Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
संस्कृत Class 8 || Menu
  • MCQ Sanskrit Class 8
  • Notes Sanskrit Class 8
  • Question Answer Sanskrit Class 8
  • Previous Year Papers Sanskrit Class 8
  • Sample Papers Sanskrit Class 8
  • Important Questions Sanskrit Class 8
  • Book Sanskrit Class 8
  • Sanskrit Class 8

बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता Question Answer Sanskrit Chapter 2 Class 8 संस्कृत Ruchira

Advertisement

बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता

Solutions For All Chapters Sanskrit Class 8

अभ्यासः 


प्रश्नः 2. एकपदेन उत्तरं लिखत-(एक पद में उत्तर लिखिए)

(क) सिंहस्य नाम किम्? – शेर का नाम क्या है?

उत्तर: खरनखरः (खरनखर नाम का शेर)

(ख) गुहायाः स्वामी कः आसीत्? – गुफा का स्वामी कौन था?

उत्तर: दधिपुच्छः (दधिपुच्छ नाम का भालू)

(ग) सिंहः कस्मिन् समये गुहायाः समीपे आगतः? – शेर किस समय गुफा के पास आया?

उत्तर: सूर्यास्तसमये (सूर्यास्त के समय)

(घ) हस्तपादादिकाः क्रियाः केषां न प्रवर्तन्ते? – हाथ-पैर की क्रियाएं किसके द्वारा नहीं की जाती हैं?

उत्तर: भयसन्त्रस्तमनसाम् (भय से व्याकुल मन वाले व्यक्ति के द्वारा)

(ङ) गुहा केन प्रतिध्वनिता? – गुफा किस चीज से गूंथी जाती है?

उत्तर: उच्चगर्जनेन (उच्च स्वर में गर्जना करने से)


प्रश्नः 3. पूर्णवाक्येन उत्तरत-

(क) खरनखरः कुत्र प्रतिवसति स्म? (खरनखर कहाँ निवास करता था?)

उत्तर: खरनखरः कस्मिंश्चित् वने प्रतिवसति स्म। (खरनखर किसी वन में निवास करता था।)

(ख) महतीं गुहां दृष्ट्वा सिंहः किम् अचिन्तयत्? (बड़ी गुफा देखकर सिंह ने क्या सोचा?)

उत्तर: महतीं गुहां दृष्ट्वा सिंहः अचिन्तयत्-‘नूनं एतस्यां गुहायां रात्रौ कोऽपि जीवः आगच्छति। अतः अत्रैव निगूढो भूत्वा तिष्ठामि।’

(बड़ी गुफा देखकर सिंह ने सोचा, “निश्चित ही इस गुफा में रात के समय कोई जीव आता होगा। इसलिए मैं यहीं छिपा रहूंगा।”)

(ग) शृगालः किम् अचिन्तयत्? (गीदड़ ने क्या सोचा?)

उत्तर: शृगालः अचिन्तयत्-‘अहो विनष्टोऽस्मि। नूनम् अस्मिन् बिले सिंहः अस्ति इति तर्कयामि। तत् किं करवाणि?’

(गीदड़ ने सोचा, “अरे, मैं तो नष्ट हो गया। निश्चित ही इस बिल में सिंह है। अब मुझे क्या करना चाहिए?”)

(घ) शृगालः कुत्र पलायितः? (गीदड़ कहाँ भाग गया?)

उत्तर: शृगालः दूरं पलायितः।  (गीदड़ दूर भाग गया।)

(ङ) गुहासमीपमागत्य शृगालः किं पश्यति? (गुफा के पास जाकर गीदड़ ने क्या देखा?)

उत्तर: गुहासमीपमागत्य शृगालः पश्यति यत् सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते, न बहिरागता।

(गुफा के पास जाकर गीदड़ ने देखा कि सिंह के पदचिह्न गुफा में देखे जाते हैं, बाहर नहीं।)

(च) कः शोभते? (कौन सुंदर होता है?)

उत्तर: यः अनागतं कुरुते, सः शोभते| (जो भविष्य के लिए सोचता है, वही सुंदर होता है।)


प्रश्नः 4. रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

उत्तरम्:

(क) क्षुधातः सिंह कुत्रापि आहारं न प्राप्तवान्।
(भूख के कारण सिंह कहीं भी भोजन नहीं प्राप्त कर सका।)

उत्तर: कीदृशः सिंह कुत्रापि आहारं न प्राप्तवान्?

(कैसा सिंह और कुत्ता भोजन नहीं प्राप्त कर सका।?)

(ख) दधिपुच्छः नाम शृगालः गुहायाः स्वामी आसीत्।
(दधिपुच्छ नाम का शृगाल गुफा का स्वामी था।)

उत्तर: किम् नाम शृगालः गुहायाः स्वामी आसीत्?

गीदड़ का नाम क्या था जो गुफा का स्वामी था?

(ग) एषा गुहा स्वामिनः सदा आह्वानं करोति।
(यह गुफा अपने स्वामी को सदा आह्वान करती है।)

उत्तर: एषा गुहा कस्य सदा आह्वानं करोति?

(यह गुफा किसको सदा आह्वान करती है?)

(घ) भयसन्त्रस्तमनसां हस्तपादादिकाः क्रियाः न प्रवर्तन्ते।
(भय से व्याकुल मन वाले व्यक्ति के हाथ-पैर की क्रियाएं नहीं होती हैं।)

उत्तर: भयसन्त्रस्तमनसां कीदृश्यः/ काः क्रियाः न प्रवर्तन्ते?

(भय से व्याकुल मन वाले व्यक्ति के कौन से क्रियाएं नहीं होती हैं?)

(ङ) आह्वानेन शृगालः बिले प्रविश्य सिंहस्य भोज्यं भविष्यति।
आह्वान से शृगाल बिल में प्रवेश करके सिंह का आहार बन जाएगा।

उत्तर: आह्वानेन शृगालः कस्मिन् प्रविश्य सिंहस्य भोज्यं भविष्यति?

आह्वान से शृगाल किस में प्रवेश करके सिंह का आहार बन जाएगा?


प्रश्नः 5. घटनाक्रमानुसारं वाक्यानि लिखत-(वाक्यों को घटना के क्रम अनुसार लिखिए-)

उत्तरम्:

(क) परिभ्रम सिंहः क्षुधार्ता जातः।

भटकते हुए सिंह को भूख लग गई।

(ख) सिंहः एकां महतीं गुहाम् अपश्यत्।

सिंह ने एक बड़ी गुफा देखी।

(ग) गुहायाः स्वामी दधिपुच्छः नाम शृगालः समागच्छत्।

गुफा के स्वामी दधिपुच्छ नामक गीदड़ ने आया।

(घ) गुहायां कोऽपि अस्ति इति शृगालस्य विचारः।

गीदड़ का सोचना था कि गुफा में कोई न कोई है।

(ङ) दूरस्थः शृगालः रवं कर्तुमारब्धः।

दूर से गीदड़ ने शोर मचाना शुरू किया।

(च) सिंहः शृगालस्य आह्वानमकरोत्।

सिंह ने गीदड़ को बुलाया।

(छ) दूरं पलायमानः शृगालः श्लोकमपठत्।

दूर भागते हुए गीदड़ ने एक श्लोक पढ़ा।


प्रश्नः 6.यथानिर्देशमुत्तरत-(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए)

उत्तरम्:

(क) ‘एकां महतीं गुहां दृष्ट्वा सः अचिन्तयत्’ अस्मिन् वाक्ये कति विशेषणपदानि, संख्यया सह पदानि अपि लिखत?

(‘एकां महतीं गुहां दृष्ट्वा सः अचिन्तयत्’ इस वाक्य में कितने विशेषणपद हैं, और संख्याओं के साथ पद भी लिखें।)

उत्तर: 1. एकाम्, 2. महतीम्।

(ख) तदहम् अस्य आह्वानं करोमि- अत्र ‘अहम्’ इति पदं कस्मै प्रयुक्तम्?

( ‘तदहम् अस्य आह्वानं करोमि’ में ‘अहम्’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?)

उत्तर: ‘तदहम् अस्य आहवानं करोमि’–अत्र ‘अहम्’ इति पदं खरनखराय सिंहाय प्रयुक्तम्।

(ग) ‘यदि त्वं मां न आह्वयसि’ अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं किम्?

(‘यदि त्वं मां न आह्वयसि’ इस वाक्य में कर्ता पद कौन सा है?)

उत्तर: “यदि त्वं मां न आह्वयसि’, अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं त्वम् अस्ति।

(घ) “सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते’ अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं किम्?

(“सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते” इस वाक्य में क्रियापद कौन सा है?)

उत्तर: ‘सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते’ अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं ‘दृश्यते’ अस्ति।

(ङ) वनेऽत्र संस्थस्य समागता जरा’ अस्मिन् वाक्ये अव्ययपदं किम्?

(‘वनेऽत्र संस्थस्य समागता जरा’ इस वाक्य में अव्ययपद कौन सा है?)

उत्तर: ‘वनेऽत्र संस्थस्य समागता जरा’ अस्मिन् वाक्ये ‘अत्र’ अव्ययपदं अस्ति?


प्रश्नः 7. मजूषातः अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

कश्चन, दूरे, नीचे, यदा, तदा, परन्तु, यदि, तर्हि, तंत्र, परम्, च, सहसा

एकस्मिन् वने ………………… व्याधः जालं विस्तीर्य ………………… स्थितः। क्रमशः आकाशात् सपरिवारः कपोतराजः ………………… आगच्छत्। ………………… कपोताः तण्डुलान् अपश्यन् ………………… तेषां लोभो जातः। परं राजा सहमतः नासीत्। तस्य युक्तिः आसीत् । वने कोऽपि मनुष्य नास्ति। कुतः तण्डुलानाम् सम्भवः। राज्ञः उपदेशम् अस्वीकृत्य कपोताः तण्डुलान् खादितुं प्रवृत्ताः जाले ………………… निपतिताः। अतः उक्तम् ………………… विदधीत न क्रियाम् ।

Hindi Translation – एक वन में ………………… एक शिकारी ने जाल फैलाकर ………………… रखा। धीरे-धीरे आकाश से अपने परिवार के साथ कबूतरों का राजा ………………… आ गया। ………………… कबूतरों ने चावल देखे और ………………… उनमें लालच जाग गया। लेकिन राजा सहमत नहीं था। उसकी तर्क यह थी कि वन में कोई मनुष्य नहीं है। चावल का क्या उपयोग होगा? राजा की सलाह को न मानकर कबूतर चावल खाने के लिए जाल में ………………… गिर पड़े। अतः कहा गया है ………………… कि चौर्यकर्म न करना चाहिए।

उत्तरम्:

कश्चन – कोई एक
दूरे – दूर
तदा – तब
नीचैः – नीचे
यदा – जब
तर्हि – तब
यदि – यदि
परम् – अत्यंत
च – और
सहसा – अचानक


अतिरिक्तः अभ्यासः


(1) पाठांशम् पठत अधोदत्तान् प्रश्नान् च उत्तरत-(पाठांश पढ़िए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।)

कस्मिश्चित् वने खरनखरः नाम सिंहः प्रतिवसति स्म। सः कदाचित् इतस्तत: परिभ्रमन् क्षुधार्तः न किञ्चिदपि आहारं प्राप्तवान्। ततः सूर्यास्तसमये एकां महतीं गुहां दृष्ट्वा सः अचिन्तयत्-‘नूनम्। एतस्यां गुहायां रात्रौ कोऽपि जीवः आगच्छति। अतः अत्रैव निगूढो भूत्वा तिष्ठामि” इति।

Hindi Translation 

“एक समय एक वन में ‘खरनखर’ नाम का एक सिंह निवास करता था। वह कभी-कभी इधर-उधर घूमता था और भूख से व्याकुल होकर, उसे कुछ भी भोजन नहीं मिला। तब सूर्यास्त के समय उसने एक बड़ी गुफा देखी और उसने सोचा, ‘निश्चित रूप से इस गुफा में रात को कोई जीव आता होगा। इसलिए मैं यहाँ छिपकर रहूँगा।’


I. एकपदेन उत्तरत- (एक पद में उत्तर दीजिए-)

1. खरनखरः कः आसीत्? (खरनखर कौन था?)
2. सः कुत्र वसति स्म? (वह कहाँ रहता था?)
3. सः कीदृशः इतः ततः अभ्रमत्? (वह किस प्रकार इधर-उधर घूमता था?)
4. सः कदा गुहाम् अपश्यत्? (उसने कब गुफा देखी?)

उत्तरम्-

I.
1. सिंहः
2. वने।
3. क्षुधार्तः
4. सूर्यास्तसमये


II. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)

1. गुहां दृष्ट्वा सिंहः किम् अचिन्तयत्? (गुहां दृष्ट्वा सिंह ने क्या सोचा?)
2. एतत् विचिन्त्य सः किम् अकरोत्? (यह सोचकर उसने क्या किया?)

उत्तरम्-

1. नूनम् एतस्यां गुहायां रात्रौ कोऽपि जीवः आगच्छति। (उसने सोचा, ‘निश्चित रूप से इस गुफा में रात को कोई जीव आता होगा।)

2. सः तत्रैव गुहायां निगूढः भूत्वा अतिष्ठत्। (उसने वहाँ छिपकर रहने का निर्णय लिया।)


III. भाषिककार्यम्- (भाषा-कार्य-)

(क) “एतस्यां गुहायां कोऽपि जीवः आगच्छति’ इति वाक्ये

1. आगच्छति क्रियापदस्य कः कर्ता?  (‘आगच्छति’ क्रियापद का कर्ता कौन है?)
2. ‘एतस्यां गुहायाम् अत्र किं विशेषणपदम्? (‘एतस्यां गुहायाम्’ में विशेषणपद क्या है?)
3. वाक्ये किम् अव्यय पदम् प्रयुक्तम्? (वाक्य में कौन सा अव्यय पद प्रयोग हुआ है?)
4. ‘रात्रौ’ अत्र किं विभक्ति वचनम्? (‘रात्रौ’ यहाँ कौन सी विभक्ति है?)

उत्तरम्-

(क)

1. जीवः
2. एतस्याम्
3. अपि
4. सप्तमी एकवचनम्


(ख) यथानिर्देशम् रिक्तस्थानानि पूरयत-(निर्देशानुसार रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-)

1. एतस्याम् ……………………….. (द्विव.) ……………………….. (ब. व.)
2. गुहायाम् ……………………….. (द्विव.) ……………………….. (ब. व.)
3. दृष्ट्वा ……………………….. (धातु:) ……………………….. (प्रत्ययः)

(ख)

1. एतयोः, एतासाम्
2. गुहयोः, गुहासु
3. दृश्+क्त्वा


(ग) सन्धिः विच्छेदः वा क्रियताम्-(संधि अथवा संधि-विच्छेद कीजिए-)

1. क्षुधार्तः = ………….. + …………..
2. अत्रैव = ………….. + …………..

उत्तरम्-

1. क्षुधा+आर्तः
2. अत्र+एव


(2) मञ्जूषातः समानार्थकम् पदम् आदाय रिक्तस्थानानि पूरयत- (मञ्जूषा से समानार्थक पद लेकर रिक्त स्थान भरिए-)

कम्पनम्, आकारयिष्यसि, शब्दम्, विशालाम्, एवम्, बुभुक्षितः, गमिष्यामि

1. महतीम् = ………………………..
2. क्षुधार्त = ………………………..
3. यास्यामि = ………………………..
4. वेपथुः = ………………………..
5. रवम् = ………………………..
6. आह्वयसि = ………………………..
7. इत्थम् = ………………………..

उत्तरम्:

1. विशालाम् (विशाल)
2. बुभुक्षित: (भूख से व्याकुल)
3. गमिष्यामि (जाऊँगा)
4. कम्पनम् (कंपन)
5. शब्दम् (शब्द)
6. आकारयिष्यसि (आकार दोगे)
7. एवम् (इस प्रकार)


(3) शुद्धस्य कथनस्य समक्षम् ‘आम्’ अशुद्धस्य च समक्षम् ‘न’ इति लिखत-(सही कथन के सामने आम् (हाँ) और गलत कथन के सामने ‘न्’ (नहीं) लिखिए-)

1. दधिपुच्छः सिंहपदपद्धतिं पश्यति। (दधिपुच्छः शेर के कदमों को देखता है।)

2. सः तर्कयति यत् सिंहः गुहायाः बहिः गतः। (वह यह तर्क करता है कि सिंह गुफा से बाहर गया है।)

3. सः सिंहस्य आह्वानं करोति। (वह सिंह का आह्वान करता है।)

4. सः गुहायां प्रविशति। (वह गुफा में प्रवेश करता है।)

5. सिंहः उच्चैः गर्जति। (सिंह ऊँचे स्वर में गर्जता है।)

6. तस्य उच्चगर्जन-ध्वनिना पशवः प्रसन्नाः। (उसकी ऊँची गर्जना की आवाज़ से पशु प्रसन्न हो जाते हैं।)

7. शृगालेन बिलस्य वाणी पूर्वमपि श्रुता आसीत्। (शृगाल की गुफा की आवाज़ पहले भी सुनी गई थी।)

8. यः अनागतम् करोति सः शोभते। (जो भविष्य का कार्य करता है, वह शोभित होता है।)

उत्तरम्:

1. आम्
2. न
3. न
4. न
5. आम्।
6. न
7. न
8. आम्


(4) पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)

1. दधिपुच्छः कथं तर्कयति यत् सिंह: गुहायां स्थितः अस्ति? (दधिपुच्छ कैसे तर्क करता है कि सिंह गुफा में है?)
2. दधिपुच्छस्य शब्दं श्रुत्वा सिंहः किम् अचिन्तयत्? (दधिपुच्छ का शब्द सुनकर सिंह ने क्या सोचा?)
3. किम् विचार्य सिंहः सहसा शृगालस्य आह्वानम् अकरोत्? (किस विचार से सिंह ने अचानक शृगाल के आह्वान का उत्तर दिया?)
4. सिंहस्य उच्चगर्जनेन किम् अभवत्? (सिंह की ऊँची गर्जना से क्या हुआ?)

उत्तरम्:

1. सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा अस्ति परं बहिः न आगता-एतत् दृष्ट्वा सः तर्कयति यत् सिंहः गुहायाम् एव अस्ति।।
2. दधिपुच्छस्य शब्दं श्रुत्वा सिंहः अचिन्तयत्-‘नूनमेषा गुहा स्वामिनः सदा आह्वानं करोति।
3. शृगालः बिले प्रविश्य मे भोज्यं भविष्यति इति विचार्य सः तस्य आह्वानाम् अकरोत्।
4. सिंहस्य उच्चगर्जनेन अन्ये पशवः भयभीताः अभवन् शृगालः अपि दूरं पलायितः।

Hindi Translation

  • सिंहपदपद्धति गुफा में प्रवेश कर चुकी है, परंतु बाहर नहीं आई—यह देखकर वह तर्क करता है कि सिंह गुफा में ही है।
  • दधिपुच्छ का शब्द सुनकर सिंह ने सोचा, ‘निश्चित रूप से यह गुफा हमेशा स्वामी का आह्वान करती है।’
  • शृगाल ने गुफा में प्रवेश करके सोचा कि मुझे भोजन प्राप्त होगा, इसलिए उसने उसका आह्वान किया।
  • सिंह की ऊँची गर्जना से अन्य पशु भयभीत हो गए और शृगाल भी दूर भाग गया।

(5) मञ्जूषातः उचितम् अव्ययं चित्वा पाठांशं पूरयत- (मञ्जूषा से उचित अव्यय चुनकर पाठांश को पूरा कीजिए-)

‘ ……………………….. अस्मिन् बिले सिंहः अस्ति इति तर्कयामि। तत् किं करवाणि?’ ……………………….. विचिन्त्य सः दूरस्थः रवं कतुमारब्धः।’ भो बिल! भो बिल! किं न स्मरसि यन्मया त्वया ……………………….. समयः कृतोऽस्ति यत् ……………………….. अहं बाह्मतः प्रत्यागमिष्यामि ……………………….. त्वं माम् आकारयिष्यसि। ……………………….. त्वं मां न आह्वयसि ……………………….. अहं द्वितीयं बिलं यास्यामि।।

उत्तरम्:

‘नूनम्, एवम्, सह, यदा, तदा, यदि, तर्हि।

Hindi Translation

“मैं यह सोचता हूँ कि इस गुफा में सिंह है। तो मैं क्या करूँ?” सोचते-सोचते वह दूर से गरजने लगा। “हे गुफा! हे गुफा! क्या तुम नहीं स्मरण करती कि मैंने तुमसे कहा था कि यदि मैं वापस लौटूँगा, तो तुम मुझे बुलाओगी। यदि तुम मुझे नहीं बुलाती हो, तो मैं दूसरी गुफा में जाऊँगा।”


(6) अधोदत्तानि वाक्यानि कथायाः घटनाक्रमेण योजयित्वा पुनः लिखत। (निम्नलिखित वाक्यों को कथा के घटनाक्रम के अनुसार लगाकर पुनः लिखिए-)

1. सः गुहायां निगूढो भूत्वा अतिष्ठत्।।
2. सः उच्चैः वदति-‘हे बिल! यदि त्वं मां न आह्वयसि तर्हि अहं द्वितीयं बिलं यास्यामि।’
3. सिंहस्य उच्चगर्जन-प्रतिध्वनिना सर्वे पशवः भयभीताः अभवन्।
4. सः चिन्तयति-‘नुनम् सिंहः बिलस्य अन्तः स्थितः किं करवाणि?
5. शृगालः आगत्य पश्यति–सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा।
6. क्षुधार्तः सः इतः ततः भ्रमति सूर्यास्तसमये च एकां गुहाम् पश्यति।
7. कस्मिंश्चित् वने एकः सिंह वसति स्म।
8. कदाचिद् भयात् बिलं न वदति इति विचार्य सिंहः शृगालस्य आह्वानम् अकरोत्।

उत्तरम्:

1. कस्मिंश्चित् वने एक सिंह: वसति स्म।
2. क्षुघार्तः सः इतः ततः भ्रमति सूर्यास्तसमये च एका गुहां पश्यति।
3. सः गुहायां निगूढो भूत्वा अतिष्ठत्।।
4. शृगालः आगत्य पश्यति–सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा।
5. सः चिन्तयति–’नूनम् सिंह: बिलस्य अन्तः स्थितः। किं करवाणि?
6. सः उच्चैः वदति-‘हे बिल! यदि त्वं मां न आह्वयसि तर्हि अहम् द्वितीयं बिलं यास्यामि।’
7. कदाचित् भयात् बिलं न वदति इति विचार्य सिंहः शृंगालस्य आह्वानम् अकरोत्।
8. सिंहस्य उच्चगर्जन-प्रतिध्वनिना सर्वे पशवः भयभीताः अभवन्।

Hindi Translation

  • एक समय एक सिंह एक वन में निवास करता था।
  • भूख से व्याकुल होकर, वह इधर-उधर घूमता था।
  • सूर्यास्त के समय, उसने एक गुफा देखी।
  • उसने सोचा, ‘निश्चित रूप से इस गुफा में रात को कोई जीव आता होगा।’
  • उसने वहाँ छिपने का निर्णय लिया।
  • शृगाल ने गुफा में प्रवेश किया और देखा कि सिंह की पदपद्धति गुफा में थी।
  • सिंह ने सोचा, ‘निश्चित रूप से, सिंह गुफा के अंदर ही है।’
  • सिंह ने ऊँचे स्वर में कहा, ‘हे गुफा! यदि तुम मुझे नहीं बुलाती हो, तो मैं दूसरी गुफा में चला जाऊँगा।’
  • सिंह की ऊँची गर्जना से सभी पशु भयभीत हो गए।

बहुविकल्पीयप्रश्नाः


(1) प्रदत्तविकल्पेभ्यः शुद्धं पदं चित्वा एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत-(दिए गए विकल्पों में से शुद्ध उत्तर चुनकर एक पद में प्रश्नों के उत्तर दीजिए-)

1. शृगालः रात्रौ कुत्र वसति स्म? ………………………..(वने, बिले, गृहे)
2. सिंहः गुहायां कदा आगच्छति? ……………………….. (सहसा, सूर्यास्तसमये, मध्याह्न)
3. कः अचिन्तयत्–’अहो विनष्टोऽस्मि’ ……………………….. (सिंहः, दधिपुच्छः, स्वामी)
4. गुहायाः स्वामी कः? ………………………. ( शृगालः, सिंहः, मृगः)
5. शृगालः कीदृशः आसीत्? ………………………..(चतुरः, भयभीतः क्षुधार्त:)

उत्तरम्:

1. बिले
2. सूर्यास्तसमये
3. दधिपुच्छः
4. शृगालः
5. चतुरः

Hindi Translation

  • शृगाल रात्रि में कहाँ रहता था? ……………………….. (वन में, गुफा में, घर में)
  • सिंह गुफा में कब आता है? ……………………….. (अचानक, सूर्यास्त के समय, मध्याह्न)
  • किसने सोचा—’अहो, मैं विनष्ट हो गया’? ……………………….. (सिंह, दधिपुच्छ, स्वामी)
  • गुफा का स्वामी कौन है? ……………………….. (शृगाल, सिंह, मृग)
  • शृगाल कैसा था? ……………………….. (चतुर, भयभीत, भूखा)

(2) उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानपूर्ति कुरुत- (उचित पद चुनकर रिक्त स्थान पूर्ति कीजिए-)

1. बिलस्य ……………………….. न कदापि मे श्रुता। (ध्वनिः, जरा, वाणी)
2. इत्थं विचार्य सः शृगालस्य ……………………….. अकरोत्। (भोजनम्, समयम् आह्वानम्)
3. यः ……………………….. स: शोभते। (आगतम्, अनागतम्, आह्वानम्)
4. सिंहः गुहायां ……………………….. भूत्वा अतिष्ठत्। (दूरस्थः, भयभीत:, निगूढः)
5. अन्येऽपि पशवः …………………… अभवन्। (विनष्टाः, पलायमानाः, भयभीता:)

उत्तरम्:

1. वाणी
2. आह्वानम्
3. अनागतम्
4. निगूढ़ः
5. भयभीताः

Hindi Translation

  • बिल की (ध्वनि) न कभी भी मुझे सुनाई दी।
  • इस प्रकार विचार करके उसने शृगाल के (आह्वान) को स्वीकार किया।
  • जो (अनागत) है, वही सुशोभित होता है।
  • सिंह गुफा में (निगूढ़) होकर खड़ा था।
  • अन्य भी पशु (भयभीत) हो गए।

(3) श्लोकांशस्य शुद्ध भावं चिनुत- (श्लोकांश का शुद्ध भाव चुनिए-)

अनागतं यः कुरुते स शोभते
स शोच्यते यो न करोत्यनागतम्।

1. बुद्धिमान् सदा कार्यस्य भविष्यमालिक-परिणामम् एवं चिन्तयेत्।
2. अद्यतनस्य कार्यस्य कः परिणामः भविष्यति इति अविचार्य कार्यम् कुर्यात्।
3. यः नर भविष्यकालिकं परिणामं सुविचार्य तदनुसार कार्ययोजनां रचयति सः कदापि संतापं न गच्छति।

उत्तरम्:

यः नरः भविष्यकालिकं परिणामं सुविचार्य कार्ययोजनां रचयति सः कदापि संतापं न गच्छति।

Hindi Translation

“जो व्यक्ति भविष्य का कार्य करता है, वही शोभनीय है।
जो भविष्य का कार्य नहीं करता, वह दुःखनीय है।”

  • बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा कार्य के भविष्य में होने वाले परिणाम के बारे में सोचना चाहिए।
  • जिसके बारे में यह विचार नहीं किया गया है कि वर्तमान कार्य का क्या परिणाम होगा, उसे कार्य नहीं करना चाहिए।
  • जो व्यक्ति भविष्य में होने वाले परिणाम पर अच्छी तरह से विचार करके कार्य की योजना बनाता है, वह कभी भी दुखी नहीं होता।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

सभी कक्षा के अध्याय के प्रश्न उत्तर in Hindi PDF Download

सभी Kaksha के Paath के Prashn Uttar, Objective Question, सैंपल पेपर, नोट्स और प्रश्न पत्र Download Free in PDF for Hindi Medium

क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स, एनसीईआरटी समाधान इन हिंदी पीडीएफ – PDF FREE Download

सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान, सैंपल पेपर, नोट्स, प्रश्न पत्र के मुफ्त पीडीएफ डाउनलोड करे

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE

Study Abroad

Study in Australia: Australia is known for its vibrant student life and world-class education in fields like engineering, business, health sciences, and arts. Major student hubs include Sydney, Melbourne, and Brisbane. Top universities: University of Sydney, University of Melbourne, ANU, UNSW.

Study in Canada: Canada offers affordable education, a multicultural environment, and work opportunities for international students. Top universities: University of Toronto, UBC, McGill, University of Alberta.

Study in the UK: The UK boasts prestigious universities and a wide range of courses. Students benefit from rich cultural experiences and a strong alumni network. Top universities: Oxford, Cambridge, Imperial College, LSE.

Study in Germany: Germany offers high-quality education, especially in engineering and technology, with many low-cost or tuition-free programs. Top universities: LMU Munich, TUM, University of Heidelberg.

Study in the USA: The USA has a diverse educational system with many research opportunities and career advancement options. Top universities: Harvard, MIT, Stanford, UC Berkeley.

Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.