BSEB Solutions For All Chapters Vigyan Class 7
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(i) अम्ल नीले लिटमस पत्र को ………….. कर देता है।
(ii) अम्ल का स्वाद…………… और क्षार का स्वाद ………….. होता है।
(iii) उदासीनीकरण अभिक्रिया में ……….. और ……….. बनते
(iv) हल्दी पत्र पर खड़िया पाउडर घोल डालने से इसका रंग ………… हो जाता है।
(v) नीला थोथा (कॉपर सल्फेट) एक …………. है।
उत्तर:
(i) लाल
(ii) खट्टा, कड़वा
(iii) लवण, जल
(iv) परिवर्तन
(v) लवण ।
प्रश्न 2.
मिलान कीजिए –
उत्तर:
(i) (c)
(ii) (d)
(iii) (e)
(iv) (a)
(v) (b)
प्रश्न 3.
अम्लों एवं क्षारों के बीच अंतर बताइए।
उत्तर:
अम्ल खट्टे होते हैं, नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। क्षार के साथ अभिक्रिया कर लवण और जल बनाते हैं।
क्षार का स्वाद कड़वा होता है ये लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है। अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर लवण और जल बनाता।
प्रश्न 4.
एक प्रयोगशाला में शिक्षक ने अम्ल और क्षार के 1.1 लीटर विलयन (घोल) बनाकर रखा। अम्ल के विलयन की दस बंदों से क्षार की दस बूंदों का उदासीनीकरण होता था। गलती से दोनों में से एक विलयन में पानी गिर गया। जब फिर से उदासीनीकरण किया गया तो अम्ल की 10 बूंदों के लिए क्षार की 15 बूंदें लगी। बताएँ कि पानी किस घोल में गिर गया था और कितना पानी गिरा होगा?
उत्तर:
पानी क्षार में गिरा क्योंकि अम्ल को उदासीन करने के लिए ज्यादा क्षार की आवश्यकता होती है। 10 बूंद अम्ल को उदासीन करने के लिए 15 बूंद क्षार लगते हैं।
1 बूंद अम्ल को उदासीन करने के लिए 15 / 10 = 1.5 बूंद ।
अर्थात् 11/2 गुना अधिक क्षार लगते हैं।
प्रश्न 5.
ऐसा क्यों होता है –
(i) जब आप अति अम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रति अम्ल की गोली लेते हैं।
उत्तर:
अम्ल की मात्रा बढ़ जाने पर हमें प्रति अम्ल की गोलो अर्थात् क्षारीय गोली लेनी पड़ती ताकि अम्ल को क्षार उदासीन कर सकता है।
(ii) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
उत्तर:
चींटी काटती है तो फार्मिक अम्ल त्वचा पर छोड़ देता है जिसे जलन और फोले पर जाते हैं कैलोमाइन का विलयन क्षारीय होता है जिसे लगाने पर उदासीन कर देता है और जलन कम हो जाती है।
(iii) कारखाने के अपशिष्ट को नदियों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।
उत्तर:
कारखानों के अपशिष्ट अम्लीय होते हैं। ये नदियों में मिलने पर जलीय जंतुओं को क्षति होती है। उनकी मृत्यु हो जाती है। इसलिए अपशिष्ट को उदासीन किया जाता है।
(iv) ताजमहल की सुन्दरता नष्ट होती जा रही है।
उत्तर:
प्रश्न 6.
उदासीनीकरण की प्रक्रिया के दो उदाहरण देते हुए समझाइए।
उत्तर:
विलियन जब न तो अम्लीय होता है और क्षारीय तो इस क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं। जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में सोडियम हाइड्रोक्साइड डाला जाता है तो एक नया पदार्थ बनता है जो न अम्लीय होता है और न क्षारीय लवण बनता है। अतः यह उदासीनीकरण क्रियाकरण है।
इसी प्रकार जब चूने जल में सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाते हैं तो कैल्शियम सल्फेट के लवण बनते हैं जो न अम्लीय होते हैं और न क्षारीय । बने दोनों लवणों में जब सूचक डालते हैं तो उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता और तब कहते हैं कि लवण उदासीन है।
प्रश्न 7.
तीन बोतलों में अम्ल, क्षार और उदासीन विलयन दिये गये हैं। परन्तु इन बोतलों पर विलयन का नाम नहीं लिखा गया है । हल्दी पत्र द्वारा विलयन की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
तीनों बोतलों पर A, B और C लिखकर चिपका देते हैं। बोतल A लेते हैं उसमें हल्दी-पत्र डालते हैं अगर कोई परिवर्तन नहीं होता है तो – समझते हैं कि अम्ल है, बोतल B में हल्दी के पत्र डालते हैं तो यदि रंग परिवर्तन, लाल हो जाता है तो बोतल में क्षार है। अब C बोतल में हल्दी पत्र डालते तो कोई प्रभाव नहीं हो तो वह उदासीन है या अम्ल कहना मुश्किल है। अत: A और C में विलयन की जाँच लिटमस पत्र डालकर करते हैं। यदि नीले लिटमस पत्र डालते हैं जिस बोतल में लाल हो जाता है वह अम्ल और जिस पर प्रभाव नहीं पड़ता है उदासीन विलयन है।
प्रश्न 8.
क्या आसुत जल अम्लीय/क्षारीय/उदासीन होता है ? आप इसकी पुष्टि कैसे करेंगे?
उत्तर:
जब आसुत जल में नीले लिटमस पत्र और लाल लिटमस पर डालकर देखते हैं। यदि नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है तो समझते हैं कि आसुत अम्लीय और लाल लिटमस को नीला कर देता है तो क्षार और कोई प्रभाव नहीं पड़ता है तो उदासीन है। आसुत जल नीले लिटमस को लाल कर देता है अतः अम्ल है।
प्रश्न 9.
नीले लिटमस पत्र को एक विलयन में डुबोया गया। यह नीला ही रहता है। विलयन की प्रकृति क्या है ? समझाएँ।
उत्तर:
विलयन या तो क्षारीय है या उदासीन हो सकता है।
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