Summary For All Chapters – संस्कृत Class 8
पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्
📘 Summary in Sanskrit
अयं पाठः भारतस्य ऐशान्यकोणस्थितेषु अष्टसु राज्येषु – अरुणाचलप्रदेशे, असमे, मणिपुरे, मेघालये, मिजोरमे, नागालैण्डे, त्रिपुरायां, सिक्किमे च – तेषां भौगोलिकं, सांस्कृतिकं, ऐतिहासिकं च महत्त्वं विवृणोति।
एते प्रदेशाः ‘सप्तभगिन्यः एकः भ्राता च’ इति नाम्ना प्रथिताः, यत्र सिक्किमः भ्राता इव मान्यते, अन्यानि सप्त राज्यानि भगिन्यः इव। अस्य उपाधेः कारणं तेषां सांस्कृतिक-सामाजिक-सादृश्यं तथा भौगोलिक-सन्निकर्षः।
एते प्रदेशाः पूर्वहिमालयपर्वतश्रेणिषु, पत्काई-नागपर्वतप्रदेशेषु च स्थिताः, बराक-ब्रह्मपुत्रादयः महत्त्वपूर्णनद्यः अत्र प्रवहन्ति। पर्वत, पीठस्थल, उपत्यका, निम्नपर्वत इत्यादिभिः अयं भूभागः भू-वैविध्यसम्पन्नः।
अत्र जनजातिसंख्या बहुला – गारो, खासी, नागा, मिजो, लेप्चा इत्यादयः प्रमुखाः। एते जनाः ऊर्जस्विनः, बहुभाषाज्ञाः, उत्सव-परम्परासु रताः, कलासु कुशलाः च। वंशवृक्षस्य (बाँसस्य) प्रचुरता अत्रास्ति, येन हस्तशिल्पे, वस्त्रनिर्माणे, गृहनिर्माणे च व्यापकः उपयोगः भवति, यः अन्तर्राष्ट्रीय-स्तरे प्रसिद्धिं प्राप्तः।
राज्यानां विशेषाणि अपि दृष्टव्याः—
अरुणाचलप्रदेशः – भारतस्य आद्यसूर्योदयस्थानम्।
असमः – पूर्वं कामरूपः इत्याख्यातः, इन्धनतैल-गैस-खनिजसमृद्धः, माजुली-द्वीपः ब्रह्मपुत्रायां स्थितः।
मणिपुरः – महाभारतादौ उल्लिखितः, लोकटक-सरोवरे एकमात्रं प्लवमानं राष्ट्रीयउद्यानम्।
मेघालयः – कोयला, लौह-अयस्क, यूरेनियम इत्यादि खनिजसमृद्धः, गारो-खासी-पर्वतश्रृङ्खलाभिः शोभितः।
मिजोरम्, नागालैण्डः, त्रिपुरा, सिक्किमः – प्राकृतिक-सौन्दर्य, जनजातीयसंस्कृत्या, पर्यटनस्थलैः च विख्याताः।
पाठान्ते, अध्यापिका सर्वान् छात्रान् तत्र भ्रमणार्थं आमन्त्रयति, यतः एते प्रदेशाः स्वर्गसदृशाः पर्यटनक्षेत्राणि भवन्ति।
📗 Summary in Hindi
यह पाठ भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित आठ राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम – की भौगोलिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विशेषताओं का वर्णन करता है।
इन राज्यों को ‘सात बहनें और एक भाई’ कहा जाता है, जिसमें सिक्किम को भाई और बाकी सात को बहनें माना जाता है। यह नाम इनके सामाजिक-सांस्कृतिक समानता और भौगोलिक निकटता के कारण प्रसिद्ध हुआ।
ये राज्य पूर्वी हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं और पत्काई-नागा पर्वत क्षेत्र में बसे हैं। बराक और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियाँ यहाँ बहती हैं। पहाड़, पठार, घाटियाँ और निम्न पर्वत इस भू-भाग को भौगोलिक विविधता से समृद्ध बनाते हैं।
यहाँ अनेक जनजातियाँ जैसे गारो, खासी, नागा, मिजो, लेप्चा आदि निवास करती हैं। ये लोग ऊर्जा से भरपूर, बहुभाषी, उत्सवप्रिय और कलाओं में निपुण होते हैं। इस क्षेत्र में बाँस की बहुतायत है, जिसका उपयोग हस्तशिल्प, वस्त्र और घर बनाने में किया जाता है। बाँस उद्योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त है।
राज्यों की प्रमुख विशेषताएँ—
अरुणाचल प्रदेश – भारत में सबसे पहले सूर्योदय होने का स्थान।
असम – प्राचीन नाम कामरूप, तेल, गैस और खनिज संपन्न; माजुली द्वीप ब्रह्मपुत्र में स्थित।
मणिपुर – महाभारत में उल्लेखित, लोकटक झील में एकमात्र तैरता राष्ट्रीय उद्यान।
मेघालय – कोयला, लौह अयस्क और यूरेनियम से समृद्ध; गारो और खासी पर्वत श्रृंखलाओं से सुसज्जित।
मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम – प्राकृतिक सौन्दर्य, जनजातीय संस्कृति और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध।
अंत में अध्यापिका बच्चों को बताती हैं कि ये राज्य पर्यटन के लिए स्वर्ग समान हैं और सभी वहाँ जाने का निश्चय करते हैं।
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