Solutions For All Chapters – विज्ञान Class 7
आइए, और अधिक सीखें
1. असत्य कथन का चयन कीजिए।
(i) विद्युत परिपथ में स्विच धारा का स्रोत होता है।
(ii) परिपथ को पूरा करने अथवा भंग करने में स्विच सहायता करता है।
(iii) विद्युत के आवश्यकतानुसार उपयोग में स्विच सहायता करता है।
(iv) जब स्विच ‘ऑफ’ स्थिति में होता है तो इसके टर्मिनलों के मध्य वायु अंतराल रहता है।
उत्तर: (i) विद्युत परिपथ में स्विच धारा का स्रोत होता है।
2.चित्र 3.16 में सिरों ‘क’ एवं ‘ख’ के मध्य कौन-सा पदार्थ जोड़ने पर लैंप दीप्तिमान नहीं होगा?
उत्तर: विद्युतरोधी पदार्थ (जैसे प्लास्टिक, रबर, कांच, लकड़ी, मोम आदि)।
3. चित्र 3.17 में यदि एक लैंप का तंतु विखंडित हो जाए तो क्या दूसरा लैंप दीप्तिमान होगा? अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
उत्तर: नहीं, दूसरा लैंप दीप्तिमान नहीं होगा।
औचित्य: यदि एक लैंप का तंतु टूट जाता है, तो परिपथ खुल जाता है और विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाता है। परिपथ में धारा प्रवाहित न होने के कारण दूसरा लैंप भी दीप्तिमान नहीं होगा।
4.विद्युत परिपथ बनाते समय कोई विद्यार्थी संयोजी तारों से विद्युतरोधी आवरण हटाना भूल गया। यदि लैंप और सेल ठीक कार्य कर रहे हों तब भी क्या लैंप दीप्तिमान होगा?
उत्तर: नहीं, लैंप दीप्तिमान नहीं होगा।
5.विद्युत परिपथ के घटकों के प्रतीकों का उपयोग करके एक साधारण टॉर्च का परिपथ आरेख बनाइए।
उत्तर:
6.चित्र 3.18 में
(i) यदि S₂ ऑन स्थिति में और S₁ ऑफ स्थिति में हो तो कौन-से लैंप दीप्त होंगे?
(ii) यदि S₂ ऑफ स्थिति में और S₁ ऑन स्थिति में हो तो कौन-से लैंप दीप्त होंगे?
(iii) यदि S₁ एवं S₂ दोनों ऑन स्थिति में हो तो कौन-से लैंप दीप्त होंगे?
(iv) यदि S₁ एवं S₂ दोनों ऑफ स्थिति में हो तो कौन-से लैंप दीप्त होंगे?
उत्तर:
(i) कोई भी लैंप दीप्त नहीं होगा।
(ii) कोई भी लैंप दीप्त नहीं होगा।
(iii) दोनों लैंप दीप्त होंगे।
(iv) कोई भी लैंप दीप्त नहीं होगा।
7. एक विद्यार्थी ने चित्र 3.19 में दर्शाए अनुसार विद्युत परिपथ संयोजित किया। परिपथ को बंद करने के बाद भी लैंप दीप्तिमान नहीं हुआ।इसके क्या संभावित कारण हो सकते हैं? इस दोषपूर्ण प्रचालन के लिए अधिक-से-अधिक कारणों की सूची बनाइए। लैंप के दीप्तिमान न होने के कारण का पता लगाने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर: संभावित कारण:
- लैंप का तंतु टूटा हुआ (फ्यूज) हो सकता है।
- सेल कार्य नहीं कर रहा हो या उसकी ऊर्जा समाप्त हो गई हो।
- तारों का संयोजन गलत हो सकता है (जैसे, धन और ऋण टर्मिनल सही से नहीं जुड़े हों)।
- स्विच ठीक से काम नहीं कर रहा हो।
- तारों का विद्युतरोधी आवरण नहीं हटाया गया हो।
आवश्यक विद्युत ऊर्जा की सूची:
- एक कार्यशील विद्युत सेल या बैटरी।
- तापदीप्त लैंप या एल.ई.डी.
- विद्युत चालक तार (जैसे तांबे के तार)।
- स्विच (ऑन/ऑफ करने के लिए)।
लैंप को कार्य करने के लिए कदम:
- लैंप की जाँच करें कि उसका तंतु टूटा तो नहीं है। यदि टूटा है, तो लैंप बदलें।
- सेल की जाँच करें कि वह कार्यशील है या नहीं। यदि नहीं, तो नया सेल उपयोग करें।
- तारों के सिरों से विद्युतरोधी आवरण हटाएँ और सुनिश्चित करें कि धन (+) टर्मिनल लैंप के एक टर्मिनल से और ऋण (-) टर्मिनल लैंप के दूसरे टर्मिनल से सही तरीके से जुड़ा हो।
- स्विच को जाँचें और सुनिश्चित करें कि वह ऑन स्थिति में ठीक काम कर रहा हो।
- परिपथ को चित्र 3.9 की तरह सही तरीके से जोड़ें।
8.चित्र 3.20 में दर्शाई गई किस व्यवस्था में स्विच ‘ऑन’ करने पर भी बल्ब दीप्तिमान नहीं होगा?
उत्तर: (घ)
9.यदि किसी बैटरी पर ‘+’ एवं ‘-‘ चिह्न पढ़े नहीं जा रहे हैं तो इस बैटरी के टर्मिनलों को पहचानने की कोई एक विधि सुझाइए।
उत्तर: एक विद्युत परिपथ बनाएँ जिसमें एक सेल, एक एल.ई.डी., और तार शामिल हों। एल.ई.डी. के लंबे तार (धन टर्मिनल) को बैटरी के एक टर्मिनल से और छोटे तार (ऋण टर्मिनल) को बैटरी के दूसरे टर्मिनल से जोड़ें। यदि एल.ई.डी. दीप्तिमान होती है, तो बैटरी का वह टर्मिनल जो एल.ई.डी. के लंबे तार से जुड़ा है, धन (+) टर्मिनल है, और दूसरा टर्मिनल ऋण (-) टर्मिनल है।
10.आपको छः सेल दिए गए हैं जिन पर क, ख, ग, घ, ङ और च अंकित हैं। इनमें से कुछ कार्य कर रहे हैं और कुछ कार्य नहीं कर रहे हैं। एक क्रियाकलाप सुझाइए जिससे आप यह पहचान सकें कि कौन-कौन से सेल कार्य कर रहे हैं।
(i) आपको जो वस्तुएँ चाहिए उनकी एक सूची बनाइए।
(ii) वह कार्यविधि लिखिए जिसका अनुसरण आप करेंगे।
(iii) चरण (i) में सूचीबद्ध वस्तुओं का उपयोग करके पहचानिए कि कौन-कौन से सेल काम कर रहे हैं?
उत्तर: (i) आवश्यक वस्तुओं की सूची:
- एक तापदीप्त लैंप या एल.ई.डी.
- विद्युत चालक तार (जैसे तांबे के तार)।
- सेल धारक (वैकल्पिक)।
- विद्युत टेप (तारों को जोड़ने के लिए)।
(ii) कार्यविधि:
- एक साधारण विद्युत परिपथ बनाएँ जिसमें एक सेल, एक लैंप (या एल.ई.डी.), और तार शामिल हों।
- प्रत्येक सेल (क, ख, ग, घ, ङ, च) को बारी-बारी से परिपथ में लगाएँ।
- सेल के धन (+) टर्मिनल को लैंप के एक टर्मिनल से और ऋण (-) टर्मिनल को लैंप के दूसरे टर्मिनल से जोड़ें। यदि एल.ई.डी. का उपयोग कर रहे हैं, तो इसके लंबे तार को सेल के धन टर्मिनल और छोटे तार को ऋण टर्मिनल से जोड़ें।
- स्विच को ऑन करें (या तारों को सीधे जोड़ें) और देखें कि लैंप दीप्तिमान होता है या नहीं।
- यदि लैंप दीप्तिमान होता है, तो सेल कार्यशील है। यदि नहीं, तो सेल कार्य नहीं कर रहा है।
(iii) सेल की पहचान:
- उपरोक्त कार्यविधि का उपयोग करके प्रत्येक सेल (क, ख, ग, घ, ङ, च) की जाँच करें।
- जो सेल परिपथ में लैंप को दीप्तिमान करते हैं, वे कार्यशील हैं।
- जो सेल लैंप को दीप्तिमान नहीं करते, वे कार्य नहीं कर रहे हैं।
- प्रत्येक सेल के लिए परिणाम नोट करें (उदाहरण: क – कार्यशील, ख – कार्य नहीं कर रहा, आदि)।
11. किसी एल.ई.डी. को दीप्तिमान करने के लिए आपको श्रेणी-क्रम में लगे दो सेलों की आवश्यकता होगी। तान्या ने चित्र 3.21 में दर्शाए अनुसार परिपथ बनाया। क्या लैंप दीप्तिमान होगा? यदि नहीं तो संयोजी तारों को सही विन्यास के लिए आरेखित कीजिए।
उत्तर: नहीं, लैंप दीप्तिमान नहीं होगा।
कारण: चित्र 3.21 में संयोजन गलत हो सकता है, जैसे कि एल.ई.डी. के टर्मिनल गलत तरीके से बैटरी से जुड़े हों (एल.ई.डी. में धारा केवल एक दिशा में प्रवाहित होती है)।
सही विन्यास के लिए परिपथ:
- दो सेलों को श्रेणी-क्रम में जोड़ें, अर्थात् पहले सेल का ऋण (-) टर्मिनल दूसरे सेल के धन (+) टर्मिनल से जुड़ा हो।
- बैटरी के धन (+) टर्मिनल (पहले सेल का धन टर्मिनल) को एल.ई.डी. के लंबे तार (धन टर्मिनल) से जोड़ें।
- बैटरी के ऋण (-) टर्मिनल (दूसरे सेल का ऋण टर्मिनल) को एल.ई.डी. के छोटे तार (ऋण टर्मिनल) से जोड़ें।
- परिपथ में एक स्विच जोड़ें और सुनिश्चित करें कि सभी संयोजन चित्र 3.10 (ग) के अनुसार हों।
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