द्वीपेषुरम्यः द्वीपोऽण्डमानः
सारांश
पाठस्य परिचयः
एकादशः पाठः “क्षीपोडण्डमातः” इति नाम्ना सप्तम्यां कक्षायां अण्डमान-निकोबार-द्वीपसमूहस्य परिचयं ददाति। पाठः अध्यापिकायाः छात्रैः सह संनादति संवादेन प्रारभति, यत्र भारतस्य अष्टमं केन्द्रशासितप्रदेशं अण्डमान-द्वीपस्य भौगोलिकं, ऐतिहासिकं, सांस्कृतिकं च महत्त्वं सरलं रीति स्पष्टति। पाठस्य उद्देश्यः छात्रान् भारतस्य एतस्य रमणीस्य द्वीपस्य इतिहासेन, प्राकृतिकसौन्दर्येन, स्वातन्त्र्यसङ्ग्रामेन च संनादति परिचितं कर्तुं, संस्कृतभाषायां च रुचिं वर्धयितुं च अस्ति।
हिंदी अनुवाद
ग्यारहवां पाठ “क्षीपोडण्डमातः” कक्षा सात के लिए अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह का परिचय देता है। यह पाठ अध्यापिका और छात्रों के बीच संनादति संवाद से शुरू होता है, जिसमें भारत के आठवें केंद्रशासित प्रदेश अण्डमान द्वीप के भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को सरल तरीके से समझाया जाता है। पाठ का उद्देश्य बच्चों को भारत के इस रमणीय द्वीप के इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य और स्वतंत्रता संग्राम से परिचित कराना तथा संस्कृत भाषा में उनकी रुचि बढ़ाना है।
ऐतिहासिकं परिचयम्
अध्यापिका छात्रेभ्यः कथति यत् अण्डमान-निकोबार-द्वीपसमूहः भारतस्य केन्द्रशासितप्रदेशेषु अन्यतमः अस्ति, यस्य राजधानी श्रीविजयपुरम् (पोर्ट ब्लेयर) इति। पूर्वं ब्रिटिशशासने अस्य नाम “पोर्ट ब्लेयर” आसीत्। सूर्याशः नामकः छात्रः कथति यत् रामायणकाले अस्य द्वीपस्य नाम “हण्डुक्तमान्” आसीत्, यत् “हन्दमान्” शब्दस्य परिवर्तितं रूपम्। प्रथमशताब्द्यां तु “अगादेमन्” इति, ततः “अण्डमन्” इति च नाम परिवर्तितम्। दीपेशः पृच्छति यत् भारतस्य इतिहासे अस्य द्वीपस्य का विशेषा भूमिका। अध्यापिका समाधत्ति यत् अस्य द्वीपस्य “सेल्युलर-कारागारः” (कालापानी) भारतस्य स्वातन्त्र्यसङ्ग्रामे महत्त्वपूर्णं स्थानं धारति।
हिंदी अनुवाद
अध्यापिका छात्रों को बताती है कि अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है, जिसकी राजधानी श्रीविजयपुरम (पोर्ट ब्लेयर) है। पहले ब्रिटिश शासन में इसका नाम “पोर्ट ब्लेयर” था। सूर्याश नामक छात्र बताता है कि रामायण काल में इस द्वीप का नाम “हण्डुक्तमान्” था, जो “हन्दमान्” शब्द का बदला हुआ रूप है। पहली शताब्दी में इसका नाम “अगादेमन्” था, जो बाद में “अण्डमन्” हो गया। दीपेश पूछता है कि भारत के इतिहास में इस द्वीप की क्या विशेष भूमिका है। अध्यापिका बताती है कि इस द्वीप का “सेल्युलर जेल” (कालापानी) स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
स्वातन्त्र्यसङ्ग्रामे भूमिका
अण्डमान-द्वीपस्य सेल्युलर-कारागारः, यस्य अपरं नाम “कालापानी” इति, स्वातन्त्र्यसङ्ग्रामस्य क्रान्तिकारिणां दण्डनस्थानं आसीत्। अध्यापिका कथति यत् ब्रिटिशसर्वकारः स्वातन्त्र्यवीरान्, यथा वीर सावरकरः, अस्मिन् कारागारे बन्दीकृत्य कठोरं दण्डं ददाति स्म। सावरकरः मातृभूमेः रक्षायै दशवर्षं यावत् कष्टं सोढवान्। सुधीरः, सुरेखा च छात्रौ “कालापानी” शब्देन भयं व्यक्तति, यत् क्रान्तिकारिणां दुःखं सूचति। मुकुलः स्वातन्त्र्यवीराणां बलिदानं स्मृत्वा धन्यवादं ददाति, येन वयं सुखेन जीवामः। सूर्याशः संनादति यत् एतत् स्थानं “युनेस्को” संनादति वैश्विकसङ्कल्पेन संरक्षितम्।
हिंदी अनुवाद
अण्डमान द्वीप की सेल्युलर जेल, जिसे “कालापानी” भी कहते हैं, स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों के लिए दंडस्थान थी। अध्यापिका बताती है कि ब्रिटिश सरकार स्वतंत्रता वीरों, जैसे वीर सावरकर, को इस जेल में कैद कर कठोर दंड देती थी। सावरकर ने मातृभूमि की रक्षा के लिए दस वर्ष तक कष्ट सहे। सुधीर और सुरेखा “कालापानी” शब्द से डर व्यक्त करते हैं, जो क्रांतिकारियों के दुख को दर्शाता है। मुकुल स्वतंत्रता वीरों के बलिदान को याद कर धन्यवाद देता है, जिनके कारण हम सुखी जीवन जीते हैं। सूर्याश बताता है कि यह स्थान “युनेस्को” के वैश्विक संरक्षण सूची में शामिल है।
जनजातयः आजीविका च
मूषा पृच्छति यत् अस्मिन् द्वीपे जनाः निवसन्ति किम्। अध्यापिका कथति यत् अण्डमान-द्वीपे अण्डमानी, जारवा, सेंटिनली, ओन्गे इत्यादयः विशिष्टाः जनजातयः निवसन्ति। अण्डमानी-जारवा-जनजातयः सरकारीसहायेन नारिकेलस्य उत्पादनं, व्यापारं च कुर्वन्ति। सेंटिनली-जनजातयः समाजात् दूरे स्वल्पसङ्ख्यया निवसन्ति। जनाः शुक्तिशिल्पं, नारिकेलशिल्पं, कृषिकार्यं, मत्स्यव्यापारं च कृत्वा जीविकां वहन्ति। एषः द्वीपः प्राकृतिकसंसाधनैः समृद्धः, येन आजीविकायै विविधं अवसरं प्राप्नोति।
हिंदी अनुवाद
मूषा पूछती है कि क्या इस द्वीप पर लोग रहते हैं। अध्यापिका बताती है कि अण्डमान द्वीप पर अण्डमानी, जारवा, सेंटिनली, ओन्गे आदि विशेष जनजातियाँ रहती हैं। अण्डमानी और जारवा जनजातियाँ सरकारी सहायता से नारियल का उत्पादन और व्यापार करती हैं। सेंटिनली जनजातियाँ समाज से दूर और कम संख्या में रहती हैं। लोग शुक्ति शिल्प, नारियल शिल्प, कृषि कार्य और मछली व्यापार कर जीविका चलाते हैं। यह द्वीप प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिससे आजीविका के लिए कई अवसर मिलते हैं।
प्राकृतिकसौन्दर्यं पर्यटनं च
मुरुधि पृच्छति यत् भ्रमणाय कानि स्थानानि। राजर्षिः स्वानुभवं कथति यत् सः पित्रा सह अण्डमानं गतवान्, यत्र प्रकृतेः रमणीया दृश्यं, नीलं समुद्रं च दृष्टवान्। सः महात्मनन्दिनी-मरीन-राष्ट्रिय-उद्यानं, नीलद्वीपं, समुद्रिका-नौसेना-सङ्ग्रहालयं, कालापानी-तटं, विजयनगर-तटं च दृष्टवान्। राधानगर-तटस्य श्वेतरेणुः, नीलं निर्मलं जलं, पारदर्शी समुद्रतलं च अविस्मरणीयं भवति। अध्यापिका कथति यत् स्वराजद्वीपे (हैवलॉक) एलीफण्टा-तटे, सिन्धुतलविहारः, स्कूबाडाइविंग, स्नोर्कलिंग इत्यादयः गतिविधयः प्रचलन्ति। समुद्रस्य अन्तर्भागः मत्स्यैः, कच्छपैः, प्रवालशिल्पैः च सज्जति।
हिंदी अनुवाद
मुरुधि पूछती है कि घूमने के लिए कौन-से स्थान हैं। राजर्षि अपने अनुभव साझा करता है कि वह अपने पिता के साथ अण्डमान गया था, जहाँ उसने प्रकृति का मनोरम दृश्य और नीला समुद्र देखा। उसने महात्मनन्दिनी मरीन नेशनल पार्क, नील द्वीप, समुद्रिका नौसेना संग्रहालय, कालापानी तट और विजयनगर तट देखे। राधानगर तट की सफेद रेत, नीला स्वच्छ जल और पारदर्शी समुद्र तल अविस्मरणीय है। अध्यापिका बताती है कि स्वराज द्वीप (हैवलॉक) में एलिफेंटा तट, सिन्धु तल विहार, स्कूबा डाइविंग, स्नोर्कलिंग आदि गतिविधियाँ होती हैं। समुद्र का आंतरिक भाग मछलियों, कछुओं और प्रवाल शिल्पों से सजा है।
शिक्षणं
एषः पाठः सप्तम्यां कक्षायां छात्रान् अण्डमान-निकोबार-द्वीपस्य ऐतिहासिकं, सांस्कृतिकं, प्राकृतिकं च महत्त्वं सरलं रीति शिक्षति। सेल्युलर-कारागारस्य स्वातन्त्र्यसङ्ग्रामे भूमिका, जनजातीनां जीवनं, पर्यटनस्थलानां सौन्दर्यं च बोधति। संस्कृतवाक्यानां पठनं, लेखनं, अर्थग्रहणं च अभ्यासति। छात्राः प्रकृतिसंरक्षणस्य, स्वातन्त्र्यवीराणां बलिदानस्य च महत्त्वं सिखन्ति, येन संस्कृतभाषायां रुचिः देशप्रेमं च वर्धति।
हिंदी अनुवाद
पाठ में अण्डमान की प्रशस्ति काव्य रूप में दी गई है, जैसे – “विभात्ययं चन्द्रकबुध्दिमदेशोभी पुत्रः कनिष्ठः ननु भारतस्य”। यह द्वीप के प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। परियोजना कार्य में छात्रों को अण्डमान के चित्रों सहित संग्रह बनाने या भ्रमण अनुभव लिखने का निर्देश है। पाठ छात्रों को संस्कृत पढ़ने, लिखने और प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित करता है।
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