The Kites – Part 2
The poem The Kites by Daphne Lister beautifully captures the imagination of a child as they watch kites flying high in the sky. The poem begins with the child observing the kites and comparing them to colorful birds flying in the wind. The child is filled with wonder and excitement, wishing they could be as small and light as air to ride the kite and fly high in the sky.
As the poem progresses, the child imagines themselves drifting on the kite’s paper wings, listening to the songs of the wild wind. The child’s excitement grows as they picture themselves looking down from high in the sky, over the park and the rooftops of the town. The poem paints a vivid picture of freedom and joy, as the child fantasizes about flying above the world, feeling the thrill of being far above everything and everyone.
Towards the end of the poem, the child imagines people on the ground staring up at them, wishing they could be in the child’s place, soaring high in the sky. The poem emphasizes the child’s desire for adventure and the magical feeling of flight.
Through the use of simple and descriptive language, the poet conveys the childlike wonder and fascination with kites, symbolizing freedom, imagination, and the joy of flying. The poem captures the essence of childhood dreams and the limitless possibilities of the imagination.
Summary in hindi
डैफनी लिस्टर द्वारा लिखी गई कविता The Kites एक बच्चे की कल्पना और उसके द्वारा आकाश में उड़ते पतंगों को देखने की अद्भुत भावना को दर्शाती है। कविता की शुरुआत में बच्चा आकाश में उड़ते हुए पतंगों को देखता है और उनकी तुलना रंग-बिरंगे पक्षियों से करता है, जो हवा में उड़ रहे होते हैं। बच्चा उत्साह और आश्चर्य से भर जाता है, यह सोचते हुए कि काश वह भी हवा की तरह हल्का होता और पतंग पर सवार होकर ऊंचे आकाश में उड़ पाता।
जैसे-जैसे कविता आगे बढ़ती है, बच्चा खुद को पतंग के कागज़ी पंखों पर सवार होकर हवा के गीतों को सुनता हुआ कल्पना करता है। बच्चा सोचता है कि वह आकाश से नीचे पार्क और शहर की छतों को देख रहा है, और यह कल्पना उसे रोमांच से भर देती है। कविता स्वतंत्रता और आनंद की एक जीवंत तस्वीर पेश करती है, क्योंकि बच्चा दुनिया के ऊपर उड़ने और हर चीज़ से दूर होने की कल्पना करता है।
कविता के अंत में, बच्चा सोचता है कि ज़मीन पर खड़े लोग उसकी ओर देख रहे हैं, यह सोचते हुए कि काश वे भी उसकी जगह होते और आकाश में उड़ रहे होते। कविता बच्चे की साहसिकता की इच्छा और उड़ने के जादुई एहसास पर जोर देती है।
इस सरल और वर्णनात्मक भाषा के माध्यम से कवि ने बच्चों की कल्पनाओं, स्वतंत्रता की इच्छा और उड़ने के आनंद को बखूबी दर्शाया है। यह कविता बचपन के सपनों और असीम संभावनाओं का प्रतीक है, जो हर बच्चे के मन में होती हैं।
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