संगच्छध्वं संवदध्वम् (एक साथ मिलें और बात करें)
प्रश्नः / उत्तरः
१. प्रश्नः – वेदाः कतिप्रकाराः सन्ति? (वेद कितने प्रकार के हैं?)
उत्तरः – वेदाः चत्वारः सन्ति – ऋग्वेदः, यजुर्वेदः, सामवेदः, अथर्ववेदः। (वेद चार प्रकार के हैं – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।)
२. प्रश्नः – “संगच्छध्वं संवदध्वम्” इत्यस्य कः अर्थः? (“संगच्छध्वं संवदध्वम्” का क्या अर्थ है?)
उत्तरः – मिलकर चलो, सहमति से बोलो। (इसका अर्थ है – सब मिलकर चलो और सहमति से बोलो।)
३. प्रश्नः – देवाः प्रारम्भे किं प्रकारेण स्वं कर्तव्यं निरवहन्? (देवताओं ने प्रारम्भ में अपना कर्तव्य किस प्रकार निभाया?)
उत्तरः – देवाः समन्वयपूर्वकं स्वं स्वं कर्तव्यं निरवहन्। (देवताओं ने परस्पर समन्वयपूर्वक अपना-अपना कर्तव्य निभाया।)
४. प्रश्नः – मनुष्याणां जीवनस्य प्रगत्यर्थं कः उपदेशः दत्तः अस्ति? (मनुष्यों के जीवन की प्रगति के लिए क्या उपदेश दिया गया है?)
उत्तरः – ऐक्यभावेन सहजीवनं कर्तव्यमिति उपदेशः दत्तः अस्ति। (उपदेश दिया गया है कि सबको ऐक्यभाव से सहजीवन करना चाहिए।)
५. प्रश्नः – “समानी व आकूतिः” इत्यस्य अर्थः किम्? (“समानी व आकूतिः” का अर्थ क्या है?)
उत्तरः – सभी का संकल्प समान होना चाहिए। (इसका अर्थ है कि सबका संकल्प समान होना चाहिए।)
६. प्रश्नः – संज्ञानसूक्तस्य प्रमुख संदेशः कः अस्ति? (संज्ञानसूक्त का मुख्य संदेश क्या है?)
उत्तरः – प्रमुख संदेशः ऐक्यं, सौहार्दं, समन्वयश्च। (इसका मुख्य संदेश है – एकता, सौहार्द और समन्वय।)
७. प्रश्नः – “समानो मन्त्रः समितिः समानी” इत्यस्य भावार्थः किम्? (“समानो मन्त्रः समितिः समानी” का भावार्थ क्या है?)
उत्तरः – सभी का विचार, लक्ष्य, मन और चित्त समान होना चाहिए। (इसका भावार्थ है कि सबका विचार, लक्ष्य, मन और चित्त समान होना चाहिए।)
८. प्रश्नः – ऋग्वेदे मन्त्राणां संख्या कति अस्ति? (ऋग्वेद में मंत्रों की संख्या कितनी है?)
उत्तरः – ऋग्वेदे १०,५५२ मन्त्राः सन्ति। (ऋग्वेद में 10,552 मंत्र हैं।)
९. प्रश्नः – लोट्-लकारः कस्मिन् प्रयुज्यते? (लोट्-लकार का प्रयोग कहाँ किया जाता है?)
उत्तरः – लोट्-लकारः आज्ञार्थे, आमन्त्रणार्थे, आशीर्वादार्थे च प्रयुज्यते। (लोट्-लकार का प्रयोग आज्ञा, आमंत्रण और आशीर्वाद के लिए किया जाता है।)
१०. प्रश्नः – अस्य पाठस्य अध्ययनात् किम् प्रेरणा लभ्यते? (इस पाठ के अध्ययन से क्या प्रेरणा मिलती है?)
उत्तरः – ऐक्यभावेन जीवनं यापयाम, शान्तिं सुखं समृद्धिं च प्राप्तुम्। (इससे प्रेरणा मिलती है कि हमें ऐक्यभाव से जीवन जीना चाहिए और शांति, सुख तथा समृद्धि प्राप्त करनी चाहिए।)
रिक्तस्थानपूर्तिः
१. वेदस्य चत्वारः संहिताः सन्ति – ऋग्वेदः, __________, सामवेदः, अथर्ववेदः।
(वेद की चार संहिताएँ हैं – ऋग्वेद, ______ सामवेद और अथर्ववेद।)
👉 उत्तरम् – यजुर्वेदः (यजुर्वेद)
२. “संगच्छध्वं संवदध्वम्” इत्यस्य अर्थः अस्ति __________।
(“संगच्छध्वं संवदध्वम्” का अर्थ है _______ ।)
👉 उत्तरम् – मिलित्वा गच्छत, एकस्वरेण वदत। (मिलकर चलो और एक स्वर में बोलो)
३. समानो मन्त्रः __________ समानी समानं मनः सह चित्तमेषाम्।
(समान मंत्र, _____ समान मन और समान चित्त होना चाहिए।)
👉 उत्तरम् – समितिः (समिति)
४. “समानी व आकूतिः” इत्यस्य अर्थः – सर्वेषां __________ समानः अस्तु।
(“समानी व आकूतिः” का अर्थ है – सबका ____ समान होना चाहिए।)
👉 उत्तरम् – सङ्कल्पः (संकल्प )
५. ऋग्वेदे मन्त्राणां संख्या अस्ति __________।
(ऋग्वेद में मंत्रों की संख्या _____ है।)
👉 उत्तरम् – १०,५५२ (10,552 )
६. लोट्-लकारः __________, आमन्त्रणार्थे, आशीर्वादार्थे च प्रयुज्यते।
(लोट्-लकार का प्रयोग ______ , आमंत्रण और आशीर्वाद के लिए होता है।)
👉 उत्तरम् – आज्ञार्थे (आज्ञा)
७. अस्मिन् पाठे प्रमुखः संदेशः अस्ति __________।
(इस पाठ का मुख्य संदेश है ______ ।)
👉 उत्तरम् – ऐक्यभावः (एकता)
८. देवाः प्रारम्भे स्वं कर्तव्यं __________ निरवहन्।
(देवताओं ने प्रारम्भ में अपना कर्तव्य ______ निभाया।)
👉 उत्तरम् – समन्वयपूर्वकं (समन्वयपूर्वक )
९. “उपासते” इत्यस्य अर्थः अस्ति __________।
(“उपासते” का अर्थ है ______।)
👉 उत्तरम् – श्रद्धापूर्वक कर्तव्य निवहन (श्रद्धापूर्वक अपना कर्तव्य निभाना)
१०. “आकूतिः” शब्दस्य अर्थः अस्ति __________।
(“आकूतिः” शब्द का अर्थ है _____।)
👉 उत्तरम् – सङ्कल्पः (संकल्प)
(सत्य / असत्य)
१. ऋग्वेदः प्राचीनतमः वेदः अस्ति। (ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है।)
उत्तरम् – सत्य।
२. वेदाः पञ्च सन्ति। (वेद पाँच हैं।)
उत्तरम् – असत्य।
वेदाः केवल चत्वारः सन्ति। (वेद केवल चार हैं)।
३. “संगच्छध्वं संवदध्वम्” मन्त्रः ऋग्वेदात् गृहीतः अस्ति। ( “संगच्छध्वं संवदध्वम्” मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है।)
उत्तरम् – सत्य।
४. “समानी व आकूतिः” इत्यत्र अर्थः सर्वेषां सङ्कल्पः समानः भवेत् इति। (“समानी व आकूतिः” का अर्थ है कि सबका संकल्प समान होना चाहिए।)
उत्तरम् – सत्य।
५. ऋग्वेदे मन्त्राणां संख्या १०,५५२ अस्ति। (ऋग्वेद में मंत्रों की संख्या 10,552 है।)
उत्तरम् – सत्य।
६. वेदस्य अन्यं नाम “श्रुति:” अपि अस्ति। (वेद का दूसरा नाम “श्रुति” भी है।)
उत्तरम् – सत्य।
७. देवाः स्वं कर्तव्यं ऐक्यभावेन निरवहन्। (देवताओं ने अपना कर्तव्य ऐक्यभाव से निभाया।)
उत्तरम् – सत्य।
८. लोट्-लकारः केवलं भूतकालं दर्शयति। (लोट्-लकार केवल भूतकाल दर्शाता है।)
उत्तरम् – असत्य।
लोट्-लकारः आज्ञार्थे, आमन्त्रणार्थे, आशीर्वादार्थे च प्रयुज्यते। (लोट्-लकार का प्रयोग आज्ञा, आमंत्रण और आशीर्वाद के लिए होता है)।
९. अस्मिन् पाठे ऐक्यभावेन जीवनं यापनस्य उपदेशः दत्तः अस्ति। (इस पाठ में एकता के साथ जीवन जीने का उपदेश दिया गया है।)
उत्तरम् – सत्य।
१०. “संज्ञानसूक्तम्” नामकं सूक्तं अथर्ववेदे दृश्यते। (“संज्ञानसूक्त” अथर्ववेद में मिलता है।)
उत्तरम् – असत्य।
संज्ञानसूक्तम् ऋग्वेदे अस्ति। (यह ऋग्वेद में है)।
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