दशमः कः ?
कथासार:
दश बालकाः नद्यां स्नानाय गताः।
स्नानान्तरे नदीं तीर्त्वा परे गताः।
नायकः अपृच्छत्: सर्वं नदीम् उत्तीर्णाः?
एकः बालकः आत्मानं विना अन्यान् अगणयत्: एकं, द्वे, त्रीणि, चत्वारि, पञ्च, षट्, सप्त, अष्ट, नव।
सः अवदत्: दशमः नास्ति, दशमः नद्यां मग्नः।
अपरः बालकः पुनः आत्मानं विना अगणयत्, तदा नव एव।
सर्वे विषण्णाः तूष्णीं नद्याः तीरे अस्थान्।
पथिकः आगत्य तान् दुःखितान् दृष्ट्वा पृच्छति: दुःखस्य कारणं किम्?
नायकः कथति: वयं दश, इदानीं नव, एकः नद्यां मग्नः।
पथिकः सर्वान् गणति, दश बालकाः संनादति।
पथिकः नायकं गणयति कथति च: त्वं दशमः असि।
सर्वे हृष्टाः भूत्वा “दशमः प्राप्तः” इति कथित्वा आनन्देन गृहं गच्छन्ति।
हिन्दी अनुवाद:
कथासार:
दस बालक नदी में स्नान करने गए।
स्नान के बाद नदी पार गए।
नायक ने पूछा: क्या सभी नदी पार गए?
एक बालक ने स्वयं को छोड़कर गिना: एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ।
उसने कहा: दसवाँ नहीं है, दसवाँ नदी में डूब गया।
दूसरा बालक भी स्वयं को छोड़कर गिना, फिर नौ ही थे।
सभी दुखी होकर नदी के किनारे चुप खड़े रहे।
एक यात्री आया, उन्हें दुखी देखकर पूछा: दुख का कारण क्या है?
नायक बोला: हम दस थे, अब नौ हैं, एक नदी में डूब गया।
यात्री ने गिना, दस बालक थे।
यात्री ने नायक से गिनने को कहा और बताया: तुम ही दसवें हो।
सभी खुश होकर बोले: दसवाँ मिल गया, और आनंद से घर गए।
शब्दार्था:
तीर्त्वा: तैरकर (पार करके)।
उत्तीर्णाः: पार गए।
अपरः: दूसरा।
स्वम्: स्वयं को।
मग्नः: डूब गया।
विषण्णाः: दुखी।
तूष्णीम्: मौन।
पथिकः: यात्री।
अगणयत्: गिना।
प्रहृष्टाः: प्रसन्न।
कतमः: कौन-सा।
संख्यावाचक-शब्दा:
संख्याः: एकं, द्वे, त्रीणि, चत्वारि, पञ्च, षट्, सप्त, अष्ट, नव, दश।
पूर्णार्थः: प्रथमः, द्वितीयः, तृतीयः, चतुर्थः, पञ्चमः, षष्ठः, सप्तमः, अष्टमः, नवमः, दशमः।
उदाहरणम्:
एकं → प्रथमः (पु.), प्रथमा (स्त्री.), प्रथमम् (नपु.)।
द्वे → द्वितीयः, द्वितीया, द्वितीयम्।
त्रीणि → तृतीयः, तृतीया, तृतीयम्।
हिन्दी अनुवाद:
संख्यावाचक शब्द:
संख्याएँ: एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ, दस।
पूर्णार्थ: पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पाँचवाँ, छठा, सातवाँ, आठवाँ, नौवाँ, दसवाँ।
उदाहरण:
एक → पहला (पु.), पहली (स्त्री.), पहला (नपु.)।
दो → दूसरा, दूसरी, दूसरा।
तीन → तीसरा, तीसरी, तीसरा।
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