Notes For All Chapters – विज्ञान Class 7
परिचय
- किशोरावस्था: 10 से 19 वर्ष की आयु, जब बच्चा वयस्क बनने की ओर बढ़ता है।
- इसमें शारीरिक, जैविक, संवेगात्मक और व्यवहारगत परिवर्तन होते हैं।
- सभी व्यक्तियों में परिवर्तन की गति और समय अलग-अलग, जो सामान्य है।
6.1 आयु के साथ वृद्धि
लंबाई और वजन: तेजी से बढ़ता है, खासकर किशोरावस्था में।
शारीरिक परिवर्तन:
- लड़के: कंधे और सीना चौड़ा।
- लड़कियाँ: स्तनों का विकास।
आवाज में बदलाव:
- लड़के: वाक्-यंत्र (लैरिंक्स) बढ़ने से आवाज भारी, कंठमणि (एडम्स एप्पल) दिखाई देता है।
- लड़कियाँ: आवाज में कम बदलाव।
बालों का विकास: बगल, जघन क्षेत्र, लड़कों में चेहरा/सीना।
त्वचा में परिवर्तन: मुंहासे (ऐक्नी) तैलीय स्राव के कारण।
द्वितीयक लैंगिक विशेषताएँ: आवाज, बाल, स्तन विकास; जनन में शामिल नहीं, पर पुरुष-महिला में अंतर दर्शाते हैं।
यौवनारंभ: शरीर जनन के लिए तैयार होता है।
6.2 जनन क्षमता
आंतरिक परिवर्तन: जनन अंगों की परिपक्वता।
मासिक धर्म (लड़कियाँ):
- 28-30 दिन (21-35 दिन सामान्य) के अंतराल पर, 3-7 दिन तक।
- 45-55 वर्ष में बंद, जनन क्षमता का अंत।
मासिक धर्म मिथक: अपवित्रता जैसे गलत विचारों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं।
6.3 संवेगात्मक और व्यवहारगत परिवर्तन
- संवेग: मनोदशा में बदलाव, संवेदनशीलता बढ़ना।
- व्यवहार: संगीत, खेल, सामाजिक कार्यों में रुचि।
- संवेग व्यवहार को प्रभावित करते हैं; समझदारी से निर्णय लेना जरूरी।
6.4 किशोरावस्था को सुखद बनाना
6.4.1 पोषण
जरूरी पोषक:
- प्रोटीन: वृद्धि, ताकत (दूध, श्री अन्न, दही)।
- कैल्सियम: हड्डियाँ (दूध, पनीर)।
- आयरन: रक्त निर्माण (पालक, राजमा, सूखे मेवे)।
- विटामिन B12: भोजन से (दूध, मांस)।
स्वास्थ्य समस्याएँ: आयरन/विटामिन B12 की कमी से रक्त विकार।
6.4.2 स्वच्छता
शारीरिक: बगल, जघन क्षेत्र की सफाई।
मासिक धर्म स्वच्छता:
- सैनिटरी पैड/पुनः प्रयोज्य कपड़े।
- जैव-निम्नीकरणीय पैड पर्यावरण के लिए बेहतर।
- पैड को कागज में लपेटकर कूड़ेदान में डालें।
सरकारी योजनाएँ:
- मासिक धर्म स्वच्छता योजना (MHS): सस्ते/मुफ्त पैड।
- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK): स्वास्थ्य और स्वच्छता।
- सुविधा सैनिटरी नैपकिन: जैव-निम्नीकरणीय पैड।
- राज्य योजनाएँ: जैसे कर्नाटक की ‘शुचि योजना’।
6.4.3 शारीरिक गतिविधियाँ
- व्यायाम/खेल: शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य, ताकत, और मनोदशा में सुधार।
6.4.4 सामाजिक जीवन
- दूसरों के प्रति सम्मान और नम्रता।
- सोशल मीडिया:
- सम्मानपूर्ण व्यवहार, निजता की रक्षा।
- व्यक्तिगत जानकारी/फोटो साझा न करें।
- साइबर उत्पीड़न: माता-पिता/शिक्षकों से मदद लें।
6.4.5 हानिकारक पदार्थ
- पदार्थ: तंबाकू, शराब, ड्रग्स (स्वास्थ्य और लत के लिए हानिकारक)।
- ‘ना’ कहें: दबाव में न आएं, आत्मविश्वास रखें।
- सरकारी पहल:
- नशा मुक्त भारत अभियान: जागरूकता।
- राष्ट्रीय नशा मुक्ति सहायता (14446): व्यसन छोड़ने में मदद।
6.5 हार्मोन की भूमिका
- हार्मोन: शरीर के रसायन, जो वृद्धि, विकास, मासिक धर्म, और यौवनारंभ को नियंत्रित करते हैं।
- मस्तिष्क के संकेत पर बनते हैं, मनोदशा और व्यवहार को प्रभावित करते हैं।
- जागरूकता और मार्गदर्शन से किशोर बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
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