है और यह अनिद्रा की समस्या को भी दूर करता है।
- हींग (Asafoetida): दादी याद करती हैं कि जब विक्रम और वैभवी छोटे थे, तो हींग का पानी पेट दर्द को ठीक करने के लिए उनके पेट पर लगाया जाता था। यह खांसी और जुकाम के इलाज में भी उपयोगी है।
- दालचीनी (Cinnamon) और लौंग (Clove): ये मसाले दांत दर्द को अस्थायी रूप से कम करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- अदरक (Ginger): अदरक 4,000 साल से भारतीय खाना पकाने में इस्तेमाल हो रहा है। यह सर्दी, खांसी और शरीर के दर्द का इलाज करने में प्रभावी है।
- काली मिर्च (Black Pepper): अदरक की तरह, काली मिर्च भी पाचन में मदद करती है और शरीर के दर्द को कम करती है।
- सौंफ (Fennel) और अजवाइन (Carom Seeds): ये मसाले भोजन के बाद पाचन में मदद के लिए खाए जाते हैं।
- इलायची (Cardamom): इलायची पाचन, श्वसन समस्याओं और मुंह की दुर्गंध को दूर करने में सहायक है।
दादी विक्रम और वैभवी को इन प्राकृतिक उपचारों को याद रखने और अपने दोस्तों के साथ साझा करने की सलाह देती हैं। साथ ही वह कहती हैं कि कोई भी उपाय इस्तेमाल करने से पहले किसी बड़े से सलाह लेनी चाहिए।
यह अध्याय हमें बताता है कि ये सामान्य मसाले केवल भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक जानकारी को भी उजागर करता है और प्राकृतिक उपचारों के महत्व को दर्शाता है।
अंत में, कहानी हमें प्राकृतिक उपचारों की ताकत और मसालों के औषधीय लाभों की याद दिलाती है, जिन्हें हम अक्सर अपने दैनिक जीवन में नजरअंदाज कर देते हैं।
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