The Chair – Part 3
The story The Chair revolves around a young boy named Mario, who is very proud of the many friends he claims to have. He often boasts about how popular he is at school and how everyone is friendly with him. One day, his grandfather, noticing Mario’s pride, decides to challenge him. He tells Mario that he probably doesn’t have as many true friends as he thinks and makes a bet with him. The bet is that Mario will get a fruit chaat if he can prove that his schoolmates are real friends.
To help Mario, his grandfather gives him an invisible magic chair, which can reveal who Mario’s true friends are. The chair is tricky to sit on because it is invisible, and the grandfather explains that only Mario’s real friends will help him sit on it. Excited by the challenge, Mario takes the invisible chair to school.
At school, Mario gathers his classmates around and tells them to watch as he tries to sit on the invisible chair. However, every time he tries, he misses the chair and falls, which causes many of his classmates to laugh at him. Undeterred, Mario keeps trying until suddenly, he finds himself sitting in mid-air. He then realizes that three of his true friends—Guneet, Asma, and Deepa—are holding him up, preventing him from falling.
Mario is struck by how some of his classmates only laughed at his failures, while his real friends came to his aid. This experience teaches him an important lesson about friendship—that true friends are those who care for you and stand by you in difficult times.
After school, Mario and his three friends visit his grandfather, who congratulates him on discovering the value of real friendship. The four friends celebrate together by eating the fruit chaat, and from that day on, Mario understands the importance of having real friends who care for him.
The story highlights the difference between real friends and mere acquaintances, teaching us that friendship is about support, care, and standing by each other during tough times.
Summary in hindi
कहानी The Chair एक लड़के मारियो के बारे में है, जो अपने कई दोस्तों पर बहुत गर्व करता है। वह अक्सर स्कूल में अपनी लोकप्रियता और सबके साथ अपनी दोस्ती का दिखावा करता है। एक दिन, उसके दादा यह बात देखकर उसे चुनौती देते हैं। दादा उसे बताते हैं कि शायद उसके उतने सच्चे दोस्त नहीं हैं जितना वह सोचता है और वे एक शर्त लगाते हैं। शर्त यह होती है कि अगर मारियो यह साबित कर सके कि उसके स्कूल के दोस्त सच्चे हैं, तो उसे फल चाट खाने को मिलेगी।
दादा मारियो की मदद के लिए उसे एक जादुई अदृश्य कुर्सी देते हैं, जो यह बता सकती है कि कौन उसके सच्चे दोस्त हैं। यह कुर्सी अदृश्य होती है, इसलिए उस पर बैठना मुश्किल है। दादा समझाते हैं कि केवल सच्चे दोस्त ही मारियो को इस कुर्सी पर बैठने में मदद करेंगे। मारियो इस चुनौती को लेकर उत्साहित होता है और अदृश्य कुर्सी को स्कूल ले जाता है।
स्कूल में, मारियो अपने सहपाठियों को इकट्ठा करता है और कहता है कि वे देखें, वह अदृश्य कुर्सी पर बैठने की कोशिश करेगा। लेकिन जब भी वह बैठने की कोशिश करता है, वह गिर जाता है, और उसके कई सहपाठी उस पर हंसते हैं। लेकिन मारियो हार नहीं मानता और बार-बार कोशिश करता है। आखिरकार, वह अचानक खुद को हवा में बैठा हुआ पाता है। वह देखता है कि उसके तीन सच्चे दोस्त—गुनीत, अस्मा, और दीपा—उसे गिरने से बचाने के लिए पकड़ रहे हैं।
मारियो यह समझ जाता है कि कुछ सहपाठी केवल उसकी असफलताओं पर हंसे, जबकि उसके सच्चे दोस्त उसकी मदद के लिए आए। यह अनुभव उसे सच्ची दोस्ती का महत्व सिखाता है—सच्चे दोस्त वही होते हैं जो कठिन समय में आपका साथ देते हैं और आपकी परवाह करते हैं।
स्कूल के बाद, मारियो और उसके तीन दोस्त उसके दादा के पास जाते हैं, जो उसे सच्ची दोस्ती का मूल्य समझने पर बधाई देते हैं। फिर वे सब मिलकर फल चाट का आनंद लेते हैं। इस दिन के बाद से, मारियो समझ जाता है कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो उसकी वास्तव में परवाह करते हैं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची दोस्ती केवल मौकों पर साथ होने से नहीं होती, बल्कि कठिन समय में एक-दूसरे का साथ देने और परवाह करने से होती है।
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