Imp Questions For All Chapters – विज्ञान Class 7
Short Questions
प्रश्न: दीप्त पिंड क्या होते हैं?
उत्तर: जो पिंड स्वयं अपना प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, वे दीप्त पिंड कहलाते हैं।
प्रश्न: चंद्रमा दीप्त पिंड है या अदीप्त पिंड?
उत्तर: चंद्रमा अदीप्त पिंड है।
प्रश्न: प्रकाश किस तरह गमन करता है?
उत्तर: प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है।
प्रश्न: पारदर्शी पदार्थों से प्रकाश कैसे गुजरता है?
उत्तर: पारदर्शी पदार्थों से प्रकाश लगभग पूर्णतः पार हो जाता है।
प्रश्न: अपारदर्शी पदार्थों से प्रकाश का संचरण होता है या नहीं?
उत्तर: अपारदर्शी पदार्थों से प्रकाश का संचरण नहीं होता।
प्रश्न: छाया कैसे बनती है?
उत्तर: जब कोई अपारदर्शी वस्तु प्रकाश के मार्ग को अवरुद्ध करती है, तो छाया बनती है।
प्रश्न: पारभासी वस्तुएँ कैसी छाया बनाती हैं?
उत्तर: पारभासी वस्तुएँ हल्की या धुंधली छाया बनाती हैं।
प्रश्न: प्रकाश का परावर्तन क्या है?
उत्तर: दर्पण द्वारा प्रकाश की दिशा को परिवर्तित करना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।
प्रश्न: समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब कैसा होता है?
उत्तर: समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब सीधा और वस्तु के समान आकार का होता है।
प्रश्न: समतल दर्पण में प्रतिबिंब में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर: समतल दर्पण में प्रतिबिंब में पार्श्विक उत्क्रमण होता है।
प्रश्न: सूचीछिद्र कैमरा में बना प्रतिबिंब कैसा होता है?
उत्तर: सूचीछिद्र कैमरा में बना प्रतिबिंब उल्टा (ऊर्ध्वाधरतः व्युत्क्रमित) होता है।
प्रश्न: परिदर्शी का उपयोग कहाँ किया जाता है?
उत्तर: परिदर्शी का उपयोग पनडुब्बियों, टैंकों और बंकरों में बाहर देखने के लिए किया जाता है।
प्रश्न: बहुमूर्तिदर्शी में कितने दर्पण होते हैं?
उत्तर: बहुमूर्तिदर्शी में तीन समतल दर्पण होते हैं।
प्रश्न: एल.ई.डी. लैंप के क्या लाभ हैं?
उत्तर: एल.ई.डी. लैंप कम बिजली खपत करते हैं, अधिक समय तक चलते हैं और पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं।
प्रश्न: छाया नाटक क्या है?
उत्तर: छाया नाटक में सपाट कटी हुई आकृतियों को प्रकाश स्रोत और पर्दे के बीच रखकर जीवंत छायाएँ बनाई जाती हैं।
Long Questions
प्रश्न: प्रकाश के स्रोत क्या हैं? दीप्त और अदीप्त पिंडों में क्या अंतर है?
उत्तर: प्रकाश के स्रोत वे पदार्थ हैं जो प्रकाश उत्पन्न करते हैं। सूर्य, तारे, तड़ित, अग्नि और कुछ जंतु जैसे जुगनू स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, इसलिए इन्हें दीप्त पिंड कहते हैं। चंद्रमा जैसे पिंड जो स्वयं प्रकाश नहीं बनाते, बल्कि सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं, उन्हें अदीप्त पिंड कहते हैं।
प्रश्न: प्रकाश के सरल रेखा में गमन करने का क्या अर्थ है? इसे सिद्ध करने के लिए कोई एक प्रयोग बताइए।
उत्तर: प्रकाश का सरल रेखा में गमन करने का अर्थ है कि यह सीधी रेखा में चलता है। इसे सिद्ध करने के लिए क्रियाकलाप 11.1 में तीन माचिस की डिब्बियों में छेद करके और टॉर्च का प्रकाश उनसे गुजारकर देखा जाता है। जब छेद एक सीधी रेखा में होते हैं, तो पर्दे पर प्रकाश का चमकदार बिंदु दिखता है। अगर कोई डिब्बी हटाई जाए, तो बिंदु नहीं दिखता, जो दर्शाता है कि प्रकाश सीधी रेखा में चलता है।
प्रश्न: पारदर्शी, पारभासी और अपारदर्शी पदार्थों से प्रकाश का संचरण कैसे होता है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: पारदर्शी पदार्थ (जैसे काँच) से प्रकाश लगभग पूरी तरह पार हो जाता है। पारभासी पदार्थ (जैसे अनुरेखण पत्र) से प्रकाश आंशिक रूप से पार होता है, यानी कुछ प्रकाश दिखता है, लेकिन धुंधला। अपारदर्शी पदार्थ (जैसे गत्ता) से प्रकाश बिल्कुल पार नहीं होता। उदाहरण: काँच से आप दूसरी ओर साफ देख सकते हैं, अनुरेखण पत्र से धुंधला दिखता है, और गत्ते से कुछ भी नहीं दिखता।
प्रश्न: छाया कैसे बनती है? छाया के बनने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होती है?
उत्तर: जब कोई अपारदर्शी वस्तु प्रकाश के रास्ते में आती है, तो वह प्रकाश को रोकती है, और जहाँ प्रकाश नहीं पहुँचता, वहाँ काली आकृति बनती है, जिसे छाया कहते हैं। छाया बनने के लिए तीन चीजें चाहिए: प्रकाश स्रोत (जैसे टॉर्च), अपारदर्शी वस्तु (जैसे गेंद), और पर्दा (जैसे दीवार या फर्श)।
प्रश्न: समतल दर्पण में प्रतिबिंब की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर: समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब निम्नलिखित विशेषताएँ रखता है:
यह वस्तु के समान आकार का होता है।
यह सीधा होता है, यानी ऊपर-नीचे उल्टा नहीं होता।
यह पार्श्वतः व्युत्क्रमित होता है, यानी बायाँ-दायाँ उल्टा दिखता है।
इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।
प्रश्न: सूचीछिद्र कैमरा क्या है? यह किस तरह प्रतिबिंब बनाता है?
उत्तर: सूचीछिद्र कैमरा एक ऐसी युक्ति है जिसमें प्रकाश एक छोटे छेद (सूचीछिद्र) से होकर गुजरता है और पर्दे पर वस्तु का प्रतिबिंब बनाता है। यह प्रतिबिंब ऊर्ध्वाधरतः व्युत्क्रमित (उल्टा) होता है। उदाहरण के लिए, क्रियाकलाप 11.9 में मोमबत्ती की लौ का उल्टा प्रतिबिंब पर्दे पर बनता है।
प्रश्न: परिदर्शी (पेरिस्कोप) कैसे काम करता है? इसका उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर: परिदर्शी में दो समतल दर्पण Z आकार के बॉक्स में लगे होते हैं। ये दर्पण प्रकाश को परावर्तित करके हमें उन वस्तुओं को देखने में मदद करते हैं जो सीधे दिखाई नहीं देतीं। इसका उपयोग पनडुब्बियों, टैंकों, और सैनिकों के बंकरों में बाहर देखने के लिए होता है।
प्रश्न: बहुमूर्तिदर्शी (कैलाइडोस्कोप) कैसे बनाया जाता है और यह कैसे काम करता है?
उत्तर: बहुमूर्तिदर्शी बनाने के लिए तीन समतल दर्पणों को त्रिभुजाकार आकृति में जोड़ा जाता है और इसे एक बेलनाकार नली में रखा जाता है। नली के एक सिरे पर रंगबिरंगी चूड़ियाँ या मनके और पारभासी कागज लगाया जाता है। जब इसे देखते हैं, तो दर्पणों में बार-बार परावर्तन होने से सुंदर प्रतिरूप बनते हैं। इसे घुमाने पर हर बार नया प्रतिरूप दिखता है।
प्रश्न: एल.ई.डी. लैंप के क्या फायदे हैं और इन्हें कैसे निपटाना चाहिए?
उत्तर: एल.ई.डी. लैंप कम बिजली खपत करते हैं, पारंपरिक बल्बों से अधिक चमकदार होते हैं, और लंबे समय तक चलते हैं। ये पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं। जब ये खराब हो जाएँ, तो इन्हें सामान्य कचरे में नहीं फेंकना चाहिए, बल्कि उचित निपटान या पुनर्चक्रण करना चाहिए।
प्रश्न: छाया नाटक क्या है और इसके क्या उपयोग हैं?
उत्तर: छाया नाटक में सपाट कटी हुई आकृतियों (छाया कठपुतलियों) को प्रकाश स्रोत और पर्दे के बीच रखा जाता है। इन्हें हिलाकर जीवंत छायाएँ बनाई जाती हैं। यह कला मनोरंजन के साथ-साथ महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देने के लिए भी उपयोग होती है, जैसे महाराष्ट्र में ‘चरम बाहुली नाट्य’ और केरल में ‘थोलपावकूथु’।
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