Imp Questions For All Chapters – विज्ञान Class 7
Short Questions
प्रश्न: समय का मापन सबसे पहले किन प्राकृतिक घटनाओं के आधार पर किया गया?
उत्तर: सूर्य का उदय और अस्त, चंद्रमा की कलाएँ, और ऋतुओं का परिवर्तन।
प्रश्न: धूप घड़ी समय का मापन कैसे करती थी?
उत्तर: सूर्य के प्रकाश से वस्तु की परछाई की स्थिति के आधार पर।
प्रश्न: जल घड़ी में समय मापन के लिए क्या उपयोग किया जाता था?
उत्तर: जल के प्रवाह का उपयोग।
प्रश्न: रेत घड़ी में समय कैसे मापा जाता था?
उत्तर: एक बल्ब से दूसरे बल्ब में रेत के प्रवाह के आधार पर।
प्रश्न: मोमबत्ती घड़ी में समय का मापन कैसे होता था?
उत्तर: मोमबत्ती पर अंशांकन के आधार पर, जो जलने के समय को दर्शाता था।
प्रश्न: सबसे बड़ी धूप घड़ी का नाम क्या है?
उत्तर: सम्राट यंत्र।
प्रश्न: सम्राट यंत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर: जयपुर के जंतर-मंतर में।
प्रश्न: लोलक घड़ी का आविष्कार किसने किया?
उत्तर: क्रिश्चियन हाइगेन्स ने।
प्रश्न: सरल लोलक में क्या होता है?
उत्तर: एक धातु का गोलक धागे से लटका होता है जो दोलन करता है।
प्रश्न: लोलक का दोलनकाल क्या होता है?
उत्तर: एक दोलन पूरा करने में लिया गया समय।
प्रश्न: समय का SI मात्रक क्या है?
उत्तर: सेकंड (s)।
प्रश्न: चाल की परिभाषा क्या है?
उत्तर: इकाई समय में चली गई दूरी।
प्रश्न: चाल का SI मात्रक क्या है?
उत्तर: मीटर प्रति सेकंड (m/s)।
प्रश्न: एकसमान रेखीय गति क्या है?
उत्तर: सरल रेखा में नियत चाल से गति।
प्रश्न: असमान रेखीय गति में क्या होता है?
उत्तर: चाल बदलती रहती है।
Long Questions
प्रश्न: प्राचीन समय में लोग घड़ियों के बिना समय का मापन कैसे करते थे?
उत्तर: प्राचीन समय में लोग समय मापने के लिए प्राकृतिक घटनाओं का उपयोग करते थे, जैसे सूर्य का उदय और अस्त, चंद्रमा की बदलती कलाएँ, और ऋतुओं का परिवर्तन। उन्होंने पंचांग बनाए और सूर्य के चक्र से दिन को परिभाषित किया। इसके अलावा, धूप घड़ी, जल घड़ी, रेत घड़ी, और मोमबत्ती घड़ी जैसे यंत्रों का उपयोग किया जाता था। धूप घड़ी में सूर्य की परछाई, जल घड़ी में जल का प्रवाह, रेत घड़ी में रेत का प्रवाह, और मोमबत्ती घड़ी में जलने का समय मापा जाता था।
प्रश्न: धूप घड़ी और जल घड़ी के कार्य करने का तरीका समझाइए।
उत्तर: धूप घड़ी सूर्य के प्रकाश से किसी वस्तु की परछाई की बदलती स्थिति के आधार पर समय मापती थी। जैसे-जैसे सूर्य चलता था, परछाई की स्थिति बदलती थी, जिससे समय का अनुमान लगाया जाता था। जल घड़ी दो प्रकार की होती थीं। एक में जल एक पात्र से बाहर या अंदर बहता था, जिसके स्तर से समय मापा जाता था। दूसरे प्रकार में एक छिद्र वाला कटोरा जल पर तैरता था, जो धीरे-धीरे पानी से भरकर डूब जाता था। इस डूबने के समय से समय मापा जाता था।
प्रश्न: सम्राट यंत्र क्या है और यह कैसे काम करता है?
उत्तर: सम्राट यंत्र पत्थरों से बनी सबसे बड़ी धूप घड़ी है, जो जयपुर के जंतर-मंतर में स्थित है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर है। इसकी ऊँचाई 27 मीटर है, और इसकी छाया हर सेकंड में लगभग 1 मिलीमीटर स्थानांतरित होती है। यह छाया एक मापक पर पड़ती है, जिसे 2 सेकंड तक की छोटी अवधि मापने के लिए अंशांकित किया गया है। यह सौर समय मापता है, जिसे भारतीय मानक समय के लिए संशोधित करना पड़ता है।
प्रश्न: लोलक घड़ी का आविष्कार कैसे हुआ और इसके पीछे गैलीलियो की क्या भूमिका थी?
उत्तर: लोलक घड़ी का आविष्कार 1656 में क्रिश्चियन हाइगेन्स ने किया, जिन्हें गैलीलियो गैलिली के प्रयोगों से प्रेरणा मिली। गैलीलियो ने एक बार गिरजाघर में लटके लैंप के दोलन को देखा और अपनी नाड़ी से समय मापकर पाया कि प्रत्येक दोलन में समय समान था। उनके प्रयोगों से यह निष्कर्ष निकला कि एक निश्चित लंबाई के लोलक का दोलनकाल हमेशा समान रहता है, जिसने लोलक घड़ी के विकास में मदद की।
प्रश्न: सरल लोलक क्या है और इसका दोलनकाल कैसे मापा जाता है?
उत्तर: सरल लोलक में एक धातु का गोलक एक लंबे धागे से किसी दृढ़ आधार पर लटका होता है। जब गोलक को हल्के से विस्थापित कर छोड़ा जाता है, तो यह दोलन करता है। एक दोलन पूरा करने में लिया गया समय दोलनकाल कहलाता है। इसे मापने के लिए, एक 100 सेमी लंबी डोरी से लटके गोलक को दोलन कराया जाता है, और 10 दोलनों में लगे समय को घड़ी से मापकर 10 से विभाजित किया जाता है। यह दोलनकाल लगभग अचर रहता है।
प्रश्न: चाल की गणना कैसे की जाती है और इसका SI मात्रक क्या है?
उत्तर: चाल की गणना किसी वस्तु द्वारा चली गई कुल दूरी को उस दूरी को तय करने में लगे कुल समय से विभाजित करके की जाती है। सूत्र है: चाल = कुल दूरी ÷ कुल समय। चाल का SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड (m/s) है। इसे किलोमीटर प्रति घंटा (km/h) में भी व्यक्त किया जा सकता है, अगर दूरी किलोमीटर में और समय घंटों में हो।
प्रश्न: एकसमान और असमान रेखीय गति में क्या अंतर है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: एकसमान रेखीय गति में वस्तु सरल रेखा में नियत चाल से चलती है, यानी समान समय में समान दूरी तय करती है। उदाहरण: एक रेलगाड़ी जो दो स्टेशनों के बीच एक ही चाल से चलती है। असमान रेखीय गति में चाल बदलती रहती है, यानी समान समय में अलग-अलग दूरी तय होती है। उदाहरण: रेलगाड़ी जो स्टेशन से शुरू होकर तेज होती है, फिर धीमी होकर रुकती है।
प्रश्न: जल घड़ी बनाने की प्रक्रिया को चित्र 8.5 के आधार पर समझाइए।
उत्तर: जल घड़ी बनाने के लिए एक पारदर्शी प्लास्टिक की बोतल (1/2 लीटर) लें और उसे बीच से काटकर दो भाग करें। बोतल के ढक्कन में ड्राइंग-पिन से छोटा छिद्र बनाएँ। बोतल का ऊपरी भाग उल्टा करके निचले भाग पर रखें। ऊपरी भाग में रंग मिला जल भरें। जल बूंद-बूंद निचले भाग में गिरेगा। हर मिनट बाद जल स्तर को अंकित करें। जब जल किसी अंकित चिह्न तक पहुँचे, तो एक मिनट बीतने का संकेत मिलता है।
प्रश्न: समय मापन के आधुनिक तरीकों और प्राचीन तरीकों में क्या अंतर है?
उत्तर: प्राचीन समय में समय मापन के लिए धूप घड़ी, जल घड़ी, रेत घड़ी, और मोमबत्ती घड़ी का उपयोग होता था, जो कम यथार्थ थे। आधुनिक घड़ियाँ क्वार्ट्ज मणि या परमाणु कंपनों पर आधारित होती हैं, जो बहुत परिशुद्ध हैं। उदाहरण के लिए, पुरानी लोलक घड़ियाँ प्रतिदिन 10 सेकंड आगे-पीछे हो सकती थीं, जबकि परमाणु घड़ियाँ लाखों साल में केवल 1 सेकंड का अंतर देती हैं।
प्रश्न: उदाहरण 8.1 के आधार पर स्वाति की साइकिल की चाल कैसे निकाली गई?
उत्तर: स्वाति का विद्यालय उसके घर से 3.6 किमी दूर है, और वह 15 मिनट में वहाँ पहुँचती है। चाल निकालने के लिए:
चाल = दूरी ÷ समय
= 3.6 किमी ÷ 15 मिनट
= (3.6 × 1000 मीटर) ÷ (15 × 60 सेकंड)
= 3600 मीटर ÷ 900 सेकंड
= 4 मीटर/सेकंड। इस तरह स्वाति की साइकिल की चाल 4 m/s है।
Leave a Reply