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विज्ञान Class 6 बिहार बोर्ड || Menu
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बिहार विज्ञान Class 6 Solution Chapter 18 BSEB ठोस कचरा प्रबंधन

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BSEB Solutions For All Chapters Vigyan Class 6

प्रश्न 2. रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने के लाभ और हानियों को बताएँ।

उत्तर: रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने का लाभ – प्लास्टिक किस तरह हमारे जीवन में घुल-मिल गया है कि बताना बहुत ही मुश्किल तो नहीं है। प्लास्टिक से हमें बहुत से फायदे तो हुए हैं। जैसे- वर्षा – के दिनों में अगर वर्षा होती हैं तो कोई भी वस्तु को ढंक देने में उसमें पानी का प्रवेश नहीं होता है। अनाज, गेहूँ, चावल इत्यादि चीजों को हम लोग इन प्लास्टिक से ढंक कर ही बचाते हैं। प्लास्टिक के खिलौनों को देखिए, बच्चों को कितना भाता है और यह डर भी नहीं रहता है कि बच्चों के हाथ-पैर कट जाएँ या किसी प्रकार का नुकसान हो सकता है। हम लोग टेबल, कुर्सी, कूलर इत्यादि इन सभी चीजें जो प्लास्टिक से बनती हैं उसी का उपयोग करते हैं क्योंकि इनका वजन लकड़ी या लोहे की अपेक्षा काफी कम होता है।

रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने की हानियाँ इस प्रकार हैं –

प्लास्टिक इस्तेमाल करने से हमें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्लास्टिक की कई चीजों की उपयोगिता बहुत कम समय तक के लिए ही होती हैं और वह जल्द ही कूड़े में फेंक दी जाती है। हमलोग अपने घर के कचड़े को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर बाहर फेंक देते हैं जो गली, मोहल्लों के आवारा पशु भोजन की खोज में जब इन थैलियों को देखते हैं तो. प्रायः प्लास्टिक की थैली को भी निगल जाते हैं। कभी-कभी तो इस कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है। सड़कों तथा अन्य स्थानों पर असावधानीपूर्वक फेंकी गई ये प्लास्टिक की थैलियाँ अक्सर बहकर नालों अथवा सीवर में पहुँच जाती हैं। इसके फलस्वरूप नाले अवरूद्ध हो जाते हैं और गंदा जल सड़को पर फैलने लगता है।

प्रश्न 3. कचरे के प्रबंधन के लिए हम क्या कर सकते हैं?

उत्तर: कचरे के प्रबंधन के लिए हम यह जान चुके हैं कि आजकल “विभिन्न प्रकार के कचरों से काफी परेशानियाँ खड़ी हो रही हैं। आने वाले समय में इनके निपटान की समस्या और भी गंभीर हो जाएगी। इसलिए इन कचरे को जिनमें प्लास्टिक भी शामिल है, के निपटारे के लिए निम्न “चार आर” सुझाए गए हैं –

“चार “R” को हम अपनाएंगे
कचरे से छुटकारा पाएंगे।

आइये इनके बारे में एक-एक करके जानकारी प्राप्त करते हैं।

(क) मना कीजिए (Refuse)-जैसा कि ऊपर हमलोगों ने जान लिया है कि प्लास्टिक की बनी थैलियों या सामानों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अतः प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए सभी को मना Refuse कराने हेतु जागरुकता लाने हेतु अभियान चलाना चाहिए।

(ख) उपयोग कम (Reduce)-आजकल चीजों को इस्तेमाल करके फेंक दना बहुत आम बात हो गई है। हम बहुत-सी ऐसी चीजें भी इस्तेमाल करते है जिसके बिना भी काम चलाया जा सकता है। यानि जो बहुत जरूरी नहीं होना है। जैसे -जैसे हम अपनी जरूरतें बढ़ाते हैं वैसे-वैसे कचरे भी बढ़ते चलं जान हैं। जैसे- दुकान में कमीज प्लास्टिक में रखी होती है ताकि वह गंदा न हो। जब हम उसे खरीदते हैं तब दुकानदार उसे अलग थैली में देता है जिस पर दुकान का नाम आदि लिखा होता है। जब हम पहनने के लिए कमीज निकाल लेते हैं तब दोनों थैलियों को फेंक देते हैं। हमें ध्यान भी नहीं रहता कि कमीज के फट जाने के कई साल बाद तक भी ये दोनों थैलियों कचरे का हिस्सा बनी रहेंगी।

(ग) पुन. उपयोग (Refuse) – कुछ कचरा ऐसे होते हैं जिसका पुनः – उपयोग किया जा सकता है, आइए ऐसी कुछ चीजों की सूची बनाइऐ जो आपने हाल ही में कूड़े दान में फेकी हो या कबाड़ी से बंची हो। आपस में चर्चा – कीजिए कि उन चीजों को कैसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता था। इस प्रकार चीजों को फेंकने के बजाए उन्हें दुबारा इस्तेमाल करने से कचरे के निपटान में मदद हो जाती है।

(घ) पुन:चक्रण (Recycle)-आपने कबाड़ी वाले को घरों से पुराने अखबार, शीशियाँ, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजें खरीदते देखा होगा। इन चीजों को वे ले जाकर बेचते हैं और कारखाना में उन चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसे पुनः चक्रण कहते हैं।

पुन: चक्रण के लिए हमें क्या करना चाहिए?

1. हम ऐसी चीजें खरीदें जिनका पुन:चक्रण हो सके।
2. हम ऐसी चीजें खरीदें जिनका पुन:चक्रण से बनी हो। जैसे- पुनः चक्रण द्वारा बनाया गया कागजा
3. ऐसी चीजें हम इस्तेमाल करें जिसका पुन:चक्रण हो सके।

कम्पोस्ट खाद – कम्पोस्ट खाद रसोई और बगीचे से निकलने वाले कचरे का पुनःचक्रण करने का सबसे अच्छा तरीका है। कम्पोस्ट का अर्थ है- पौधों और जन्तुओं के मृत शरीर और जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का सूक्ष्म जीवों द्वारा मिट्टी जैसे पदार्थ में बदलना (यह पदार्थ मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और खाद के रूप में पेड़-पौधों की वृद्धि में सहायक होता है। इससे हमें दो फायदे हैं-एक तो खाद मिल जाती है और दूसरा कचरे का भी निपटारा हो जाता है।

प्रश्न 4. पुनःचक्रण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कबाड़ी वाले को घरों से पुराने अखबार, शीशियाँ, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजें खरीदते देखा होगा। इन चीजों को वे ले जाकर बेचते हैं और कारखानों में उन चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसे पुन:चक्रण कहते हैं।

प्रश्न 5. पॉलिथीन का बहुत ज्यादा उपयोग करने से हमें किस प्रकार के नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है?

उत्तर: पॉलिथीन का बहुत ज्यादा उपयोग करने से हमें परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्लास्टिक की. कई चीजों की उपयोगिता वहुत कम समय तक के लिए ही होती है और वह जल्द ही कड़े में फेंक दी जाती है। हम अपने घर के कचरे को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर बाहर फेंक देते हैं। गली-मोहल्ले के आवारा पशु भोजन की खोज में जब इन थैलियों को देखते हैं तो प्रायः प्लास्टिक की थैली को भी निगल जाते हैं। कभी-कभी तो इस कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है।

सड़कों तथा अन्य स्थानों पर असावधानीपूर्वक फेकी गई ये प्लास्टिक की थैलियाँ अक्सर बहकर नालों अथवा सीवर प्रणाली में पहुँच जाती हैं। फलस्वरूप नाले अवरुद्ध हो जाते हैं और गंदा जल सड़कों पर फैलने लगता है। भारी वर्षा के समय तो बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जमीन या मिट्टी में भी प्लास्टिक के जमा होने से मिटटी पौधों के लिए कम उपयोगी ‘हो जाती है। क्योंकि ऐसे में मिट्टी में पानी का सही निकास नहीं हो पाता है। इन्हीं सभी प्रकारों से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

प्रश्न 6. आप पॉलिथीन के अत्यधिक उपयोग को कम करने में कैसे मदद कर सकते हैं?

उत्तर: पॉलिथीन के अत्यधिक उपयोग को कम करने में निम्न प्रकार से मदद कर सकते हैं- प्लास्टिक की इन्हीं सब हानियों को ध्यान में रखकर सरकार ने प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने का निश्चय किया है। इस अभियान में स्कूल के बच्चे भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल न करना इसी अभियान का एक हिस्सा है।

आइए हम देखें कि प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं।

(क) बाजार जाते समय घर से कपड़े अथवा जूट की थैली लेकर जाएँ।
(ख) दुकानदार से प्लास्टिक की थैली न लें। उनको समझाएं कि वे कागज की थैलियों का इस्तेमाल करें।
(ग) हम खाद्य पदार्थों को रखने के लिए प्लास्टिक की थैलियों यानि पॉलिथीन का उपयोग न करें।
(घ) पॉलिथीन की थैलियों को सडक और नालियों में न फेंके।
(ङ) हम प्लास्टिक को कभी भी जलाएँ नहीं. क्योंकि जलाने पर इनसे हानिकारक गैसें निकलती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। पालिथीन के कम उपयोग करने से हमें मदद मिल सकती है।

प्रश्न 7. निम्न कथनों में सत्य के सामने (सत्य) तथा असत्य कथन के सामने (असत्य) का चिह्न लगाएँ।

(क) कचरे के कारण वायु, जल एवं भूमि दुषित हो जाते हैं।

(ख) पदार्थ जिनका विघटन आसानी से हो जाता है जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाती है।

(ग) पदार्थ जिनका विघटन आसानी से नहीं हो सकता, जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ कहलाती है।

(घ) पुराने अखबार, शीशियों, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित करना “पुन:चक्रण” कहलाती है।

उत्तर: (क) सत्य, (ख) सत्य, (ग) सत्य, (घ) सत्य।

 

Comments

  1. Kumar Ravi says:
    July 12, 2024 at 2:04 pm

    Best teaching and learning questions and answers thanks sir

    Reply

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