प्रश्न 1 : धीमतां कालः कथं गच्छति?
उत्तर: धीमतां कालः काव्यशास्त्रविनोदेन गच्छति।
हिन्दी अर्थ: बुद्धिमानों का समय कैसे व्यतीत होता है?
→ बुद्धिमानों का समय काव्य और शास्त्र के मनोरंजन में व्यतीत होता है।
प्रश्न 2 : मूर्खाणां कालः कथं गच्छति?
उत्तर: मूर्खाणां कालः निद्रया, कलहेन वा व्यसनेन गच्छति।
हिन्दी अर्थ: मूर्खों का समय कैसे व्यतीत होता है?
→ मूर्खों का समय नींद, झगड़े या दुर्व्यसन में व्यतीत होता है।
प्रश्न 3 : खलस्य विद्या किमर्थं भवति?
उत्तर: खलस्य विद्या विवादाय भवति।
हिन्दी अर्थ: दुष्ट व्यक्ति विद्या का उपयोग किस लिए करता है?
→ दुष्ट व्यक्ति विद्या का उपयोग विवाद के लिए करता है।
प्रश्न 4 : साधोः विद्या किमर्थं भवति?
उत्तर: साधोः विद्या ज्ञानाय भवति।
हिन्दी अर्थ: सज्जन व्यक्ति विद्या का उपयोग किस लिए करता है?
→ सज्जन व्यक्ति विद्या का उपयोग ज्ञान के लिए करता है।
प्रश्न 5 : विद्या कस्य भूषणं भवति?
उत्तर: विद्या सर्वस्य भूषणं भवति।
हिन्दी अर्थ: विद्या किसका आभूषण है?
→ विद्या सभी का आभूषण है।
प्रश्न 6 : चन्द्रः केषां भूषणं भवति?
उत्तर: चन्द्रः ताराणां भूषणं भवति।
हिन्दी अर्थ: चन्द्रमा किसका आभूषण है?
→ चन्द्रमा तारों का आभूषण है।
प्रश्न 7 : विद्या किम् अस्ति नरस्य?
उत्तर: विद्या नरस्य रूपं प्रच्छन्नगुप्तं धनं च अस्ति।
हिन्दी अर्थ: विद्या मनुष्य के लिए क्या है?
→ विद्या मनुष्य का रूप और गुप्त धन है।
प्रश्न 8 : विद्या किम् न भवति?
उत्तर: विद्या चोरहार्यं, राजहार्यं, भ्रातृभाज्यं वा भारकारि न भवति।
हिन्दी अर्थ: विद्या क्या नहीं है?
→ विद्या न चोर द्वारा हरने योग्य, न राजा द्वारा हरने योग्य, न भाइयों में बाँटने योग्य, न भारी है।
प्रश्न 9 : यदा विद्या भवेत् तदा किं भवति?
उत्तर: यदा विद्या भवेत् तदा वृत्तिः, कीर्तिः, लक्ष्मीः, यशस्विनी वाणी, तत्त्वज्ञानं, परा शान्तिः च भवति।
हिन्दी अर्थ: जब विद्या प्राप्त होती है, तब क्या होता है?
→ जब विद्या प्राप्त होती है, तब आजीविका, यश, संपत्ति, यशस्वी वाणी, यथार्थ ज्ञान और परम शांति प्राप्त होती है।
प्रश्न 10 : विद्याविहीनः कः भवति?
उत्तर: विद्याविहीनः पशुः भवति।
हिन्दी अर्थ: विद्या से रहित व्यक्ति क्या होता है?
→ विद्या से रहित व्यक्ति पशु के समान होता है।
प्रश्न 11 : किं सर्वधनप्रधानं भवति?
उत्तर: विद्याधनं सर्वधनप्रधानं भवति।
हिन्दी अर्थ: सभी धनों में सबसे प्रमुख धन क्या है?
→ विद्या रूपी धन सभी धनों में सबसे प्रमुख है।
प्रश्न 12 : शनैः शनैः कानि कार्याणि करणीयानि?
उत्तर: पन्थाः, कन्या, पर्वतलङ्घनं, विद्या, वित्तं च शनैः शनैः करणीयानि।
हिन्दी अर्थ: धीरे-धीरे कौन से कार्य करने चाहिए?
→ मार्ग पर चलना, चादर सीना, पर्वतारोहण, विद्या और धन धीरे-धीरे अर्जित करना चाहिए।
प्रश्न 13 : के मर्यलोके भुवि भारभूताः भवन्ति?
उत्तर: ये विद्या, तपः, दानं, ज्ञानं, शीलं, गुणः, धर्मः न संनति, ते भुवि भारभूताः भवन्ति।
हिन्दी अर्थ: इस संसार में धरती पर भारभूत कौन होते हैं?
→ जो विद्या, तप, दान, ज्ञान, शील, गुण और धर्म से रहित हैं, वे धरती पर भारभूत होते हैं।
प्रश्न 14 : खलस्य धनस्य उपयोगः किमर्थं भवति?
उत्तर: खलस्य धनस्य उपयोगः मदाय भवति।
हिन्दी अर्थ: दुष्ट व्यक्ति धन का उपयोग किस लिए करता है?
→ दुष्ट व्यक्ति धन का उपयोग अहंकार के लिए करता है।
प्रश्न 15 : साधोः धनस्य उपयोगः किमर्थं भवति?
उत्तर: साधोः धनस्य उपयोगः दानाय भवति।
हिन्दी अर्थ: सज्जन व्यक्ति धन का उपयोग किस लिए करता है?
→ सज्जन व्यक्ति धन का उपयोग दान के लिए करता है।
प्रश्न 16 : विद्या विदेशगमने कः भवति?
उत्तर: विद्या विदेशगमने बन्धुजनः भवति।
हिन्दी अर्थ: विदेश यात्रा में विद्या क्या होती है?
→ विदेश यात्रा में विद्या बंधु-जन के समान होती है।
प्रश्न 17 : कस्य उपयोगः परिपीडनाय भवति खलस्य?
उत्तर: खलस्य शक्तेः उपयोगः परिपीडनाय भवति।
हिन्दी अर्थ: दुष्ट व्यक्ति शक्ति का उपयोग किस लिए करता है?
→ दुष्ट व्यक्ति शक्ति का उपयोग दूसरों को कष्ट देने के लिए करता है।
प्रश्न 18 : साधोः शक्तेः उपयोगः किमर्थं भवति?
उत्तर: साधोः शक्तेः उपयोगः रक्षणाय भवति।
हिन्दी अर्थ: सज्जन व्यक्ति शक्ति का उपयोग किस लिए करता है?
→ सज्जन व्यक्ति शक्ति का उपयोग दूसरों के रक्षण के लिए करता है।
प्रश्न 19 : किं न विद्यया विना जायते?
उत्तर: न विद्यया विना नराणां ध्रुवं सौख्यं जायते।
हिन्दी अर्थ: विद्या के बिना क्या नहीं प्राप्त होता?
→ विद्या के बिना मनुष्यों को स्थिर सुख प्राप्त नहीं होता।
प्रश्न 20 : किं क्षणशः कणशश्चैव साधयेत्?
उत्तर: विद्याम् अर्थं च क्षणशः कणशश्चैव साधयेत्।
हिन्दी अर्थ: क्षण-क्षण और कण-कण से क्या प्राप्त करना चाहिए?
→ विद्या और धन को क्षण-क्षण और कण-कण से प्राप्त करना चाहिए।
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