Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
हिन्दी Class 12 || Menu
  • MCQ Hindi Class 12
  • Important Questions Hindi Class 12
  • Notes Hindi Class 12
  • Sample Papers Hindi Class 12
  • Solutions Hindi Class 12
  • Books Hindi Class 12
  • Previous Year Papers Hindi Class 12
  • Marking Scheme Hindi Class 12
  • Hindi Class 12

हिन्दी रामचन्द्र चन्द्रिका Class 12 Antra Chapter 10 Question Answer

Advertisement

Solutions For All Chapters Antara Class 12

रामचन्द्र चन्द्रिका

Question 1:
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?

ANSWER:
देवी सरस्वती सुर, कला तथा ज्ञान की देवी हैं। इस संसार में सबके गले में वह विराजती है। इस संसार में ज्ञान का अथाह भंडार उनकी ही कृपा से उत्पन्न हुआ है। उनकी महत्ता को व्यक्त करना किसी के भी वश में नहीं है क्योंकि उनकी महत्ता को शब्दों का जामा पहनाकर उसे बांधा नहीं जा सकता है। सदियों से कई विद्वानों ने सरस्वती की महिमा को व्यक्त करना चाहता है परन्तु वे उसमें पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए हैं। जितना भी उसे व्यक्त करने का प्रयास किया गया, उतना ही कम प्रतीत होता है। उनमें अभी इतना बल नहीं है कि वह सरस्वती की महिमा को समझ पाएँ। अतः उनकी उदारता का गुणगान मनुष्य के वश में नहीं है।

Question 2:
चारमुख, पाँचमुख और षटमुख किन्हें कहा गया है और उनका देवी सरस्वती से क्या संबंध है?

ANSWER:
कवि ‘चारमुख’ ब्रह्मा के लिए, ‘पाँचमुख’ शिव के लिए तथा ‘षटमुख’ कार्तिकेय के लिए कहा है। ब्रह्मा को सरस्वती का पति कहा गया है। शिव को उनका पुत्र कहा है तथा शिव पुत्र कार्तिकेय को उनका नाती कहा गया है।

Question 3:
कविता में पंचवटी के किन गुणों का उल्लेख किया गया है?

ANSWER:

कविता में पंचवटी के निम्नलिखित गुणों का उल्लेख किया गया है-
(क) पंचवटी में आकर दुखी लोगों के संताप्त (दुख) हर जाते हैं तथा उन्हें सुख का अनुभव होता है।

(ख) दुष्ट लोग यहाँ एक क्षण भी नहीं रुक पाते हैं।

(ग) पंचवटी इतना सुंदर है कि यहाँ का वातावरण लोगों को सुख देता है।

(घ) पंचवटी पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यहाँ पर आकर हर तरह का पाप कट जाता है।

Question 4:
तीसरे छंद में संकेतित कथाएँ अपने शब्दों में लिखिए?

ANSWER:

तीसरे छंद में रावण की पत्नी मंदोदरी ने निम्नलिखित कथाओं का वर्णन किया है-

(क) सिंधु तर्यो उनका बनरा- इस पंक्ति में हनुमान द्वारा समुद्र लांघ कर आने की बात कही गई है। जब सीता की तलाश में हनुमान का वानर दल समुद्र किनारे आ पहुँचा तो, सभी वानर चिंतित हो गए। किसी भी वानर में इतना सामर्थ नहीं था कि समुद्र को लाँघ सके। जांमवत जी से प्रेरणा पाकर हुनमान जी समुद्र पार करके लंका पहुँच गए। मंदोदरी ने यहाँ उसी का उल्लेख किया है।

(ख) धनुरेख गई न तरी- इस पंक्ति में सीता द्वारा रावण का हरण करने की बात कही गई है। स्वर्ण हिरण को देखकर सीता ने राम से उसे पाने की इच्छा जाहिर की। सीता की इच्छा को पूरा करने हेतु राम लक्ष्मण की निगरानी में सीता को छोड़कर हिरण के पीछे चल पड़े। कुटी में सीता और लक्ष्मण को राम का दुखी स्वर सुनाई दिया। लक्ष्मण ने उस मायावी आवाज़ को पहचान लिया। परन्तु सीता द्वारा लांछन लगाए जाने पर उन्हें विवश होकर जाने के लिए तैयार होना पड़ा। वह सीता को लक्ष्मण रेखा के अंदर सुरक्षित करके राम की सहायता के लिए चले गए। रावण ने सीता को अकेली पाकर ऋषि रूप में उसका हरण करना चाहा परन्तु लक्ष्मण की खींची रेखा की प्रबल शक्ति के कारण वह उसे पार नहीं कर पाया। रावण एक शक्तिशाली राक्षस था। उसने सभी देवताओं को अपने घर में कैद किया हुआ था। परन्तु वह उस रेखा को पार न कर सका। आखिर सीता को धर्म तथा परंपराओं का हवाला देकर रेखा को पार करने के लिए विवश किया। जैसे ही सीता ने उसे पार किया रावण ने उसका बलपूर्वक हरण कर लिया।

(ग) बाँधोई बाँधत सो न बन्यो- जब हनुमान जी ने लंका में प्रवेश किया तो उन्होंने बहुत उत्पात मचाया। उनको बलशाली राक्षस तक नहीं बाँध पाए। रावण का पुत्र अक्षत इसी समय हनुमान के हाथों मारा गया।

(घ) उन बारिधि बाँधिकै बाट करी- इस पंक्ति में पत्थरों को बाँधकर लंका आने की बात की गयी है। सीता का पता लग जाने पर राम-लक्ष्मण और सग्रीव सभी वानर सेना सहित समुद्र किनारे आ गए। सुमद्र से जब लंका तक जाने का मार्ग माँगा गया, तो समुद्र इसमें अपनी असमर्थता जताई। तब समुद्र द्वारा बताए गए उपाय से नल तथा नील ने समुद्र के ऊपर सौ योजन लंबा सेतू का निर्माण किया। रावण ने सोचा था कि कोई भी उसकी लंका तक नहीं पहुँच पाएगा। परन्तु राम तथा उनकी सेना ने इस असंभव कार्य को संभव कर दिखाया। मंदोदरी इसी बात का उल्लेख करती है।

(ङ) तेलनि तूलनि पूँछि जरी न जरी, जरी लंक जराइ-जरी- प्रस्तुत पंक्तियों में उस समय का वर्णन किया गया है, जब अशोक वाटिका में सीता से मिलने के बाद हनुमान जी ने वहाँ कोहराम मचा दिया था। हनुमान जी को पकड़कर सज़ा के तौर पर उनकी पूंछ में रावण ने आग लगवा दी। हनुमान ने उसी जलती पूंछ के सहारे पूरी लंका को स्वाहा कर दिया और रावण कुछ न कर सका। कहा जाता है, सोने से बनी लंका का सारा सोना अग्नि की तपन के कारण सागर में जा मिला। इस तरह मंदोदरी रावण का सत्य से परिचय करना चाहती है। परन्तु हतबुद्धि रावण उसकी बात को समझने से इनंकार कर देता है।

Question 5:
निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(क) पति बर्नै चारमुख पूत बर्नै पंच मुख नाती बर्नै षटमुख तदपि नई-नई।

(ख) चहुँ ओरनि नाचति मुक्तिनटी गुन धूरजटी वन पंचवटी।

(ग) सिंधु तर यो उनको बनरा तुम पै धनुरेख गई न तरी।

(घ) तेलन तूलनि पूँछि जरी न जरी, जरी लंक जराई-जरी।

ANSWER:
(क) प्रस्तुत पंक्तियों में कवि सरस्वती के बखान को कहने में स्वयं को असमर्थ पाता है। इसमें उनकी महिमा को अतुलनीय बताया है। उसके अनुसार सरस्वती का बखान अकथनीय है। ब्रजभाषा का बहुत सुंदर प्रयोग है। ‘नई-नई’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की छटा दिखाई देती है। कवि ने इसमें अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग किया है। तत्सम शब्दों ‘पाँचमुख’, ‘षटमुख’ तथा ‘तदपि’ आदि का प्रयोग किया गया है।

(ख) प्रस्तुत पंक्तियों में पंचवटी स्थान की सुंदरता का वर्णन किया गया है। कवि ने लोक सीमा से परे जाकर इसकी सुंदरता का वर्णन किया है। उसने पंचवटी की शोभा की तुलना शिव के समान की है। ब्रज का बहुत ही सुंदर प्रयोग किया है। भाषा में गेयता का गुण विद्यमान है। ‘टी’ शब्द का प्रयोग काव्यांश में बहुत सुंदर चमत्कार उत्पन्न कर रहा है। ‘मुक्ति नटी’ रूपक अलंकार का बड़ा अच्छा उदाहरण है। ‘जटी’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है परन्तु दोनों बार इसके अलग अर्थ भिन्न हैं। अतः यह यमक का उदाहरण है।

(ग) प्रस्तुत पंक्तियों में मंदोदरी रावण को आइना दिखाते हुए व्यंग्य कसती है। उसके अनुसार जिस राम के अनुचर बंदर ने विशाल सागर को पार कर दिया और जिसके भाई की खींची लक्ष्मण रेखा तुम पार नहीं कर सकते हो, वह सही मैं कितने शक्तिशाली होंगे। ब्रज का बहुत सुंदर ढंग से प्रयोग किया गया है। व्यंजना शब्द का कवि ने सटीक प्रयोग किया है। गेयता का गुण विद्यमान है।

(घ) प्रस्तुत पंक्तियों में मंदोदरी ने हनुमान की शक्ति से परिचय कराया है। ब्रजभाषा का सुंदर प्रयोग है। गेयता का गुण विद्यमान है। ‘त’ तथा ‘ज’ शब्दों के द्वारा काव्यांश में बहुत सुंदर चमत्कार उत्पन्न किया गया है। यह अनुप्रास अलंकार का सुंदर उदाहरण है। ‘जरी’ ‘जरी’ यमक अलंकार का उदाहरण है।

Question 6:
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।
(क) भावी भूत बर्तमान जगत बखानत है ‘केसोदास’ क्यों हू ना बखानी काहू पै गई।

(ख) अघओघ की बेरी कटी बिकटी निकटी प्रकटी गुरूजान-गटी।

ANSWER:
(क) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि देवी सरस्वती की महत्ता इस संसार में अद्वितीय है। प्राचीनकाल से लेकर आज तक लोग इनकी महिमा का बखान करने का प्रयास करते हैं। परन्तु न तब संभव था और न आज संभव है। इसका कारण यह है कि इनके स्वभाव में नित्य नवीनता विद्यमान रहती है। भाव यह है कि लोग उनसे चमत्कृत हो जाते हैं और उनकी बुद्धि चकरा जाती है। वह वर्णनानीत है इसलिए इनका बखान नहीं किया जा सकता है।
(ख) प्रस्तुत पंक्तियों में पंचवटी के सौंदर्य तथा पवित्रता का वर्णन देखने को मिलता है। कवि के अनुसार पंचवटी के दर्शन मात्र से ही घोर पापों के बंधनों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इसके अंदर ज्ञान के भंडार भरे पड़े हैं, यहाँ जाकर इसका आभास हो जाता है। पंचवटी पापों को मिटाने तथा पुण्यों को बढ़ाने में सक्षम है।

योग्यता विस्तार

Question 1:
केशवदास की ‘रामचंद्रचंद्रिका’ से यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरणों का संकलन कीजिए।

ANSWER:
• तेलनि तूलनि पूँछि जरी न जरी, जरी लंक जराइ-जरी।
‘जरी’ ‘जरी’ ‘जरी’ यमक अलंकार का उदाहरण है। इसमें एक ‘जरी’ का अर्थ जलना है, एक ‘जरी’ का अर्थ जरा-सा है तथा तीसरी ‘जरी’ का अर्थ जड़ी हुई है। अतः एक शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है और तीनों बार इसके अर्थ भिन्न-भिन्न है इसलिए यह यमक अलंकार का उदाहरण है।
• चहुँ ओरनि नाचति मुक्तिनटी गुन धूरजटी जटी पंचबटी।।
‘जटी’ ‘जटी’ यमक अलंकार का उदाहरण है। इसमें एक ‘जटी’ का अर्थ जलना है और एक ‘जटी’ का अर्थ जरा-सा है। अतः एक शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है और दोनों बार इसके अर्थ भिन्न-भिन्न है इसलिए यह यमक अलंकार का उदाहरण है।

Question 3:
केशवदास ‘कठिन काव्य के प्रेत हैं’ इस विषय पर वाद-विवाद कीजिए।

ANSWER:
केशवदास संस्कृत के प्रकांड पंडित थे। वह यदि आचार्य थे, तो वहीं एक साहित्यकार तथा कवि भी थे। उनकी रचनाओं में इसका समन्वय सर्वत्र दिखाता है। संस्कृत के विद्वान होने के कारण उनकी रचनाओं में संस्कृत शब्दों का प्रयोग बहुत अधिक हुआ है। इससे उनका संस्कृत प्रेम अभिलक्षित होता है। उन्होंने ब्रज में अपनी रचनाएँ लिखी हैं। ब्रज में तत्सम शब्दों के प्रयोग के साथ-साथ उसकी विभक्तियों का भी उन्होंने मुक्त रूप से प्रयोग किया है। उनकी ब्रजभाषा शुद्ध तथा साहित्यिक थी। अलंकारों से उन्हें इतना प्रेम था कि उनकी रचनाओं में चमत्कार तो उत्पन्न हो जाता था परन्तु भाव दब जाता था। इन सभी गुणों के कारण उनके काव्य की शब्द रचना कठिन थी। उनके काव्य साधारण जन से दूर होने लगे और केशवदास कठिन काव्य के प्रेत कहलाए।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

CBSE Delhi Question Answer of Chapters in PDF

Free Sample Papers and Previous Years' Question Papers for CBSE Exams from the Official CBSE Academic Website (CBSE.nic.in) in Delhi, Rajasthan, Uttar Pradesh and Bihar

सभी कक्षा के अध्याय के प्रश्न उत्तर in Hindi PDF Download

सभी Kaksha के Paath के Prashn Uttar, Objective Question, सैंपल पेपर, नोट्स और प्रश्न पत्र Download Free in PDF for Hindi Medium

क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स, एनसीईआरटी समाधान इन हिंदी पीडीएफ – PDF FREE Download

सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान, सैंपल पेपर, नोट्स, प्रश्न पत्र के मुफ्त पीडीएफ डाउनलोड करे

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE

Study Abroad

Study in Australia: Australia is known for its vibrant student life and world-class education in fields like engineering, business, health sciences, and arts. Major student hubs include Sydney, Melbourne, and Brisbane. Top universities: University of Sydney, University of Melbourne, ANU, UNSW.

Study in Canada: Canada offers affordable education, a multicultural environment, and work opportunities for international students. Top universities: University of Toronto, UBC, McGill, University of Alberta.

Study in the UK: The UK boasts prestigious universities and a wide range of courses. Students benefit from rich cultural experiences and a strong alumni network. Top universities: Oxford, Cambridge, Imperial College, LSE.

Study in Germany: Germany offers high-quality education, especially in engineering and technology, with many low-cost or tuition-free programs. Top universities: LMU Munich, TUM, University of Heidelberg.

Study in the USA: The USA has a diverse educational system with many research opportunities and career advancement options. Top universities: Harvard, MIT, Stanford, UC Berkeley.

Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.