Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
विज्ञान Class 6 || Menu
  • विज्ञान Videos Class 6
  • MCQ Vigyan Class 6
  • Notes Vigyan Class 6
  • Important Questions Vigyan Class 6
  • Question Answer Vigyan Class 6
  • Book Vigyan Class 6
  • Previous Year Papers Vigyan Class 6
  • Sample Papers Vigyan Class 6
  • Vigyan Class 6

विज्ञान Notes Science Class 6 Chapter 12 Jigyasa

Advertisement

पृथ्वी से परे

नुब्रा लद्दाख का रमणीय क्षेत्र

परिचय

  • नुब्रा लद्दाख का एक रमणीय क्षेत्र: नुब्रा लद्दाख का एक अत्यंत सुंदर क्षेत्र है, जहाँ मौसम लगभग बादल रहित रहता है।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: यहाँ के गगनचुंबी पर्वत-शिखर और हिमनदों का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है।

यांग्डोल और दोरजे का परिचय

  • बालक और बालिका: यांग्डोल (एक 11 वर्षीय बालिका) और उसका जुड़वां भाई दोरजे इस गाँव में रहते हैं।
  • प्रेम और रुचि: दोनों को अपने परिवेश और जगमगाते तारों से भरे रात्रि-आकाश को देखना अत्यंत प्रिय है।

नुब्रा का मौसम और प्रदूषण

  • बादल रहित मौसम: नुब्रा में मौसम सामान्यतः बादल रहित रहता है।
  • वायुप्रदूषण और प्रकाश-प्रदूषण: नुब्रा में वायुप्रदूषण और प्रकाश-प्रदूषण नहीं के बराबर है, जिससे रात्रि में आकाश बहुत स्पष्ट दिखाई पड़ता है।

तारों का अवलोकन

  • अवलोकन का आनंद: यांग्डोल और दोरजे कई रातों तक तारों का अवलोकन करते हैं और असीम विस्मय का अनुभव करते हैं।
  • प्राचीन कहानियाँ: दोनों बच्चों ने अपने परिवार के बड़े सदस्यों से तारों के बारे में रोचक कहानियाँ सुनी हैं।

तारों के पैटर्न और कल्पना

  • तारों के पैटर्न ढूँढ़ना: दोनों बच्चों को तारों के बीच कुछ पैटर्न ढूँढ़ने में आनंद आता है, जो उन्हें कुछ परिचित वस्तुओं की याद दिलाते हैं।
  • काल्पनिक रेखाएँ जोड़ना: बच्चे तारों को काल्पनिक रेखाओं द्वारा जोड़ने की कोशिश करते हैं, जैसे हम बिंदुओं और रेखाओं को जोड़कर चित्र बनाते हैं।

क्रियाकलाप 12.1 – तारों के पैटर्न बनाना

  • चरण 1: रात्रि-आकाश के एक भाग में चमकीले तारों का अवलोकन करें और पैटर्न की कल्पना करें।
  • चरण 2: तारों को रेखाओं द्वारा जोड़ें और पैटर्न बनाएं।
  • चरण 3: बनाए गए पैटर्न से संबंधित कोई रोचक कहानी सोचें और उसे नाम दें।

तुलना और कहानी सुनाना

  • मित्रों से तुलना: अपने पैटर्न की तुलना अपने मित्रों द्वारा बनाए गए पैटर्न से करें।
  • कहानी सुनाना: अपनी कहानी दूसरों को सुनाएं और उनकी कहानी सुनें। यह देखना रोचक होगा कि क्या सभी के पैटर्न, नाम, और कहानियाँ अलग-अलग हैं।

तारे और तारा-मंडल

तारों का परिचय

  • रात्रि-आकाश में तारे: रात्रि-आकाश में हमें अनेक तारे दिखाई देते हैं, जिनमें से कुछ चमकीले होते हैं और कुछ धुंधले।
  • स्वप्रकाशी तारे: तारे स्वयं के प्रकाश से चमकते हैं।

तारा-मंडल की अवधारणा

  • तारों के पैटर्न: कुछ तारे समूह बनाकर पैटर्न बनाते हैं, जिनकी आकृतियाँ जानी-पहचानी वस्तुओं से मिलती-जुलती होती हैं।
  • प्राचीन मनोरंजन: प्राचीन काल में तारों के इन पैटर्न का अवलोकन मनोरंजन का प्रमुख साधन था।
  • पौराणिक पहचान: प्राचीन सभ्यताओं ने इन पैटर्न की पहचान जन्तुओं, वस्तुओं, अथवा पौराणिक पात्रों के रूप में की।

तारों और तारा-मंडल का उपयोग

  • यात्रियों के लिए सहायक: प्राचीन काल में तारा-मंडल की पहचान यात्रियों के लिए उपयोगी कौशल था, जिससे वे दिशा ज्ञात कर सकते थे।
  • आधुनिक समय में उपयोग: आज भी आपातकालीन स्थितियों में तारों का उपयोग वैकल्पिक दिशा सूचक के रूप में किया जाता है।

तारा-मंडल की आधुनिक परिभाषा

  • आधिकारिक परिभाषा: 20वीं शताब्दी में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने तारा-मंडल की आधिकारिक सीमाओं को परिभाषित किया।
  • 88 तारा-मंडल: वर्तमान में आकाश को 88 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिन्हें तारा-मंडल के रूप में जाना जाता है।

ओरायन और अन्य तारा-मंडल

  • ओरायन तारा-मंडल: ओरायन तारा-मंडल को प्रायः शिकारी के रूप में निरूपित किया जाता है। इसके बीच के तीन तारे शिकारी की पेटी कहलाते हैं।
  • कैनिस मेजर तारा-मंडल: इसमें स्थित लुब्धक (सिरियस) तारा रात्रि-आकाश का सबसे चमकीला तारा है।
  • अन्य तारा-मंडल: वृष (टॉरस), कैनिस माइनर, और अन्य तारा-मंडल भी प्रमुख हैं

भारतीय खगोलशास्त्र में तारा-मंडल

  • नक्षत्र की अवधारणा: भारतीय खगोलशास्त्र में ‘नक्षत्र’ शब्द का उपयोग किसी तारे या तारा-मंडल के लिए किया जाता है, जैसे आर्द्रा नक्षत्र (ओरायन में बीटलजूस तारा), कृत्तिका नक्षत्र (वृष में प्‍लायोडिज तारा-समूह)।
  • रोहिणी तारा: वृष तारा-मंडल में स्थित अल्डेबरान तारे को रोहिणी के रूप में जाना जाता है।

बिग डिपर और लिटिल डिपर

  • बिग डिपर: अर्सा मेजर तारा-मंडल का हिस्सा है, जिसे भारत में सप्तर्षि के नाम से जाना जाता है।
  • लिटिल डिपर: अर्सा माइनर तारा-मंडल का हिस्सा है, जिसमें ध्रुव तारा (पोल स्टार) स्थित है।
  • ध्रुव तारा: उत्तरी गोलार्ध में उत्तर दिशा की पहचान करने के लिए उपयोगी है।

क्षेत्रीय कहानियाँ और मान्यताएँ

  • क्षेत्रीय कहानियाँ: भारत की विभिन्न जनजातियाँ और समुदाय तारों और तारा-मंडलों से जुड़ी कहानियाँ और मान्यताएँ रखते हैं।
  • मध्य भारत की दादी-माँ की चारपाई: मध्य भारत की जनजातियाँ सप्तर्षि के चार तारों को दादी-माँ की चारपाई मानती हैं और अन्य तीन तारों को चोर।
  • कोंकण तट के मछुआरे: कोंकण तट के मछुआरे सप्तर्षि के तारों को नाव के रूप में देखते हैं।

रात्रि-आकाश का अवलोकन

रात्रि-आकाश की स्थिति

  • बादल रहित रातें: यदि आकाश में बादल न हों तो रात्रि-आकाश में बड़ी संख्या में तारे दिखाई दे सकते हैं।
  • प्रकाश प्रदूषण का प्रभाव: बड़े नगरों में प्रकाश प्रदूषण, धुएं और धूल के कारण केवल कुछ तारे ही दिखाई देते हैं।
  • गाँवों में स्पष्ट आकाश: गाँवों और कम प्रकाश प्रदूषण वाले क्षेत्रों में बड़ी संख्या में तारे देखे जा सकते हैं।

रात्रि-आकाश अवलोकन के लिए उत्तम स्थान

  • खुले और अँधेरे स्थान: रात्रि-आकाश का सर्वोत्तम अवलोकन खुले और अँधेरे स्थान से किया जाता है।
  • ध्रुव तारा का अवलोकन: दक्षिणी गोलार्ध से ध्रुव तारा नहीं देखा जा सकता।

तारों की पहचान के साधन

  • आकाश मानचित्रण ऐप: तारा-मंडल की पहचान करने के लिए आकाश मानचित्रण ऐप या ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है।
  • स्टेलैरियम ऐप: तारों और ग्रहों की पहचान के लिए उपयोगी ऐप स्टेलैरियम का भी उपयोग किया जा सकता है।

प्रकाश प्रदूषण और संरक्षण

  • प्रकाश प्रदूषण में वृद्धि: विश्व स्तर पर प्रकाश प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे रात्रि-आकाश के अवलोकन में बाधा आ रही है।
  • अँधेरे आकाश वाले संरक्षित क्षेत्र: विश्वभर में कुछ अँधेरे आकाश वाले संरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं जहाँ प्रकाश प्रदूषण नियंत्रित किया जाता है।

रात्रि-आकाश दर्शन की तैयारी

  • खुले और सुरक्षित स्थान का चयन: किसी वयस्क के साथ खुले और अँधेरे स्थान का चयन करें, जो कृत्रिम प्रकाश, ऊँचे भवनों और वृक्षों से दूर हो।
  • तिथि और समय का चयन: रात्रि-आकाश के अवलोकन के लिए तिथि और समय का चयन करें, जब आकाश में न तो बादल हों और न चंद्रमा दिख रहा हो।
  • सामग्री तैयार करें: आकाश मानचित्र, मोबाइल ऐप, कम्पास, नोटबुक, और चित्र बनाने के साधन साथ रखें।

रात्रि-आकाश अवलोकन का समय

  • अध्यक्षीकरण के लिए प्रतीक्षा: नियत समय पर पहुँचने के बाद, लगभग आधा घंटा प्रतीक्षा करें ताकि आँखें अँधेरे के अनुसार समायोजित हो सकें।
  • सप्तर्षि और ध्रुव तारे की पहचान: ग्रीष्म ऋतु के दौरान रात्रि 9 बजे उत्तरी आकाश में सप्तर्षि और ध्रुव तारे की पहचान करें।

क्रियाकलाप 12.2 – स्थिति का पता लगाने का प्रयास

सप्तर्षि का अवलोकन

  • समय और स्थान: ग्रीष्म-ऋतु के दौरान, रात्रि के लगभग 9 बजे उत्तरी आकाश के क्षितिज के ऊपर देखें।
  • पहचान: सप्तर्षि तारा-मंडल को पहचानें, जो आकाश के उत्तरी भाग में होता है।

ध्रुव तारे की पहचान

  • बिग डिपर के तारे: बिग डिपर के कप के अंतिम दो तारों को देखें और उन्हें जोड़ने वाली एक सरल रेखा की कल्पना करें।
  • काल्पनिक रेखा: इस काल्पनिक रेखा को उत्तर की ओर बढ़ाएं। लगभग पाँच गुणा दूरी पर एक तारा दिखेगा जो बहुत चमकीला नहीं है। यही ध्रुव तारा है।

क्रियाकलाप 12.3 – आइए, पहचानने का प्रयास कीजिए

ओरायन तारा-मंडल का अवलोकन

  • समय और मौसम: भारत में दिसम्बर से अप्रैल के महीनों के दौरान सूर्यास्त के बाद ओरायन तारा-मंडल को देख सकते हैं।
  • पहचान: सबसे पहले, ओरायन तारा-मंडल के बीच में स्थित तीन चमकदार तारों को पहचानिए, जो एक छोटी सरल रेखा में होते हैं। इन तारों को शिकारी की बेल्ट के रूप में जाना जाता है।

लब्धक तारे की पहचान

  • कल्पना करें: एक बार जब आप ओरायन के तीन तारों को पहचान लें, तो इन तीन तारों से गुजरती हुई एक सरल रेखा की कल्पना करें।
  • पूर्व दिशा में देखें: इस रेखा के पूर्व की ओर देखें। आपको वहाँ पर अत्यंत चमकदार लब्धक तारा दिखाई देगा, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है।

हमारा सौर परिवार

सूर्य का परिचय

  • सूर्य एक तारा: सूर्य हमारे सबसे निकट का तारा है और यह एक अत्यंत गर्म गैसों का गोला है।
  • ऊर्जा का स्रोत: सूर्य अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करता है, जो पृथ्वी पर ऊष्मा और प्रकाश का मुख्य स्रोत है।

सूर्य की विशेषताएँ

  • दूरी और आकार: सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है, जिसे ‘खगोलीय मात्रक’ (Astronomical Unit – au) कहा जाता है। सूर्य का व्यास पृथ्वी से लगभग 100 गुना बड़ा है।
  • अन्य तारों से तुलना: सूर्य अन्य तारों की तुलना में पृथ्वी के बहुत समीप है, इसलिए यह हमें बड़ा दिखाई देता है। अन्य तारे बहुत दूर होने के कारण छोटे बिंदुओं की तरह दिखते हैं।

सूर्य का महत्त्व

  • जीवन के लिए आवश्यक: सूर्य की ऊष्मा और प्रकाश पृथ्वी पर जीवन के लिए अनिवार्य हैं। सूर्य के कारण पृथ्वी का तापमान जीवन के लिए अनुकूल बना रहता है, और इसका प्रकाश पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
  • प्राचीन सभ्यताओं में महत्त्व: सूर्य को अधिकांश प्राचीन सभ्यताओं में देवता के रूप में पूजित किया गया है क्योंकि यह पृथ्वी पर जीवन के संपूर्ण पोषण के लिए आवश्यक है।

ग्रहों का परिचय

  • ग्रहों की परिभाषा: ग्रह एक विशाल और गोलाकार पिंड होता है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। पृथ्वी भी एक ग्रह है क्योंकि यह सूर्य के चारों ओर घूमती है।
  • परिक्रमा का समय: पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग एक वर्ष का समय लगता है।

अन्य तारों से दूरी

  • प्रोक्सिमा सेंटॉरी: सूर्य के बाद पृथ्वी से सबसे निकट का तारा प्रोक्सिमा सेंटॉरी है, जो लगभग 269,000 au की दूरी पर स्थित है।

सौर परिवार का निर्माण

  • सौर परिवार: सूर्य और अन्य ग्रह मिलकर सौर-परिवार का निर्माण करते हैं। अधिकांश पिंड, जिनमें ग्रह भी शामिल हैं, सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। इस परिक्रमा को ‘परिक्रमण’ कहा जाता है।

ग्रहों की गति

  • अक्ष पर घूर्णन: पृथ्वी अपनी परिक्रमा के साथ-साथ अपने अक्ष पर भी घूर्णन करती है। एक घूर्णन पूरा करने में पृथ्वी को लगभग 24 घंटे लगते हैं, जो एक दिन कहलाता है।
  • अन्य ग्रह भी घूर्णन करते हैं: अन्य ग्रह भी सूर्य की परिक्रमा करने के साथ-साथ अपने-अपने अक्ष पर घूर्णन करते हैं।

सौर परिवार के ग्रह

  • आठ ग्रह: सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रम में सौर परिवार के आठ ग्रह हैं— बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, और वरुण।
  • आंतरिक और बाह्य ग्रह: सूर्य के सबसे निकट के चार आंतरिक ग्रह (बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल) आकार में छोटे हैं और उनकी सतह ठोस एवं चट्टानी है।बाहरी चार ग्रह (बृहस्पति, शनि, यूरेनस, वरुण) बड़े और गैसीय हैं।

ग्रहों के भारतीय नाम

  • भारतीय नाम: प्राचीनकाल से भारत में ग्रहों के विभिन्न नाम उपयोग किए जाते रहे हैं जैसे— बुध (मर्करी), शुक्र (वीनस), मंगल (मार्स), बृहस्पति (ज्यूपिटर), शनि (सेटर्न) आदि।
  • शुक्र ग्रह का विशेष उल्लेख: शुक्र ग्रह प्रायः भोर और संध्या के समय चमकता है, इसलिए इसे भोर का तारा या संध्या का तारा कहा जाता है, हालाँकि यह तारा नहीं है।

विशेष ग्रह और उनकी पहचान

  • मंगल ग्रह: मंगल को लाल ग्रह कहा जाता है क्योंकि इसकी मिट्टी का रंग लाल है।
  • पृथ्वी: पृथ्वी की सतह का बड़ा भाग पानी से ढका है, इसलिए इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।

गैसीय ग्रह और उनके वलय

  • बाह्य ग्रह: बृहस्पति, शनि, यूरेनस, और वरुण ग्रह बड़े और अधिकतर गैसों से बने हैं। इन ग्रहों के चारों ओर विशाल, चपटी वलयाकार संरचनाएँ होती हैं, जो धूल और शैल पदार्थों से बनी हैं।

ग्रहों की ऊर्जा और तापमान

  • सूर्य से ऊर्जा प्राप्ति: ग्रह अपनी अधिकतर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त करते हैं। जो ग्रह सूर्य से जितनी अधिक दूरी पर होता है, सामान्यतः वह ग्रह उतना ही ठंडा होता है।
  • शुक्र ग्रह का तापमान: शुक्र ग्रह पर वायुमंडल होने के कारण यह बुध की तुलना में अधिक गर्म होता है, जबकि यह सूर्य से दूर स्थित है।

प्लूटो और वामन ग्रह

  • प्लूटो का पुनः वर्गीकरण: प्लूटो, जो वरुण ग्रह की तुलना में दूर स्थित है, एक समय सौर-परिवार का ग्रह माना जाता था। 2006 में इसे और अन्य छोटे पिंडों को वामन ग्रह की श्रेणी में रखा गया।

ग्रहों और तारों के बीच अंतर

  • ग्रहों की पहचान: शुक्र ग्रह सबसे चमकदार है और इसे पहचानना सबसे आसान है। बुध, मंगल, बृहस्पति, और शनि को भी बिना किसी उपकरण की सहायता के देखा जा सकता है।
  • तारों और ग्रहों का अंतर: तारे अधिक टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं, जबकि ग्रह नहीं।

क्रियाकलाप 12.4: ग्रहों की पहचान और खगोलीय अवलोकन

शुक्र ग्रह की पहचान

  • भोर के समय: वर्ष में अधिकतर समय, शुक्र ग्रह को भोर के समय पूर्व दिशा में सूर्य उदय से पहले देखा जा सकता है।
  • संध्या के समय: संध्या के समय, सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है। यह ग्रह अपनी चमक के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है।

दूरदर्शक यंत्र का उपयोग

  • बिनाकुलर और टेलीस्कोप: आकाश के कुछ पिंडों को बिना किसी यंत्र के आँखों से देखा जा सकता है, लेकिन दूरदर्शक यंत्र (टेलीस्कोप) या बाइनाकुलर (द्विनेत्री दूरबीन) के उपयोग से ये पिंड अधिक चमकदार और बड़े दिखाई देते हैं।
  • धुंधले पिंडों का अवलोकन: दूरदर्शक यंत्र उन धुंधले पिंडों को देखने में भी सहायता करता है जो बिना किसी यंत्र के दिखाई नहीं देते।

रात्रि-आकाश दर्शन के कार्यक्रम

  • शैक्षणिक आयोजन: विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थान और विद्यालय रात्रि-आकाश अवलोकन गतिविधियों का आयोजन करते हैं, जिसमें विद्यार्थियों को आकाश दर्शन का अवसर मिलता है।
  • अव्यावसायिक खगोलीय संगठन: देशभर में कई अव्यावसायिक खगोलीय संगठन समय-समय पर आकाश दर्शन कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
  • संग्रहालय और प्लैनेटेरियम: संग्रहालय (म्यूजियम) और कृत्रिम नभमंडल (प्लैनेटेरियम) भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जो खगोलीय ज्ञान और अवलोकन में सहायक होते हैं।

प्राकृतिक उपग्रह

प्राकृतिक उपग्रह की परिभाषा

  • उपग्रह क्या हैं?: ग्रहों की परिक्रमा करने वाले पिंडों को सामान्यतः उपग्रह कहा जाता है। ये आकार में ग्रहों की तुलना में छोटे होते हैं।
  • प्राकृतिक उपग्रह: ग्रहों के प्राकृतिक उपग्रहों को चंद्रमा कहा जाता है। जैसे, पृथ्वी का एक चंद्रमा है, जबकि मंगल के दो चंद्रमा हैं। बृहस्पति, शनि, यूरेनस, और वरुण ग्रहों के कई चंद्रमा हैं।

चंद्रमा का परिचय

  • पृथ्वी का चंद्रमा: पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा, पृथ्वी की एक परिक्रमा करने में लगभग 27 दिन का समय लेता है।
  • चंद्रमा का आकार और वायुमंडल: चंद्रमा का व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग एक चौथाई है और उस पर वायुमंडल न के बराबर है।
  • गर्त (क्रेटर): चंद्रमा की सतह पर गोलाकार कटोरेनुमा संरचनाएँ (गर्त) हैं, जो अंतरिक्ष से आई चट्टानों या क्षुद्र ग्रहों के आघात से बने हैं। चंद्रमा पर वायुमंडल, जल या जीवन न होने के कारण ये संरचनाएँ स्थायी रूप से बनी हुई हैं।

चंद्रयान मिशन

  • चंद्रयान-1: भारत का पहला चंद्र अभियान चंद्रयान-1 सन 2008 में छोड़ा गया था।
  • चंद्रयान-2: दूसरा मिशन चंद्रयान-2, सन 2019 में भेजा गया।
  • चंद्रयान-3: तीसरा मिशन चंद्रयान-3 को जुलाई 2023 में प्रक्षेपित किया गया, जिसका लैंडर ‘विक्रम’ रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के निकट उपकरण उतारने वाला विश्व का पहला देश बन गया।
  • राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: इस सफलता को चिह्नित करने के लिए 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
  • चंद्रयान-4 की योजना: एक चौथे मिशन, चंद्रयान-4 की योजना बनाई जा चुकी है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा से मिट्टी और पत्थर के टुकड़ों को लेकर आना है।

क्षुद्रग्रह और धूमकेतु

क्षुद्रग्रह का परिचय

  • परिभाषा: सूर्य और ग्रह लगभग गोलाकार आकृति के होते हैं, जबकि सौर परिवार में कई छोटे पिंड चट्टानी और अनियमित आकार के होते हैं, जिन्हें क्षुद्रग्रह कहा जाता है।
  • क्षुद्रग्रह पट्टी: अधिकांश क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच स्थित क्षेत्र में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इस क्षेत्र को क्षुद्रग्रह पट्टी कहा जाता है।
  • आकार: क्षुद्रग्रहों का आकार 10 मीटर से लेकर लगभग 500 किलोमीटर तक होता है।

धूमकेतु का परिचय

  • परिभाषा: धूमकेतु सौर परिवार के बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पिंड होते हैं, जिनकी लंबी पूंछ होती है। ये धूल, गैसों, पत्थर के टुकड़ों और बर्फ से बने होते हैं।
  • धूमकेतु की पूंछ: जब धूमकेतु सूर्य के निकट आता है, तो इसमें जमे हुए पदार्थ वाष्पीकृत होने लगते हैं, जो धूमकेतु की पूंछ बनाते हैं।
  • धूमकेतु का समय: कुछ धूमकेतु नियत समयावधि के बाद सूर्य के निकट आते हैं, जबकि कुछ सौर परिवार से पलायन कर जाते हैं या टूट जाते हैं।

सौर परिवार का संघटन

  • सौर परिवार: सूर्य, आठ ग्रह, उनके उपग्रह, और अन्य छोटे पिंड, जिनमें क्षुद्रग्रह और धूमकेतु शामिल हैं, मिलकर सौर परिवार का निर्माण करते हैं।
  • सूर्य का महत्त्व: सूर्य सौर परिवार का सबसे बड़ा और सबसे भारी पिंड है, जो सौर परिवार की संपूर्ण ऊर्जा का स्रोत है। सौर परिवार के अन्य सभी पिंड सूर्य के प्रकाश को अपनी सतह से परावर्तित करके चमकते हैं।

विशेष धूमकेतु

  • हैली का धूमकेतु: हैली का धूमकेतु एक प्रसिद्ध धूमकेतु है, जो प्रत्येक 76 वर्ष के बाद दिखाई देता है। यह पिछली बार 1986 में देखा गया था।

धूमकेतु के प्रति जनजातीय मान्यताएँ

  • भारतीय नाम: संस्कृत और कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में धूमकेतु को “धूमकेतु” कहा जाता है। भारत की विभिन्न जनजातियाँ इसे “पच्छू तारा” (पूंछ वाला तारा) या “झंडा तारा” (झंडे जैसा तारा) भी कहती हैं।
  • प्राचीन मान्यताएँ: अनेक सभ्यताओं में लोग धूमकेतु से भयभीत होते थे और इसे दुर्भाग्य का संकेत मानते थे। लेकिन वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि धूमकेतु मात्र बर्फीली चट्टानों वाले आगंतुक होते हैं, जो सूर्य के पास से होकर गुजरते हैं।

मंदाकिनी आकाश गंगा और ब्रह्माण्ड

मंदाकिनी आकाश गंगा

  • आकाश गंगा का अवलोकन: चंद्रमा विहीन रात्रि में, शहर की रोशनी से दूर, एक अंधेरे स्थान से देखने पर आकाश में उत्तर से दक्षिण तक फैली हुई एक धुंधली पट्टी दिखाई देती है। इसे आकाश गंगा कहा जाता है।
  • आकाश गंगा की संरचना: आकाश गंगा एक मंदाकिनी है, जिसमें करोड़ों से लेकर अरबों तक तारे होते हैं। हमारा सौर परिवार भी आकाश गंगा का ही हिस्सा है।

ब्रह्माण्ड और अन्य मंदाकिनियाँ

  • ब्रह्माण्ड की व्यापकता: हमारी आकाश गंगा से परे बाह्य अंतरिक्ष में कई अन्य मंदाकिनियाँ हैं। वैज्ञानिक तारों, मंदाकिनियों और ब्रह्माण्ड के रहस्यों को समझने के लिए उनका अध्ययन करते हैं।
  • जीवन की खोज: वैज्ञानिकों ने हमारी आकाश गंगा में कई ग्रहों की खोज की है जो अपने तारों की परिक्रमा कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक इन बाह्य ग्रहों में जीवन के अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन जीवन की खोज अभी भी जारी है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

सभी कक्षा के अध्याय के प्रश्न उत्तर in Hindi PDF Download

सभी Kaksha के Paath के Prashn Uttar, Objective Question, सैंपल पेपर, नोट्स और प्रश्न पत्र Download Free in PDF for Hindi Medium

क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स, एनसीईआरटी समाधान इन हिंदी पीडीएफ – PDF FREE Download

सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान, सैंपल पेपर, नोट्स, प्रश्न पत्र के मुफ्त पीडीएफ डाउनलोड करे

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE

Study Abroad

Study in Australia: Australia is known for its vibrant student life and world-class education in fields like engineering, business, health sciences, and arts. Major student hubs include Sydney, Melbourne, and Brisbane. Top universities: University of Sydney, University of Melbourne, ANU, UNSW.

Study in Canada: Canada offers affordable education, a multicultural environment, and work opportunities for international students. Top universities: University of Toronto, UBC, McGill, University of Alberta.

Study in the UK: The UK boasts prestigious universities and a wide range of courses. Students benefit from rich cultural experiences and a strong alumni network. Top universities: Oxford, Cambridge, Imperial College, LSE.

Study in Germany: Germany offers high-quality education, especially in engineering and technology, with many low-cost or tuition-free programs. Top universities: LMU Munich, TUM, University of Heidelberg.

Study in the USA: The USA has a diverse educational system with many research opportunities and career advancement options. Top universities: Harvard, MIT, Stanford, UC Berkeley.

Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.