चुम्बकों को जानें
1. रेशमा की कहानी का परिचय
- रेशमा एक तटवर्ती नगर में रहती है और उसे लघु कहानियाँ लिखने का शौक है।
- उसकी दादी को उसकी कहानियाँ बहुत पसंद हैं।
- दादी के साठवें जन्मदिन पर वह उन्हें एक नई कहानी सुनाने के लिए लिख रही थी।
2. कहानी का विषय
- रेशमा की कहानी पुराने समय में व्यापार के लिए केरल से मसाले ले जाने वाले एक जहाज पर आधारित थी।
- कहानी में नाविक रात में तारों की स्थिति का उपयोग करके दिशा जानने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन तूफान के कारण बादल छाए हुए थे और कोई तारा दिखाई नहीं दे रहा था।
3. समस्या और समाधान
- रेशमा को अपनी कहानी में एक समस्या का सामना करना पड़ा, जब नाविकों के पास दिशा जानने का कोई उपाय नहीं बचा।
- उसने इस समस्या के समाधान के लिए इंटरनेट और पुस्तकालय में खोज की और चुंबकीय दिशासूचक (कंपास) का उपयोग नाविकों द्वारा दिशा जानने के लिए किए जाने का पता लगाया।
4. चुंबक और कंपास की जानकारी
- रेशमा ने पहले भी चुंबक का उपयोग पेंसिल बॉक्स और लेखन बोर्ड में देखा था, लेकिन उसने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था।
- इस खोजबीन के बाद उसे चुंबक और चुंबकीय दिशासूचक के बारे में और जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई।
5. चुंबक का इतिहास और प्रकार
- पुराने समय में नाविकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले चुंबक प्राकृतिक रूप से पाए जाते थे और इन्हें चुंबक पत्थर कहा जाता था।
- समय के साथ लोगों को लोहे के टुकड़ों से चुंबक बनाने का तरीका पता चला।
- आजकल विभिन्न पदार्थों से बने कृत्रिम चुंबक उपलब्ध हैं, जैसे कि छड़ चुंबक, U-आकार चुंबक, और वलय चुंबक।
6. चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थ
- कुछ पदार्थ चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं, जबकि कुछ नहीं होते।
- चुंबकीय पदार्थों में लोहे के अलावा निकेल और कोबाल्ट भी शामिल हैं।
- जो पदार्थ चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होते, उन्हें अचुंबकीय पदार्थ कहा जाता है।
7. चुंबक का प्रयोग
- प्रयोग के माध्यम से पता चलता है कि किन वस्तुओं को चुंबक आकर्षित करता है और किन्हें नहीं।
- इस प्रकार के प्रयोग छात्रों को चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थों के बारे में ज्ञान देते हैं।
1. चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थ (Magnetic and Non-Magnetic Materials)
परिचय:
- पदार्थों को उनकी चुंबकीय प्रकृति के आधार पर चुंबकीय और अचुंबकीय में विभाजित किया जा सकता है।
- चुंबकीय पदार्थ वे होते हैं जो चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं, जबकि अचुंबकीय पदार्थ वे होते हैं जो चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होते।
2. क्रियाकलाप 4.1 – खोज और अवलोकन (Activity 4.1 – Exploration and Observation)
सामग्री की आवश्यकता:
इस क्रियाकलाप के लिए विभिन्न पदार्थों से बनी कुछ वस्तुएँ और एक चुंबक की आवश्यकता होती है।
पूर्वानुमान लगाना:
- चुंबकीय परीक्षण करने से पहले, यह अनुमान लगाना होता है कि कौन-सी वस्तुएँ चुंबक से चिपकेंगी।
- इन अनुमानों को तालिका 4.1 में अंकित किया जाता है।
प्रयोग और अवलोकन:
- चुंबक को एक-एक करके सभी वस्तुओं के पास लाया जाता है और देखा जाता है कि कौन-सी वस्तुएँ चुंबक से चिपकती हैं।
- इस अवलोकन को भी तालिका 4.1 में अंकित किया जाता है।
3. तालिका 4.1 – चुंबकीय और अचुंबकीय वस्तुओं का विवरण (Table 4.1 – Magnetic and Non-Magnetic Materials)
वस्तुओं के नाम और उनके पदार्थ (Names of Objects and Their Materials):
- तालिका में विभिन्न वस्तुओं के नाम दिए जाते हैं, जैसे पेंसिल, इरेजर आदि, और उन वस्तुओं के पदार्थ का उल्लेख किया जाता है, जैसे लकड़ी, रबर, लोहा आदि।
चुंबकीय आकर्षण (Magnetic Attraction):
- पूर्वानुमान और अवलोकन के आधार पर यह दर्ज किया जाता है कि कौन-सी वस्तुएँ चुंबक से आकर्षित हुईं और कौन-सी नहीं।
4.2 चुंबक के ध्रुव (Magnetic Poles)
परिचय:
- चुंबक के सिरों को ध्रुव कहा जाता है। ये ध्रुव चुंबक के सबसे महत्वपूर्ण भाग होते हैं जो चुंबकीय पदार्थों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं।
- चुंबक के दो ध्रुव होते हैं: उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
2. क्रियाकलाप 4.2 – ध्रुवों की पहचान (Activity 4.2 – Identifying Poles)
सामग्री की आवश्यकता:
इस क्रियाकलाप के लिए कागज, लोहरेतन (लोहे के छोटे टुकड़े), और एक छड़ चुंबक की आवश्यकता होती है।
प्रयोग और अवलोकन:
- लोहरेतन को कागज पर फैलाया जाता है और चुंबक को इसके ऊपर रखा जाता है।
- कागज को थपथपाने पर यह देखा जाता है कि लोहरेतन चुंबक के सिरों पर सबसे अधिक चिपकता है, जो चुंबक के ध्रुव होते हैं।
विश्लेषण:
- यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि चुंबक के सभी भाग समान रूप से चुंबकीय नहीं होते, ध्रुवों पर चुंबकीय आकर्षण सबसे अधिक होता है।
1. क्रियाकलाप 4.4 – चुंबकीय दिशासूचक का निर्माण (Activity 4.4 – Constructing a Magnetic Compass)
सामग्री की आवश्यकता:
कॉर्क का टुकड़ा, सिलाई की सुई, स्थायी छड़ चुंबक, काँच का कटोरा, और पानी।
चुंबकित करना:
- सिलाई की सुई को लकड़ी की मेज पर रखें और चुंबक के एक ध्रुव को सुई की लंबाई के अनुसार खीचें।
- इसे 30-40 बार दोहराएं ताकि सुई चुंबकित हो जाए।
दिशासूचक तैयार करना:
- चुंबकित सुई को कॉर्क में क्षैतिज रूप से घुसाएं और इसे पानी से भरे कटोरे में तैरने दें।
- जब सुई रुक जाती है, तो यह उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इशारा करती है।
- इस क्रियाकलाप से एक सरल चुंबकीय दिशासूचक तैयार हो जाता है।
प्रयोग और अवलोकन:
- सुई को कई बार घुमाकर देखें कि क्या यह हर बार उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इशारा करती है।
- इस प्रकार, आपने एक सरल दिशासूचक तैयार कर लिया है, जो दिशा ज्ञात करने में सहायक होता है।
2. चुंबकों के बीच आकर्षण और प्रतिकर्षण (Attraction and Repulsion Between Magnets)
क्रियाकलाप 4.5 – चुंबकों के बीच क्रिया (Activity 4.5 – Interaction Between Magnets):
- दो छड़ चुंबक लें और उन्हें चुंबक I और चुंबक II के रूप में चिह्नित करें।
- चुंबक I को पेंसिलों पर रखें और चुंबक II को उसके उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के पास लाएँ।
- अवलोकन करें कि चुंबक I किस दिशा में गति करता है।
आकर्षण और प्रतिकर्षण का सिद्धांत:
- दो चुंबकों के असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं (उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव)।
- समान ध्रुव (उत्तरी-उत्तरी या दक्षिणी-दक्षिणी) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
प्रयोग और अवलोकन:
- यदि लोहे की छड़ का प्रयोग किया जाए, तो वह चुंबक के दोनों ध्रुवों द्वारा आकर्षित होगी।
- इस क्रियाकलाप से चुंबक के प्रतिकर्षण गुण को समझने में मदद मिलती है।
3. चुंबकीय दिशासूचक और छड़ चुंबक का प्रयोग (Using Magnetic Compass and Bar Magnet)
क्रियाकलाप 4.6 – चुंबक और दिशासूचक के बीच क्रिया (Activity 4.6 – Interaction Between Magnet and Compass):
- एक चुंबकीय दिशासूचक और छड़ चुंबक लें।
- छड़ चुंबक के उत्तरी ध्रुव को दिशासूचक की सुई के उत्तरी ध्रुव के पास लाएँ और देखें कि सुई कैसे विक्षेपित होती है।
- दक्षिणी ध्रुव के साथ भी यही प्रयोग करें।
आकर्षण और प्रतिकर्षण का सिद्धांत:
- उत्तरी ध्रुव उत्तरी ध्रुव से दूर जाता है, जबकि दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव की ओर आकर्षित होता है।
- यह क्रियाकलाप दिखाता है कि चुंबकीय सुई भी एक चुंबक है और इसे एक अन्य चुंबक से प्रभावित किया जा सकता है।
4. चुंबकीय बाधा का परीक्षण (Testing Magnetic Interference)
क्रियाकलाप 4.7 – चुंबकीय विक्षेपण का परीक्षण (Activity 4.7 – Testing Magnetic Deflection):
- छड़ चुंबक और चुंबकीय दिशासूचक के बीच लकड़ी, कार्डबोर्ड, प्लास्टिक, और काँच की शीट रखकर देखें कि क्या इन पदार्थों का चुंबकीय विक्षेपण पर कोई प्रभाव पड़ता है।
- अपने अवलोकनों को तालिका 4.2 में दर्ज करें।
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