डिजिभारतम् – युगपरिवर्त
📘 Summary in Sanskrit
अस्य षष्ठस्य पाठस्य नाम “डिजिभारतम् – युगपरिवर्तनम्” अस्ति। अयं पाठः भारतस्य डिजिटल्-प्रगतिं च प्रौद्योगिकीयविकासं वर्णयति। भारतः सांस्कृतिकसमृद्ध्या प्रसिद्धः अस्ति, तथापि आधुनिकआविष्कारैः विश्वे कीर्तिं लभते। ‘डिजिटल्-भारतम्’ नामक योजनया नागरिकसौविध्यम् सरलं भवति, येन वसुधा कुटुम्बवत् प्रतीयते।
नवदेहलीस्थः प्रधानमन्त्रिसङ्ग्रहालयः डिजिटल्-प्रौद्योगिकीः प्रदर्शति। छात्राः अध्यापकप्रेरणया तत्रागत्य विविधानि उपकरणानि उत्साहेन अनुभवन्ति। हॉलोग्राम्-द्वारा नेतॄणां भाषणानि दृश्यन्ते, दिवङ्गतानां नेतॄणां जीवितस्वरूपं च। ‘वर्धिता-वास्तविकता’ (AR) तथा ‘आभासीया-वास्तविकता’ (VR) उपकरणैः ऐतिहासिकवृत्तानि प्रत्यक्षरूपेण अनुभूयन्ते, येन स्वतन्त्रतासङ्ग्रामस्य विशालता ज्ञायते।
कृत्रिमबुद्धिआधारितं संवादयन्त्रं प्रश्नोत्तरं ददाति, यत् अद्भुतं अस्ति। ‘डिजिटल्-प्रक्षेपण-चलच्चित्रं’ भारतस्य विकासयात्रां प्रदर्शति, यत् स्मरणीयं भवति। छात्राः परस्परं चर्चां कुर्वन्ति, येन डिजिटल्-प्रौद्योगिकीः च भारतस्य प्रगतिः स्पष्टा भवति।
डिजिटल्-प्रौद्योगिकीः विविधक्षेत्रेषु विस्तारिता अस्ति। शिक्षायां ई-पाठशाला राष्ट्रीय-अकादेमिक-निक्षेपगृहम्, विनिमये एकीकृत-विनिमय-पट्लम् (UPI), भीम-अनुप्रयोगः, आधार-समक्ष-विनिमय-पद्धतिः, रुपे-कार्डः, ई-रूपी, जनधन-आधार-दूरवाणी-त्रयी च। आरोग्ये आयुष्मान्-भारत-डिजिटल्-अभियान, कोविन्, ई-सञ्जीवनी, डिजिटल्-लॉकर्। शासने मम शासनम्, ई-जनपदसेवा, केन्द्रीकृत-प्रतिवेदन-निवारण-पर्यवेक्षण-प्रणाली।
कृषिक्षेत्रे ई-राष्ट्रिय-कृषि-आपणः, प्रधानमन्त्री-किसान्-सम्माननिधिः, चल-किसान-सन्देश-सेवा, कृषक-सुविधा-सेवा। आजीविका-निपुणतायां राष्ट्रिय-आजीविका-सेवा, निपुण-भारत-डिजिटल्, कौशल-मानचित्रण-पट्लम्, ई-निपुण-भारत-मञ्चः। सर्वेभ्यः कृत्रिम-बुद्धिः-अभियानम् ज्ञानसाङ्केतिकां प्रोत्साहयति।
भारतीयज्ञानपरम्परायाः योगदानं प्रशंसनीयम्। पिङ्गलाचार्यस्य छन्दःशास्त्रे द्व्यधिक-सङ्ख्या-व्यवस्था (Binary System) प्रथमं निरूपिता। आर्यभटेन दशमलव-सङ्ख्या-विधिः च स्थानिमूलक-गणना-विधिः आधुनिकसङ्गणकगणनायाः आधारौ।
परियोजनाकार्यम् छात्रानां कौशलं वर्धयति। क्यूआर्-कोड्-माध्यमेन प्रधानमन्त्रिसङ्ग्रहालयस्य आभासीभ्रमणं कृत्वा डिजिटल्-विकासं वर्णयितव्यम्। समूहेषु विभक्ताः छात्राः डिजिटल्-भारतस्य योजनानां प्रस्तुतीः कुर्वन्ति।
📗 Summary in Hindi
इस छठे पाठ का नाम “डिजिभारतम् – युगपरिवर्तनम्” है। यह पाठ भारत की डिजिटल प्रगति और तकनीकी विकास को विस्तार से प्रस्तुत करता है। भारत सांस्कृतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही आधुनिक आविष्कारों से विश्व में कीर्ति प्राप्त करता है। ‘डिजिटल इंडिया’ योजना से नागरिक सुविधाएँ सरल हुईं, जिससे विश्व परिवार के समान प्रतीत होता है।
नई दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय में डिजिटल तकनीकियाँ प्रदर्शित की गईं। छात्रों ने शिक्षक के मार्गदर्शन में उत्साह से विभिन्न उपकरणों का अनुभव किया। हॉलोग्राम से नेताओं के भाषण सुनाई और दिखाई देते हैं, दिवंगत नेताओं को जीवित-सा प्रतीत होता है। ‘वर्धित वास्तविकता’ (AR) और ‘आभासी वास्तविकता’ (VR) से ऐतिहासिक घटनाएँ प्रत्यक्ष अनुभव होती हैं, जिससे स्वतंत्रता संग्राम का संघर्ष समझ में आता है।
कृत्रिम बुद्धि आधारित संवाद यंत्र प्रश्नों के उत्तर देता है, जो आश्चर्यजनक है। ‘डिजिटल प्रक्षेपण चलचित्र’ से भारत की विकास यात्रा दिखाई गई, जो स्मरणीय है। छात्र आपस में चर्चा करते हैं, जिससे डिजिटल तकनीकियाँ और भारत की प्रगति स्पष्ट होती है।
डिजिटल तकनीकियाँ विभिन्न क्षेत्रों में विस्तारित हैं। शिक्षा में ई-पाठशाला और राष्ट्रीय शैक्षणिक निक्षेपागार, विनिमय में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI), भीम ऐप, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली, रुपे कार्ड, ई-रूपी, जनधन-आधार-मोबाइल त्रय। स्वास्थ्य में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, कोविन, ई-संजीवनी, डिजी-लॉकर। शासन में मायगव, ई-डिस्ट्रिक्ट, केन्द्रीय शिकायत निवारण निगरानी प्रणाली।
कृषि क्षेत्र में ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट, पीएम-किसान सम्मान निधि, एम-किसान, किसान सुविधा सेवा। जीविका-कौशल में राष्ट्रीय करियर सेवा, स्किल इंडिया डिजिटल, कौशल मानचित्रण पोर्टल, ई-स्किल इंडिया। सभी के लिए कृत्रिम बुद्धि अभियान ज्ञान साझेदारी को बढ़ावा देता है।
भारतीय ज्ञान परंपरा का योगदान प्रशंसनीय है। पिंगलाचार्य के छंद शास्त्र में द्विआधिक संख्या पद्धति (Binary System) का उल्लेख प्रथम हुआ। आर्यभट्ट द्वारा दशमलव संख्या पद्धति और स्थान मूलक गणना पद्धति आधुनिक कंप्यूटर गणना का आधार बनी।
परियोजना कार्य छात्रों के कौशल को बढ़ाता है। क्यूआर कोड से प्रधानमंत्री संग्रहालय का आभासी भ्रमण कर डिजिटल विकास का वर्णन करना है। समूहों में विभाजित छात्र डिजिटल इंडिया की योजनाओं पर प्रस्तुतियाँ देंगे।
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