Solutions For All Chapters – विज्ञान Class 7
आइए, और अधिक सीखें
1: निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए –
उत्तर:-
क्र.सं. | विशेषता | प्रकाश संश्लेषण | श्वसन |
---|---|---|---|
1. | कच्चा माल | कार्बन डाइऑक्साइड, जल | ग्लूकोस, ऑक्सीजन |
2. | उत्पाद | ग्लूकोस, ऑक्सीजन | कार्बन डाइऑक्साइड, जल, ऊर्जा |
3. | शब्द समीकरण | कार्बन डाइऑक्साइड + जल → ग्लूकोस + ऑक्सीजन | ग्लूकोस + ऑक्सीजन → कार्बन डाइऑक्साइड + जल + ऊर्जा |
4. | महत्त्व | भोजन का निर्माण, ऊर्जा प्रदान करना | ऊर्जा का उत्पादन, वृद्धि और विकास के लिए |
2.ऐसी परिस्थिति की कल्पना कीजिए जहाँ पृथ्वी पर प्रकाश संश्लेषण करने वाले सभी जीव विलुप्त हो गए हैं। सजीवों पर इसका क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:- यदि प्रकाश संश्लेषण करने वाले सभी जीव विलुप्त हो जाएँ, तो भोजन और ऑक्सीजन का उत्पादन रुक जाएगा। इससे जंतुओं और अन्य सजीवों को भोजन और श्वसन के लिए ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी, जिससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
3.आलू का एक टुकड़ा आयोडीन विलयन से परीक्षण करने पर मंड की उपस्थिति दर्शाता है। आलू में मंड कहाँ से आता है? पौधे में भोजन का संश्लेषण कहाँ पर होता है और यह आलू तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:- आलू में मंड पौधे की पत्तियों में प्रकाश संश्लेषण द्वारा निर्मित ग्लूकोस से आता है, जो मंड में रूपांतरित होकर भंडारित होता है। भोजन का संश्लेषण पत्तियों में होता है। यह भोजन पोषवाह (फ्लोएम) के माध्यम से पौधे के अन्य भागों जैसे जड़ों और आलू तक पहुँचता है।
4.क्या पत्ती की चौड़ी और सपाट संरचना पौधों को प्रकाश संश्लेषण के लिए अधिक सक्षम बनाती है? इसका औचित्य बताइए।
उत्तर:- हाँ, पत्ती की चौड़ी और सपाट संरचना प्रकाश संश्लेषण के लिए अधिक सक्षम बनाती है क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश को अधिक प्रभावी ढंग से ग्रहण करती है। इसकी संरचना के कारण पर्णहरित अधिक प्रकाश अवशोषित कर सकता है, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
5. X, Y के उपयोग द्वारा विघटित होकर कार्बन डाइऑक्साइड Z और ऊर्जा निर्मुक्त करती है।
X + Y → कार्बन डाइऑक्साइड + Z + ऊर्जा
X, Y और Z प्रक्रिया के तीन भिन्न घटक हैं। X, Y और Z किन्हें प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:-
- X: ग्लूकोस
- Y: ऑक्सीजन
- Z: जल
6.कृष्णा ने दो गमलों में लगे समान आमाप के दो पौधों से एक प्रयोग का व्यवस्थापन किया। उसने उनमें से एक गमले को सूर्य के प्रकाश में रखा और दूसरे को एक अँधेरे कमरे में रखा जैसा कि चित्र 10.10 में दर्शाया गया है। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(i) इस प्रयोग के द्वारा वह किसकी जाँच कर रही है?
(ii) दोनों स्थितियों में पौधों में क्या अंतर दिखाई दे रहे हैं?
(iii) आपके अनुसार किस पौधे की पत्तियाँ मंड की उपस्थिति के लिए आयोडीन परीक्षण की पुष्टि करेंगी?
उत्तर:
(i) वह सूर्य के प्रकाश के प्रभाव की जाँच कर रही है।
(ii) सूर्य के प्रकाश में रखा पौधा अधिक वृद्धि करता है और उसकी पत्तियाँ हरी रहती हैं, जबकि अँधेरे में रखा पौधा कम वृद्धि करता है और उसकी पत्तियाँ पीली पड़ सकती हैं।
(iii) सूर्य के प्रकाश में रखे पौधे की पत्तियाँ मंड की उपस्थिति के लिए आयोडीन परीक्षण की पुष्टि करेंगी।
7. वाणी का मानना है कि कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण के लिए अनिवार्य है। उसने अपने विचार के स्वीकृति या अस्वीकृति के लिए चित्र 10.11 में दर्शाए गए अनुसार एक प्रयोग का व्यवस्थापन किया। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) उपर्युक्त व्यवस्थापनों के किन पौधों में मंड बनेगा?
(ii) उपर्युक्त व्यवस्थापनों के किन पौधों में मंड नहीं बनेगा?
(iii) उपर्युक्त व्यवस्थापनों के किन पौधों में ऑक्सीजन उत्पन्न होगी?
(iv) उपर्युक्त व्यवस्थापन के किस पौधे में ऑक्सीजन उत्पन्न नहीं होगी?
उत्तर:- (i) बोतल के बाहर रखे पौधे के भाग में मंड बनेगा।
(ii) बोतल के अंदर रखे पौधे के भाग में मंड नहीं बनेगा।
(iii) बोतल के बाहर रखे पौधे के भाग में ऑक्सीजन उत्पन्न होगी।
(iv) बोतल के अंदर रखे पौधे के भाग में ऑक्सीजन उत्पन्न नहीं होगी।
8.अनन्या ने चार परखनलियाँ ली और प्रत्येक परखनली को पानी से तीन-चौथाई भर लिया। उसने उन्हें क, ख, ग, घ नामांकित किया (चित्र 10.12)। परखनली ‘क’ में उसने एक घोंघे को रखा; परखनली ‘ख’ में उसने एक जलीय पौधे को रखा; परखनली ‘ग’ में उसने घोंघे और पौधे दोनों को रखा। परखनली ‘घ’ में केवल जल रखा। अनन्या ने सभी परखनलियों में कार्बन डाइऑक्साइड सूचक डाला। उसने जल के आरंभिक रंग को अभिलेखित किया और 2-3 घंटे बाद पुनः देखा कि क्या परखनलियों के रंग में कोई परिवर्तन हुआ है। आपके विचार से वह क्या पता करना चाहती है? उसे कैसे पता लगेगा कि वह सही है?
उत्तर:- अनन्या यह पता करना चाहती है कि प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन और उपयोग कैसे होता है। उसे यह पता लगेगा कि परखनली ‘क’ में चूने का पानी दूधिया हो जाएगा क्योंकि घोंघा श्वसन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड निर्मुक्त करता है। परखनली ‘ख’ में रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा या कम होगा क्योंकि जलीय पौधा प्रकाश संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करता है। परखनली ‘ग’ में भी रंग में कम परिवर्तन होगा क्योंकि पौधा कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करता है और घोंघा इसे निर्मुक्त करता है। परखनली ‘घ’ में कोई परिवर्तन नहीं होगा क्योंकि इसमें कोई जीव नहीं है।
9. पौधों में जल परिवहन गरम स्थिति में अधिक तीव्र गति से होता है या ठंडी स्थिति में? इसके अवलोकन के लिए एक प्रयोग अभिकल्पित कीजिए।
उत्तर:- प्रयोग: दो समान पौधों की टहनियाँ लें और उन्हें दो गिलासों में रखें, जिनमें से एक में सामान्य जल और दूसरे में लाल स्याही मिला जल हो। एक गिलास को गरम स्थिति (25-30 डिग्री सेल्सियस) में और दूसरे को ठंडी स्थिति (5-10 डिग्री सेल्सियस) में रखें। 24 घंटे बाद टहनियों के तने, पत्तियों और फूलों में लाल रंग की उपस्थिति की जाँच करें। गरम स्थिति में रखी टहनी में लाल रंग अधिक तेजी से ऊपर जाएगा, जो दर्शाता है कि जल परिवहन गरम स्थिति में अधिक तीव्र गति से होता है।
10. प्रकाश संश्लेषण और श्वसन प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए अनिवार्य हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर:- प्रकाश संश्लेषण और श्वसन प्रकृति में संतुलन बनाए रखते हैं क्योंकि प्रकाश संश्लेषण में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन निर्मुक्त करते हैं, जो श्वसन के लिए आवश्यक है। श्वसन में सजीव ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड निर्मुक्त करते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है। यह चक्रीय प्रक्रिया वायुमंडल में गैसों का संतुलन बनाए रखती है और सजीवों के लिए भोजन और ऊर्जा प्रदान करती है।
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