नित्यं पिबाम: सुभाषितरसम्
१. प्रश्नः: सुभाषितानि का बोधयन्ति?
उत्तरम्: सुभाषितानि नैतिकं सामाजिकं च बोधयन्ति।
हिन्दी: सुभाषित क्या सिखाते हैं?
→ नैतिक और सामाजिक बातें।
२. प्रश्नः: ‘अयोग्यः पुरुषः नास्ति’ इत्यस्य अर्थः कः?
उत्तरम्: सर्वे जनाः योग्याः एव।
हिन्दी: “अयोग्य पुरुष नहीं होता” का क्या अर्थ है?
→ सभी लोग योग्य होते हैं।
३. प्रश्नः: पञ्च वकाराः के?
उत्तरम्: वस्त्रं, वपुः, वाक्, विद्या, विनयः।
हिन्दी: पाँच “व” कौन-कौन से हैं?
→ वस्त्र, शरीर, वाणी, विद्या और विनय।
४. प्रश्नः: षड् दोषाः के?
उत्तरम्: निद्रा, तन्द्रा, भयः, क्रोधः, आलस्यं, दीर्घसूत्रता।
हिन्दी: छह दोष कौन-कौन से हैं?
→ निद्रा, तन्द्रा, भयः, क्रोधः, आलस्यं, दीर्घसूत्रता।
५. प्रश्नः: जलात् किं शुध्यति?
उत्तरम्: गात्राणि।
हिन्दी: जल से क्या शुद्ध होता है?
→ शरीर।
६. प्रश्नः: सत्येन किं शुध्यति
उत्तरम्: मनः।
हिन्दी: सत्य से क्या शुद्ध होता है?
→ मन।
७. प्रश्नः: ज्ञानेन किं शुध्यति?
उत्तरम्: बुद्धिः।
हिन्दी: ज्ञान से क्या शुद्ध होता है?
→ बुद्धि।
८. प्रश्नः: घटः कथं पूर्यते?
उत्तरम्: जलबिन्दुना क्रमशः।
हिन्दी: घड़ा कैसे भरता है?
→ पानी की बूंद से धीरे-धीरे।
९. प्रश्नः: वचने दरिद्रता अस्ति वा?
उत्तरम्: नास्ति।
हिन्दी: क्या बोलने में दरिद्रता है?
→ नहीं।
१०. प्रश्नः: प्रियवाक्यप्रदानेन कः तुष्यति?
उत्तरम्: सर्वे जन्तवः तुष्यन्ति।
हिन्दी: मधुर वाणी बोलने से कौन प्रसन्न होता है?
→ सभी प्राणी।
११. प्रश्नः: सुभाषितानि विद्यालये किमर्थं दृश्यन्ते?
उत्तरम्: विद्यालये सुभाषितानि बालकानां चिन्तनविकासाय स्थापितानि भवन्ति।
हिन्दी: स्कूल में सुभाषित क्यों दिखते हैं?
→ बच्चों के चिंतन विकास के लिए।
१२. प्रश्नः: वकारैः पञ्चभिः युक्तः नरः कथं पूज्यते?
उत्तरम्: यः वस्त्रेण, वपुषा, वाचा, विद्यया, विनयेन च युक्तः भवति, सः नरः सर्वैः पूज्यते।
हिन्दी: पाँच “व” से युक्त पुरुष कैसे पूज्य होता है?
उत्तर: जो व्यक्ति वस्त्र (वेशभूषा), शरीर (स्वास्थ्य), वाणी (बोलचाल), विद्या (ज्ञान) और विनय (विनम्रता) से युक्त होता है, वह सभी के द्वारा पूज्य (सम्माननीय) होता है।
१३. प्रश्नः: भूतिम् इच्छता पुरुषेण के दोषाः त्याज्याः?
उत्तरम्: भूतिम् इच्छता पुरुषेण निद्रा, तन्द्रा, भयः, क्रोधः, आलस्यं, दीर्घसूत्रता – एते षड् दोषाः त्याज्याः।
हिन्दी: जो ऐश्वर्य चाहता है, उसे कौन-कौन से दोष छोड़ने चाहिए?
उत्तर: ऐसे व्यक्ति को नींद, ऊंघ, भय, क्रोध, आलस्य और टालमटोल — ये छह दोष छोड़ देने चाहिए।
१४. प्रश्नः: शुद्धेः विभिन्नं साधनं वर्णयत।
उत्तरम्: गात्राणि जलैः शुध्यन्ति, मनः सत्येन, बुद्धिः ज्ञानेन, आत्मा धर्मेण।
हिन्दी: शुद्धि के विभिन्न साधनों को बताइए।
उत्तर: शरीर जल से शुद्ध होता है, मन सत्य से, बुद्धि ज्ञान से और आत्मा धर्म से शुद्ध होती है।
१५. प्रश्नः: भारतस्य स्थितिः कथं वर्णिता अस्ति?
उत्तरम्: भारतं वर्षं समुद्रस्य उत्तरं हिमाद्रेश्च दक्षिणे भागे स्थितम् अस्ति।
हिन्दी: भारत की स्थिति का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर: भारत देश समुद्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण भाग में स्थित बताया गया है।
१६. प्रश्नः: घटस्य पूरणं कस्मात् उपमितम् अस्ति?
उत्तरम्: जलबिन्दुनिपातेन घटस्य पूरणं अभ्यासस्य महत्त्वं दर्शयति।
हिन्दी: घड़े के भरने की उपमा अभ्यास से कैसे दी गई है?
उत्तर: जैसे घड़ा बूंद-बूंद से भरता है, वैसे ही अभ्यास से ज्ञान का संचय होता है — यही इसका तात्पर्य है।
१७. प्रश्नः: सुभाषितानि कथं मनुष्यजीवनं मार्गदर्शयन्ति?
उत्तरम्: सुभाषितानि मनुष्ये नैतिकता, संयम, परोपकार, उद्यम, प्रियवाणी, शुद्ध आचरण च शिक्षयन्ति।
हिन्दी: सुभाषित मनुष्य के जीवन को कैसे दिशा दिखाते हैं?
उत्तर: सुभाषित मनुष्य को नैतिकता, संयम, परोपकार, परिश्रम, मधुर वाणी और शुद्ध आचरण की शिक्षा देते हैं।
१८. प्रश्नः: प्रियवाक्यस्य महत्त्वं कीदृशम्?
उत्तरम्: प्रियवाक्यं सर्वान् जन्तून् तुष्यन्ति, तेन सहजीवनं सुखकरं भवति।
हिन्दी: प्रिय वाक्य का महत्त्व क्या है?
उत्तर: मधुर वाणी सभी प्राणियों को प्रसन्न करती है, जिससे मिल-जुलकर रहना सुखद होता है।
१९. प्रश्नः: आलस्यं किमर्थं महान् रिपुः मन्यते?
उत्तरम्: आलस्यं मनुष्यं कर्तव्यात् वञ्चयति, तस्मात् सः महान् रिपुः।
हिन्दी: आलस्य को सबसे बड़ा शत्रु क्यों माना गया है?
उत्तर: आलस्य मनुष्य को उसके कर्तव्यों से विमुख करता है, इसलिए वह सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है।
२०. प्रश्नः: धर्मेण आत्मा कथं शुध्यति?
उत्तरम्: धर्मेण शुद्ध आत्मा मनुष्यं सत्कर्मेण योजयति।
हिन्दी : धर्म से आत्मा कैसे शुद्ध होती है?
उत्तर: धर्म से आत्मा शुद्ध होती है और वह मनुष्य को अच्छे कार्यों में प्रवृत्त करती है।
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