गीता सुगीता कर्तव्या
(गीता और सुगीता का पालन करना आवश्यक है)
प्रश्नः / उत्तरः
१. प्रश्नः – गीता सुगीता कर्तव्या इत्यस्य कः आशयः? (“गीता सुगीता कर्तव्या” का क्या आशय है?)
उत्तरः – अस्य आशयः अस्ति यत् गीतायाः अभ्यासः सम्यकरूपेण करणीयः, जीवनक्षेत्रे कार्यक्षेत्रे च उपदेशाः अनुसरणीयाः। (इसका आशय यह है कि गीता का अभ्यास अच्छे ढंग से करना चाहिए और जीवन तथा कार्यक्षेत्र में उसके उपदेशों का पालन करना चाहिए।)
२. प्रश्नः – भगवद्गीता कस्य उपदेशः अस्ति? (भगवद्गीता किसका उपदेश है?)
उत्तरः – भगवद्गीता भगवान् श्रीकृष्णस्य अर्जुनाय प्रदत्तः उपदेशः अस्ति। (भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है।)
३. प्रश्नः – भगवद्गीता कुत्र उपदिष्टा आसीत्? (भगवद्गीता कहाँ उपदेशित हुई थी?)
उत्तरः – भगवद्गीता कुरुक्षेत्रे युद्धभूमौ उपदिष्टा आसीत्। (भगवद्गीता कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में उपदेशित हुई थी।)
४. प्रश्नः – अर्जुनः युद्धं कर्तुं किमर्थं न इच्छति स्म? (अर्जुन युद्ध करना क्यों नहीं चाहता था?)
उत्तरः – अर्जुनः स्वबान्धवान् दृष्ट्वा युद्धं कर्तुं न इच्छति स्म। (क्योंकि उसने अपने ही बंधुओं को देखा था।)
५. प्रश्नः – स्थितधीः मुनिः कः उच्यते? (स्थितधी मुनि किसे कहते हैं?)
उत्तरः – यो दुःखेषु अनुद्विग्नमनाः, सुखेषु विगतस्पृहः, राग-भय-क्रोध-रहितः च, सः स्थितधीः मुनिः उच्यते। (जो व्यक्ति दुःख में विचलित न हो, सुख में आसक्त न हो और राग, भय, क्रोध से रहित हो, वही स्थितप्रज्ञ मुनि कहलाता है।)
६. प्रश्नः – क्रोधात् कः विनाशः भवति? (क्रोध से क्या विनाश होता है?)
उत्तरः – क्रोधात् सम्मोहः, स्मृतिभ्रंशः, बुद्धिनाशः च भवति, अन्ते मनुष्यः प्रणश्यति। (क्रोध से मोह, स्मृति का नाश और बुद्धि का नाश होता है, जिससे मनुष्य नष्ट हो जाता है।)
७. प्रश्नः – ज्ञानं प्राप्तुं के उपायाः निर्दिष्टाः सन्ति? (ज्ञान प्राप्त करने के कौन-से उपाय बताए गए हैं?)
उत्तरः – प्रणिपातेन, परिप्रश्नेन, सेवया च ज्ञानं लभ्यते। (प्रणाम, विनम्र प्रश्न और सेवा द्वारा ज्ञान प्राप्त होता है।)
८. प्रश्नः – श्रद्धावान् संयतेन्द्रियः जनः किं प्राप्नोति? (श्रद्धालु और इन्द्रियों को संयमित करने वाला मनुष्य क्या प्राप्त करता है?)
उत्तरः – श्रद्धावान् संयतेन्द्रियः जनः ज्ञानं लभते तथा परां शान्तिम् अधिगच्छति। (वह ज्ञान प्राप्त करता है और परम शांति को प्राप्त करता है।)
९. प्रश्नः – भगवानस्य प्रियः भक्तः कीदृशः भवति? (भगवान का प्रिय भक्त कैसा होता है?)
उत्तरः – यो अद्वेष्टा, मैत्रः, करुणः, निर्ममः, निरहङ्कारः, समदुःखसुखः, क्षमी च, सः भगवानस्य प्रियः भवति। (जो द्वेषरहित, मित्रभावयुक्त, करुणावान, अहंकाररहित, सुख-दुःख में समान और क्षमाशील होता है, वह भगवान का प्रिय भक्त होता है।)
१०. प्रश्नः – वाङ्मयं तपः किम्? (वाङ्मय तप क्या है?)
उत्तरः – अनुद्वेगकरं, सत्यं, प्रियं, हितकरं च वाक्यं तथा स्वाध्यायाभ्यसनं वाङ्मयं तपः उच्यते। (जो वचन सत्य, प्रिय, हितकर और अनुद्वेगकर (उद्वेग न उत्पन्न करने वाले) हों तथा शास्त्रों का स्वाध्याय और अभ्यास हो, वही वाङ्मय तप कहलाता है।)
रिक्तस्थानपूर्तिः
१. गीता ____________ कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।
👉 उत्तरम् – सुगीता।
हिंदी अनुवाद: गीता ____________ करनी चाहिए, अन्य शास्त्रों का विस्तार किसलिए?
👉 उत्तर – सुगीता (अच्छे ढंग से)।
२. श्रीमद्भगवद्गीता ____________ उपदेशः अस्ति।
👉 उत्तरम् – श्रीकृष्णस्य।
हिंदी अनुवाद: श्रीमद्भगवद्गीता ____________ उपदेश है।
👉 उत्तर – श्रीकृष्ण का।
३. दुःखेषु अनुद्विग्नमनाः सुखेषु ____________ स्थितधीः उच्यते।
👉 उत्तरम् – विगतस्पृहः।
हिंदी अनुवाद: दुखों में अविचलित मन वाला, सुख में ____________ मनुष्य स्थितप्रज्ञ कहलाता है।
👉 उत्तर – आसक्तिरहित।
४. क्रोधात् भवति सम्मोहः, सम्मोहात् स्मृतिविभ्रमः, स्मृतिभ्रंशात् ____________।
👉 उत्तरम् – बुद्धिनाशः।
हिंदी अनुवाद: क्रोध से मोह होता है, मोह से स्मृति भ्रम, स्मृति-भ्रंश से ____________।
👉 उत्तर – बुद्धि नाश।
५. तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन ____________।
👉 उत्तरम् – सेवया।
हिंदी अनुवाद: उसे प्रणाम, प्रश्न और ____________ से जानो।
👉 उत्तर – सेवा।
६. श्रद्धावाँल्लभते ____________ तत्परः संयतेन्द्रियः।
👉 उत्तरम् – ज्ञानम्।
हिंदी अनुवाद: श्रद्धावान व्यक्ति ____________ पाता है और तत्पर संयमी होता है।
👉 उत्तर – ज्ञान।
७. अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च, निर्ममो निरहङ्कारः ____________ क्षमी।
👉 उत्तरम् – समदुःखसुखः।
हिंदी अनुवाद: जो सब प्राणियों का अद्वेष्टा, मित्रभावयुक्त, दयालु, ममतारहित, अहंकाररहित और ____________ हो, वह क्षमाशील होता है।
👉 उत्तर – सुख-दुःख में समभाव वाला।
८. सन्तुष्टः सततं योगी यतात्मा दृढनिश्चयः, मय्यर्पितमनोबुद्धिः यो मद्भक्तः ____________।
👉 उत्तरम् – स मे प्रियः।
हिंदी अनुवाद: सदा संतुष्ट योगी, संयमी, दृढ़निश्चयी, जिसका मन और बुद्धि मुझमें अर्पित हो, वह भक्त ____________।
👉 उत्तर – मुझे प्रिय है।
९. अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं ____________ च यत्, स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङ्मयं तप उच्यते।
👉 उत्तरम् – प्रियहितम्।
हिंदी अनुवाद: जो वाक्य न उद्वेगकारी, सत्य और ____________ हो, वही वाचिक तप कहलाता है।
👉 उत्तर – प्रिय व हितकर।
१०. भगवद्गीता महाभारतस्य ____________ वर्णिता अस्ति।
👉 उत्तरम् – भीष्मपर्वणि।
हिंदी अनुवाद: भगवद्गीता महाभारत के ____________ में वर्णित है।
👉 उत्तर – भीष्मपर्व में।
(सत्य / असत्य)
१. भगवद्गीता अर्जुनाय भगवान् श्रीकृष्णेन उपदिष्टा आसीत्। (भगवद्गीता अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने उपदेश दी थी।)
👉 उत्तरम् – सत्य।
२. अर्जुनः युद्धाय अत्यन्त उत्सुकः आसीत्। (अर्जुन युद्ध करने के लिए अत्यन्त उत्सुक था।)
👉 उत्तरम् – असत्य।
सः युद्धं कर्तुं न इच्छति स्म। (वह युद्ध नहीं करना चाहता था)।
३. भगवद्गीतायाम् अष्टादश अध्यायाः सन्ति। (भगवद्गीता में अठारह अध्याय हैं।)
👉 उत्तरम् – सत्य।
४. गीतायाः उपदेशाः केवलं पाठनार्थं सन्ति, जीवनोपयोगिनः न। (गीता के उपदेश केवल पढ़ने के लिए हैं, जीवन में उपयोगी नहीं।)
👉 उत्तरम् – असत्य।
ते जीवनोपयोगिनः सन्ति। (वे जीवनोपयोगी हैं)।
५. “क्रोधात् भवति सम्मोहः” इति श्लोकः भगवद्गीतायाम् अस्ति। (“क्रोध से मोह उत्पन्न होता है” – यह श्लोक गीता में है।)
👉 उत्तरम् – सत्य।
६. श्रद्धावान्, संयतेन्द्रियः, तत्परः च ज्ञानं लभते। (श्रद्धावान, संयमी और तत्पर व्यक्ति ही ज्ञान प्राप्त करता है।)
👉 उत्तरम् – सत्य।
७. यः सर्वभूतानां अद्वेष्टा, करुणावान्, क्षमी च सः भगवतः प्रियः भवति। (जो सभी प्राणियों का अद्वेष्टा, करुणावान और क्षमाशील होता है, वह भगवान का प्रिय भक्त होता है।)
👉 उत्तरम् – सत्य।
८. भगवद्गीतायाः रचनाकारः महर्षिः वाल्मीकि आसीत्। (गीता के रचयिता महर्षि वाल्मीकि थे।)
👉 उत्तरम् – असत्य।
रचनाकारः वेदव्यासः आसीत्। (रचयिता वेदव्यास थे)।
९. भगवद्गीतायाम् सप्तशतं श्लोकाः सन्ति। (भगवद्गीता में सात सौ श्लोक हैं।)
👉 उत्तरम् – सत्य।
१०. भगवद्गीता केवलं हिन्दूनाम् एव ग्रन्थः अस्ति, अन्येषां कृते न उपयोगी। (भगवद्गीता केवल हिन्दुओं का ही ग्रन्थ है, दूसरों के लिए उपयोगी नहीं।)
👉 उत्तरम् – असत्य।
गीता सर्वेषां कृते उपयोगी। (गीता सबके लिए उपयोगी है)।
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