ईशावास्यम्इदं सर्वम्
प्रश्नः 1. देत्यराजः कः अस्ति?
उत्तरम्: हिरण्यकशिपुः देत्यराजः अस्ति।
हिन्दी अर्थ: दैत्यराज कौन है?
→ हिरण्यकशिपु दैत्यराज है।
प्रश्नः 2. सर्वं विश्वं केन व्याप्तम् अस्ति?
उत्तरम्: सर्वं विश्वं ईश्वरेण व्याप्तम् अस्ति।
हिन्दी अर्थ: समस्त विश्व किससे व्याप्त है?
→ समस्त विश्व ईश्वर से व्याप्त है।
प्रश्नः 3. हिरण्यकशिपुः कस्य पुत्रं शत्रुं मनति?
उत्तरम्: हिरण्यकशिपुः प्रह्लादं शत्रुं मनति।
हिन्दी अर्थ: हिरण्यकशिपु अपने किस पुत्र को शत्रु मानता है?
→ हिरण्यकशिपु प्रह्लाद को शत्रु मानता है।
प्रश्नः 4. प्रह्लादः अहनिशं कस्य गुणगानं करोति?
उत्तरम्: प्रह्लादः अहनिशं हरेर् गुणगानं करोति।
हिन्दी अर्थ: प्रह्लाद दिन-रात किसके गुणों का गान करता है?
→ प्रह्लाद दिन-रात हरि के गुणों का गान करता है।
प्रश्नः 5. हिरण्यकशिपोः अनुजा कस्य नाम?
उत्तरम्: हिरण्यकशिपोः अनुजा होलिका अस्ति।
हिन्दी अर्थ: हिरण्यकशिपु की छोटी बहन का नाम क्या है?
→ हिरण्यकशिपु की छोटी बहन का नाम होलिका है।
प्रश्नः6. होलिका किमर्थं प्रह्लादं ज्वलति?
उत्तरम्: होलिका ब्रह्मणः वरप्रसादात् अग्निना न दहति, अतः प्रह्लादं ज्वलति।
हिन्दी अर्थ: होलिका प्रह्लाद को जलाने के लिए क्यों तैयार होती है?
→ होलिका ब्रह्मा के वरदान के कारण अग्नि से नहीं जलती, इसलिए प्रह्लाद को जलाने के लिए तैयार होती है।
प्रश्नः 7. प्रह्लादः कस्य कृपया रक्षितः भवति?
उत्तरम्: प्रह्लादः नारायणस्य कृपया रक्षितः भवति।
हिन्दी अर्थ: प्रह्लाद किसकी कृपा से रक्षित होता है?
→ प्रह्लाद नारायण की कृपा से रक्षित होता है।
प्रश्नः 8. होलिका किम् कारणात् दग्धा भवति?
उत्तरम्: ब्रह्मणः वरस्य दुरुपयोगात् होलिका अग्निना दग्धा भवति।
हिन्दी अर्थ: होलिका किस कारण से जल जाती है?
→ ब्रह्मा के वरदान के दुरुपयोग के कारण होलिका अग्नि से जल जाती है।
प्रश्नः 9. नृसिंहः कस्मात् प्रकटति?
उत्तरम्: नृसिंहः स्तम्भात् प्रकटति।
हिन्दी अर्थ: नृसिंह कहाँ से प्रकट होता है?
→ नृसिंह स्तम्भ से प्रकट होता है।
प्रश्नः 10. नृसिंहः हिरण्यकशिपुं केन मारति?
उत्तरम्: नृसिंहः निजनखैः हिरण्यकशिपुं मारति।
हिन्दी अर्थ: नृसिंह हिरण्यकशिपु को किसके द्वारा मारता है?
→ नृसिंह अपने नाखूनों से हिरण्यकशिपु को मारता है।
प्रश्नः 11. हिरण्यकशिपुः कस्मात् वरं प्राप्तवान्?
उत्तरम्: हिरण्यकशिपुः ब्रह्मदेवात् वरं प्राप्तवान्।
हिन्दी अर्थ: हिरण्यकशिपु ने किससे वर प्राप्त किया था?
→ हिरण्यकशिपु ने ब्रह्मदेव से वर प्राप्त किया था।
प्रश्नः 12. प्रह्लादः किं वदति यत् हरिः सर्वत्र अस्ति?
उत्तरम्: प्रह्लादः वदति यत् हरिः सर्वत्र अस्ति, अस्मिन् स्तम्भे अपि।
हिन्दी अर्थ: प्रह्लाद क्या कहता है कि हरि सर्वत्र है?
→ प्रह्लाद कहता है कि हरि सर्वत्र है, इस स्तम्भ में भी।
प्रश्नः 13. होलिकोत्सवः कस्य स्मृत्यै आचरति?
उत्तरम्: होलिकोत्सवः होलिकायाः दहनस्य स्मृत्यै आचरति।
हिन्दी अर्थ: होलिका उत्सव किसकी स्मृति में मनाया जाता है?
→ होलिका उत्सव होलिका के दहन की स्मृति में मनाया जाता है।
प्रश्नः 14. तृतीया विभक्तिः कस्मिन् अर्थे प्रयुज्यते?
उत्तरम्: तृतीया विभक्तिः उपकरणार्थे च स्वभाववाचकशब्दानां च प्रयुज्यते।
हिन्दी अर्थ: तृतीया विभक्ति किन अर्थों में प्रयुक्त होती है?
→ तृतीया विभक्ति उपकरण के अर्थ में और स्वभाववाचक शब्दों के लिए प्रयुक्त होती है।
प्रश्नः 15. पुराणानां संख्या का अस्ति?
उत्तरम्: पुराणानां संख्या अष्टादश अस्ति।
हिन्दी अर्थ: पुराणों की संख्या कितनी है?
→ पुराणों की संख्या अठारह है।
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