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1. अवलोकन और प्रारंभिक परिचय:
- ग्रीष्म अवकाश के बाद, छात्र घलन और शीत अपनी नई कक्षा में प्रवेश करते हैं और अपनी विज्ञान शिक्षिका विद्या जी से मिलते हैं।
- विद्या जी छात्रों का ध्यान दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं की ओर आकर्षित करती हैं और उनसे उनके आकार, रंग, और बनावट के बारे में प्रश्न पूछती हैं।
2. वस्तुएँ और सामग्रियाँ:
- विद्या जी बताती हैं कि सभी वस्तुएँ किसी न किसी सामग्री से बनी होती हैं, जैसे— कागज, लकड़ी, कपड़ा, काँच, धातु, प्लास्टिक, मिट्टी आदि।
- उदाहरण के लिए, ‘मूषा’ या ‘क्रूसिबल’ (पदार्थों को गलाने के लिए उपयोग किया जाने वाला पात्र) बनाने के लिए मिट्टी और लोहे का उपयोग होता है।
3. सामग्रियों की पहचान:
- विभिन्न सामग्रियों की पहचान और उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी जाती है।
- प्राचीन काल में मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है, जिसमें मिट्टी को चनकर, साफ कर, गूँथकर, और भट्टियों में पकाया जाता था।
4. वस्तुओं को समूहों में बाँटना:
- वस्तुओं को उनके समान गुणों के आधार पर समूहों में बाँटने की विधि को ‘वर्गीकरण’ कहा जाता है।
- उदाहरण के लिए, रसोई में बर्तनों को समूह में रखना, पंसारी द्वारा मसालों और अनाजों को अलग-अलग रखना आदि।
5. सामग्रियों के गुण:
- विभिन्न सामग्रियों के स्वरूप, बनावट, और चमक के आधार पर उनके गुणों का अध्ययन किया जाता है।
- धातुओं में द्युति मय (चमकदार) सतह होती है, जबकि कागज, लकड़ी, और रबर जैसी सामग्रियाँ द्युतिहीन (चमकहीन) होती हैं।
6. वस्तुओं का समूहीकरण:
- चित्रों और गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को वस्तुओं को समूहों में बाँटने और उनके गुणों को पहचानने की प्रक्रिया सिखाई जाती है।
- उदाहरण के लिए, गिलास बनाने के लिए किन सामग्रियों का उपयोग किया जा सकता है, इसका विचार किया जाता है।
7. प्रयोग और खोज:
- विभिन्न प्रकार की गेंदों के गुणों का अध्ययन किया जाता है, जैसे— उनका उछाल स्तर, बनावट, और चमक।
- विद्यार्थियों को विभिन्न सामग्रियों से बनी वस्तुओं की विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
8. कठोर और नरम सामग्रियों की पहचान:
- सामग्रियों की कठोरता का परीक्षण उनके संपीड़न और खरोंच के माध्यम से किया जाता है। जब आप पत्थर जैसी कठोर सामग्री को दबाने का प्रयास करते हैं, तो इसे दबाना कठिन होता है, जबकि रबर जैसी नरम सामग्री आसानी से दबाई जा सकती है।
- धातु की चाबी का उपयोग करके विभिन्न सामग्रियों की सतहों को खरोंचने का प्रयास करें, जैसे लकड़ी, ऐलमिनियम, पत्थर, मोमबत्ती, चॉक आदि। इससे आप समझ सकते हैं कि कुछ सामग्रियाँ दूसरों की तुलना में अधिक कठोर होती हैं।
9. कठोरता का सापेक्ष गुण:
कठोरता एक सापेक्ष गुण है, जिसका मतलब है कि एक सामग्री दूसरी सामग्री की तुलना में अधिक या कम कठोर हो सकती है। उदाहरण के लिए, रबर स्पंज से कठोर होता है, लेकिन लोहे से नरम होता है। इस प्रकार, कठोरता का आकलन करते समय सामग्री की तुलना करना आवश्यक होता है।
3. क्रियाकलाप 6.5— कठोर और नरम सामग्रियों का अवलोकन:
- तालिका 6.3 में दी गई वस्तुओं का अवलोकन करें और यह पता लगाएँ कि वे कठोर हैं या नरम। इस क्रियाकलाप से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि विभिन्न सामग्रियों के गुण कैसे भिन्न होते हैं।
- इस क्रियाकलाप के माध्यम से यह भी समझ आता है कि कठोरता और नरमी सामग्रियों के अन्य गुणों जैसे चमक, कोमलता, और रंग के साथ कैसे सम्बंधित होती हैं।
4. सामग्रियों के गुणों का विस्तृत विश्लेषण:
- कठोरता के अलावा, सामग्रियाँ अन्य कई गुण प्रदर्शित करती हैं, जैसे— पारदर्शिता, द्रव्यमान, और घुलनशीलता। इन गुणों का अध्ययन यह समझने के लिए महत्वपूर्ण है कि विभिन्न सामग्रियाँ किन उद्देश्यों के लिए उपयोगी हो सकती हैं।
- उदाहरण के लिए, किसी सामग्री की पारदर्शिता यह निर्धारित करती है कि उसका उपयोग खिड़की के शीशे के लिए किया जा सकता है या नहीं।
5. कठोरता और सामग्री का उपयोग:
- किसी सामग्री की कठोरता यह तय करती है कि उसका उपयोग कहाँ और कैसे किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, भवन निर्माण के लिए ईंटों जैसी कठोर सामग्री का उपयोग किया जाता है, जबकि पैकिंग के लिए नरम सामग्री जैसे फोम का उपयोग किया जाता है।
- कठोरता का आकलन करते समय यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि सामग्री का उपयोग किस प्रकार के भार को सहन करने के लिए किया जाएगा।
6. कठोरता और अन्य गुणों का वर्गीकरण में उपयोग:
- कठोरता, चमक, पारदर्शिता, द्रव्यमान, और अन्य गुणों के आधार पर सामग्रियों का वर्गीकरण किया जाता है। इस वर्गीकरण से यह समझ में आता है कि किसी विशेष उद्देश्य के लिए कौन-सी सामग्री सबसे उपयुक्त होगी।
- उदाहरण के लिए, प्लास्टिक और धातु दोनों का उपयोग बर्तन बनाने में किया जाता है, लेकिन उनकी कठोरता, वजन, और अन्य गुणों के आधार पर उन्हें अलग-अलग उपयोगों के लिए चुना जाता है।
7. कठोरता के अनुप्रयोग:
- कठोरता का महत्व तब और बढ़ जाता है जब हम औद्योगिक अनुप्रयोगों की बात करते हैं। उदाहरण के लिए, औजारों और मशीनरी के निर्माण के लिए अत्यधिक कठोर सामग्रियों का उपयोग किया जाता है ताकि वे लंबे समय तक चल सकें।
- इसी तरह, चिकित्सा उपकरणों और वैज्ञानिक प्रयोगों में उपयोग की जाने वाली सामग्रियाँ भी अपनी कठोरता और अन्य गुणों के आधार पर चयनित की जाती हैं।
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