Notes For All Chapters – विज्ञान Class 7
1. प्रकाश के स्रोत
1. सूर्य : प्राकृतिक प्रकाश का मुख्य स्रोत।
2.अन्य प्राकृतिक स्रोत : तारे, बिजली की चमक (तड़ित), अग्नि, जुगनू आदि।
3.कृत्रिम स्रोत :
- प्रारंभिक – अग्नि, तेल के दीये, मोमबत्ती।
- आधुनिक – बिजली के बल्ब, ट्यूब लाइट, LED लैंप।
4.दीप्त पिंड (Luminous objects) : वे पिंड जो स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करते हैं (जैसे – सूर्य, तारे, अग्नि)।
5.अदीप्त पिंड (Non-luminous objects) : वे पिंड जो स्वयं प्रकाश नहीं निकालते, बल्कि परावर्तन से दिखाई देते हैं (जैसे – चंद्रमा, दर्पण)।
2. प्रकाश का गमन
- प्रकाश सरल रेखा में चलता है।
प्रमाण :
- माचिस की डिब्बियों में छेद करके टॉर्च की किरण केवल तब गुजरती है जब सभी छेद एक सीध में हों।
- सीधी पाइप से मोमबत्ती की लौ दिखाई देती है, मुड़ी पाइप से नहीं।
3. पारदर्शी, पारभासी और अपारदर्शी पदार्थ
- पारदर्शी पदार्थ : प्रकाश को पूरी तरह गुजरने देते हैं (जैसे – काँच, स्वच्छ पानी)।
- पारभासी पदार्थ : प्रकाश को आंशिक रूप से गुजरने देते हैं (जैसे – धुंधला काँच, तेल लगा कागज)।
- अपारदर्शी पदार्थ : प्रकाश को बिल्कुल नहीं गुजरने देते (जैसे – लकड़ी, पत्थर, धातु, गत्ता)।
4. छाया (Shadow)
- जब अपारदर्शी वस्तु प्रकाश के मार्ग को रोक देती है तो पर्दे/दीवार पर काली आकृति बनती है, इसे छाया कहते हैं।
विशेषताएँ :
- अपारदर्शी वस्तुएँ → गहरी छाया।
- पारभासी वस्तुएँ → हल्की/धुंधली छाया।
- पारदर्शी वस्तुएँ → बहुत हल्की छाया।
छाया बनने के लिए तीन चीजें आवश्यक :
- प्रकाश स्रोत
- अपारदर्शी वस्तु
- पर्दा/सतह
छाया का आकार वस्तु और प्रकाश स्रोत की दूरी पर निर्भर करता है।
5. प्रकाश का परावर्तन (Reflection)
- जब प्रकाश किसी चमकीली सतह (जैसे – दर्पण, स्टील की प्लेट) से टकराकर दिशा बदलता है तो इसे परावर्तन कहते हैं।
- परावर्तन से ही हम दर्पण में अपना चेहरा देख पाते हैं।
6. समतल दर्पण से प्रतिबिंब (Image in Plane Mirror)
प्रतिबिंब की विशेषताएँ :
- प्रतिबिंब और वस्तु का आकार समान होता है।
- प्रतिबिंब सीधा होता है।
- प्रतिबिंब पर्दे पर नहीं प्राप्त किया जा सकता।
- प्रतिबिंब में पार्श्व उत्क्रमण (Left-Right inversion) होता है।
- जैसे – “AMBULANCE” उल्टा लिखा जाता है ताकि दर्पण में सही दिखाई दे।
7. सूचीछिद्र कैमरा (Pinhole Camera)
एक छोटा छेद और पर्दे का उपयोग करके वस्तु का प्रतिबिंब बनाता है।
इसमें बना प्रतिबिंब :
- व्युत्क्रमित (उल्टा) होता है।
- पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
8. उपयोगी उपकरण
(i) परिदर्शी (Periscope)
- दो समतल दर्पणों से बना उपकरण।
- उपयोग : पनडुब्बियों, टैंकों और बंकरों से बाहर देखने में।
(ii) बहुमूर्तिदर्शी (Kaleidoscope)
- तीन दर्पणों से बना उपकरण।
- इसमें रंग-बिरंगे कांच/चूड़ियों के टुकड़ों से सुंदर प्रतिरूप (patterns) दिखाई देते हैं।
- कलाकार व डिजाइनर नए डिज़ाइन बनाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
संक्षेप में
- दीप्त वस्तुएँ = स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करती हैं।
- प्रकाश = सरल रेखा में गमन करता है।
- पारदर्शी = पूरा प्रकाश, पारभासी = आंशिक प्रकाश, अपारदर्शी = प्रकाश अवरुद्ध।
- छाया = अपारदर्शी वस्तु द्वारा बनी काली आकृति।
- परावर्तन = दर्पण द्वारा प्रकाश की दिशा बदलना।
- समतल दर्पण → समान आकार, सीधा, पार्श्व उत्क्रमित प्रतिबिंब।
- सूचीछिद्र कैमरा → पर्दे पर उल्टा प्रतिबिंब।
- परिदर्शी व बहुमूर्तिदर्शी = परावर्तन के आधार पर बने उपकरण।
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