मातुलचन्द्र
Solutions For All Chapters Sanskrit Class 6
Ans 2: पद्यांशान् योजयत-
मातुल! किरसि | कथं न स्नेहम् |
तारकखचितं | चन्द्रिकावितानम् |
त्वरितमेहि मां | श्रावय गीतिम् |
अतिशयविस्तृत | नीलाकाशः |
धवलं तव | सितपरिधानम् |
Ans 3:पद्यांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत- (क) प्रिय मातुल! वर्धय मे प्रीतिम्। (ख) कथं प्रयास्यसि मातुलचंद्र। (ग) नैव दृश्यते क्वचिदवकाशः। (घ) मह्यम् दास्यसि मातुलचन्द्र! (ङ) कथमायासि न भो! मम गेहम्।
Ans 4: प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (क) अस्मिन् पाठे चन्द्रः मातुलः। (ख) नीलाकाशः अतिश्यविस्तृतः अस्ति। (ग) मातुलचन्द्रः स्नेहम् न किरति। (घ) गीतिं श्रावयितुं शिशुः चन्द्रं कथयति। (ङ) चन्द्रस्य सितपरिधानं तारकखचितं अस्ति।
Ans 5: उदाहरणानुसारं निम्नलिखितपदानि सम्बोधने परिवर्तयत-
यथा- चन्द्रः | – | चन्द्र! |
(क) शिष्यः | – | शिष्य! |
(ख) गोपालः | – | गोपाल! |
यथा- बालिका | – | बालिके! |
(क) प्रियंवदा | – | प्रियंवदे! |
(ख) लता | – | लते! |
यथा- फलम् | – | फल! |
(क) मित्रम् | – | मित्र! |
(ख) पुस्तकम् | – | पुस्तक! |
यथा- रविः | – | रवे! |
(क) मुनि: | – | मुने! |
(ख) कविः | – | कवे! |
यथा- साधुः | – | साधो! |
(क) भानुः | – | भानो! |
(ख) पशुः | – | पशो! |
यथा- नदी | – | नदि! |
(क) देवी | – | देवि! |
(ख) मानिनी | – | मानिनि! |
Ans 6: मञ्जूषात: उपयुक्तानाम् अव्ययपदानां प्रयोगेण रिक्तस्थानानि पूरयत-
कुतः | कदा | कुत्र | कथं | किम् |
(क) जगन्नाथपुरी कुत्र अस्ति?
(ख) त्वं कदा पुरीं गमिष्यसि?
(ग) गङ्गानदी कुतः प्रवहति?
(घ) तव स्वास्थ्यं कथम् अस्ति?
(ङ) वर्षाकाले मयूराः किम् कुर्वन्ति?
Ans 7: तत्समशब्दान् लिखत-
मामा | मातुल। |
मोर | मयूरः |
तारा | तारकम् |
कोयल | कोकिलः |
कबूतर | कपोतः |
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