पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्
अरुणाचलप्रदेशः, असमः, मणिपुरं, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्डं, त्रिपुरा एवञ्च सिक्किमः इत्येतानि अष्टराज्यानि देशस्य पूर्वोत्तरभागे स्थितानि। एतानि राज्यानि भारतस्य केवलं स्थानविशेषत्वेन न, अपितु सांस्कृतिक-ऐतिहासिक-विविधतायाः कारणेन विशेषमहत्त्वं वहन्ति। एषां प्रदेशानां प्राकृतिकं सौन्दर्यं, समुदायानां विविधता, भौगोलिक-पर्यावरणीयं वैचित्र्यं च देशस्य अन्येभ्यः भागेभ्यः पृथक् अस्ति। पर्वतैः नदीभिः च सुशोभितानि एतानि राज्यानि पूर्वहिमालय-श्रेणिषु पत्काई-नागपर्वत- प्रदेशे च स्थितानि। एतेषु बराक-ब्रह्मपुत्रादि-नद्यः प्रवहन्ति एवञ्च पर्वतश्रेण्यः, पीठस्थलानि, निम्नपर्वताः, उपत्यकाः च अस्मिन् भू-भागे भू-वैविध्यं धारयन्ति । प्राकृतिक-सम्पदाभिः समृद्धः अयं प्रदेशः पूर्व-दक्षिणपूर्व-एशियायाः द्वारम् अस्ति। तानि राज्यानि अष्टभ्रातृभगिन्यः इति नाम्ना प्रसिद्धानि सन्ति । तानि एव ‘अष्टभगिन्यः’ अथवा ‘सप्तभगिन्यः एकः भ्राता च’ इति कथ्यन्ते ।
अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा तथा सिक्किम — ये आठ राज्य देश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित हैं। ये राज्य भारत के लिए केवल स्थान विशेष होने के कारण नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और विविधता के कारण विशेष महत्त्व रखते हैं। इन प्रदेशों का प्राकृतिक सौंदर्य, समुदायों की विविधता, भौगोलिक और पर्यावरणीय विचित्रता देश के अन्य भागों से इन्हें अलग बनाती है। पर्वतों और नदियों से सुशोभित ये राज्य पूर्वी हिमालय श्रृंखलाओं, पटकाई और नागा पर्वत क्षेत्रों में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में बराक और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियाँ बहती हैं तथा पर्वतश्रेणियाँ, पठार, निम्न पर्वत और घाटियाँ इस भू-भाग को भौगोलिक रूप से विविध बनाती हैं। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यह क्षेत्र पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक द्वार है। ये राज्य ‘आठ भाई-बहन’ नाम से प्रसिद्ध हैं। इन्हें ‘आठ बहनें’ या ‘सात बहनें और एक भाई’ भी कहा जाता है।
अध्यापिका – सुप्रभातं छात्राः।
शिक्षिका – सुप्रभात बच्चो!
छात्राः – सुप्रभातम् आचार्ये।
छात्र – सुप्रभात, आचार्यवर्य!
अध्यापिका – शुभाशयाः। अद्य किं पठनीयम्?
शिक्षिका – शुभकामनाएँ। आज क्या पढ़ना है?
छात्राः – वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।
छात्र – हम सब अपने देश के राज्यों के बारे में जानना चाहते हैं।
अध्यापिका – शोभनम्। वदत, अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति?
शिक्षिका – अच्छा! बताओ, हमारे देश में कितने राज्य हैं?
स्वरा – महोदये! मम भगिनी कथयति यत् अस्माकं देशे अष्टाविंशतिः राज्यानि सन्ति इति। एतद् अतिरिच्य अष्ट केन्द्रशासितप्रदेशाः अपि सन्ति।
स्वरा – मैम! मेरी बहन कहती है कि हमारे देश में 28 राज्य हैं। इसके अतिरिक्त 8 केंद्रशासित प्रदेश भी हैं।
अध्यापिका – शोभनं स्वरे! सम्यक् जानाति तव भगिनी। भवतु, अपि यूयं जानीथ यद् एतेषु राज्येषु अष्टराज्यानाम् एकः समवायः अस्ति यः सप्तभगिन्यः एकः भ्राता च इति नाम्ना प्रथितः अस्ति।
शिक्षिका – अच्छा स्वरा! तुम्हारी बहन अच्छी जानकारी रखती है। बताओ, क्या तुम लोग जानते हो कि इन राज्यों में आठ का एक समूह है जो ‘सात बहनें और एक भाई’ के नाम से जाना जाता है?
सर्वे छात्राः – (परस्परं साश्चर्यं पश्यन्तः) सप्तभगिन्यः एकः भ्राता च!
सभी छात्र – (आपस में आश्चर्य से देखते हुए) सात बहनें और एक भाई!
श्रीशः – इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः एकः भ्राता च इति किमर्थं कथ्यन्ते?
श्रीश – इन राज्यों को ‘सात बहनें और एक भाई’ क्यों कहा जाता है?
अध्यापिका – प्रयोगोऽयं प्रतीकात्मको वर्तते। कदाचित् सामाजिक-सांस्कृतिक-परिदृश्यानां साम्याद् भौगोलिकवैशिष्ट्यात् च इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि।
शिक्षिका – यह नाम प्रतीकात्मक है। संभवतः इन राज्यों की सामाजिक-सांस्कृतिक समानता और भौगोलिक विशेषता के कारण इन्हें इस उपाधि से जाना गया है।
सर्वे छात्राः – अहो! अत्यन्तं सुखकरी वार्ता। श्रावयतु तावद् यत् कानि तानि राज्यानि इति?
सभी छात्र – ओह! कितनी रोचक बात है। कृपया बताइए कि वे कौन-कौन से राज्य हैं?
अध्यापिका –
शिक्षिका – “दो, फिर तीन, तीन से एक कम और फिर दो – इस प्रकार यह सात राज्यों का समूह ‘सात बहनें’ कहा गया है।
इसके साथ जो छोटा भाई जुड़ा है, वह सिक्किम राज्य है।
आओ देखो भारत का मनोहर उत्तर-पूर्वी कोना!”
इस प्रकार भाई सिक्किम के साथ सात बहनों के ये राज्य हैं – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा।
यद्यपि क्षेत्रफल की दृष्टि से ये राज्य छोटे हैं, परंतु विशेषताओं और महत्त्व की दृष्टि से ये बड़े माने जाते हैं।
इत्थं भ्रात्रा सिक्किमेन सह भगिनीसप्तके इमानि राज्यानि सन्ति – अरुणाचलप्रदेशः, असमः, मणिपुरम्, मिजोरमः, मेघालयः, नागालैण्डं, त्रिपुरा चेति। यद्यपि क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते तथापि गुणगौरवदृष्ट्या बृहत्तराणि प्रतीयन्ते।
इस प्रकार भाई सिक्किम सहित सात बहनों के ये राज्य हैं – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा। यद्यपि क्षेत्रफल की दृष्टि से ये राज्य छोटे हैं, परंतु विशेषताओं और महत्त्व की दृष्टि से बड़े माने जाते हैं।
सर्वे छात्राः – कथं मान्ये!
सभी छात्र – कैसे मैम?
अध्यापिका – भ्रात्रा सह इमाः सप्तभगिन्यः स्वीये प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः। न केनापि शासकेन इमाः स्वायत्तीकृताः। विविध संस्कृतिविशिष्टायां भारतभूमौ एतासां भ्रातृ-भगिनीनां संस्कृतिः महत्त्वाधायिनी वर्तते।
शिक्षिका – यह सात बहनें और उनका भाई, प्राचीन इतिहास में स्वतंत्र रूप से देखे जाते हैं। किसी भी शासक ने इन्हें अपने अधीन नहीं किया। विभिन्न संस्कृतियों से समृद्ध भारतभूमि में इन भाई-बहनों की संस्कृति विशेष महत्व रखती है।
स्वरा – अन्यत् किमपि वैशिष्ट्यमस्ति एतासाम्?
स्वरा – क्या इनकी कोई और विशेषता भी है?
अध्यापिका – नूनम् अस्ति एव। पर्वत-वृक्ष-पुष्प-प्रभृतिभिः प्राकृतिकसम्पद्भिः सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि। भारतवृक्षे पुष्प-स्तबकसदृशानि विराजन्ते एतानि। अस्ति तावदेतेषां विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्। सावहितमनसा शृणुत। जनजातिबहुलप्रदेशोऽयम्। गारो–खासी–नागा–मिजो–लेप्चा–प्रभृतयः बहवः जनजातीयाः अत्र निवसन्ति। शरीरेण ऊर्जस्विनः एतत्प्रादेशिकाः बहुभाषाभिः समन्विताः, पर्वपरम्पराभिः परिपूरिताः, स्वलीला-कलासु च निष्णाताः सन्ति।
शिक्षिका – निश्चय ही है। ये राज्य पर्वतों, वृक्षों, फूलों जैसी प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध हैं। भारत रूपी वृक्ष में ये पुष्पों के गुच्छों के समान सुशोभित हैं। इनके विषय में कुछ और विशेषताएँ भी बताने योग्य हैं। ध्यानपूर्वक सुनो। यह जनजातियों से भरा क्षेत्र है। गारो, खासी, नागा, मिजो, लेप्चा आदि अनेक जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं। शारीरिक रूप से सबल ये लोग अनेक भाषाओं में निपुण, पर्व-परंपराओं से युक्त और अपने कला-नाट्य में दक्ष हैं।
मालती – महोदये! तत्र तु वंशवृक्षाणां वनानि अपि प्राप्यन्ते?
मालती – मैम! क्या वहाँ बाँस के जंगल भी मिलते हैं?
अध्यापिका – आम्। प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते। आवस्त्राभूषणेभ्यः गृहनिर्माणपर्यन्तं प्रायः वंशवृक्षनिर्मितानां वस्तूनाम् उपयोगः क्रियते। यतो हि अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यं विद्यते। साम्प्रतं वंशोद्योगोऽयम् अन्ताराष्ट्रीयख्यातिम् अवाप्तोऽस्ति।
शिक्षिका – हाँ, इस क्षेत्र में हस्तशिल्प की बहुतायत है। वस्त्र, आभूषणों से लेकर घर बनाने तक, प्रायः बाँस से बनी चीजों का प्रयोग होता है। क्योंकि यहाँ बाँस के वृक्ष प्रचुर मात्रा में हैं। आजकल बाँस का उद्योग अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है।
अभिनवः – भ्रातृ-भगिनीप्रदेशोऽयं बह्वाकर्षकः इति प्रतीयते।
अभिनव – यह भाई-बहन राज्य समूह अत्यंत आकर्षक प्रतीत होता है।
मृदुलः – मान्ये! किं भ्रमणाय भ्रातृ-भगिनीप्रदेशोऽयं समीचीनः?
मृदुल – मैम! क्या भ्रमण के लिए यह भाई-बहन प्रदेश उपयुक्त है?
सर्वे छात्राः – (उच्चैः) महोदये! आगामिनि अवकाशे वयं तत्रैव गन्तुमिच्छामः।
सभी छात्र – (ज़ोर से) मैम! अगले अवकाश में हम वहीं जाना चाहते हैं।
स्वरा – आचार्ये! भवती अपि अस्माभिः सार्द्धं चलतु किल।
स्वरा – मैम! आप भी हमारे साथ चलिए न।
अध्यापिका – रोचते मेऽयं विचारः। एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं स्वर्गसदृशानि सन्ति।
शिक्षिका – मुझे यह विचार बहुत अच्छा लगा। ये राज्य भ्रमण के लिए स्वर्ग के समान हैं।
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