पालमपुर गाँव की कहानी
Short Questions and Answers
प्रश्न 1: पालमपुर गाँव की मुख्य उत्पादन क्रिया क्या है?
उत्तर: पालमपुर गाँव में खेती मुख्य उत्पादन क्रिया है।
प्रश्न 2: उत्पादन के चार आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर: भूमि, श्रम, पूँजी और उद्यम (मानव पूँजी)।
प्रश्न 3: पालमपुर में कितने परिवार रहते हैं?
उत्तर: पालमपुर में लगभग 450 परिवार रहते हैं।
प्रश्न 4: भूमि मापने की मानक इकाई क्या है?
उत्तर: भूमि मापने की मानक इकाई हेक्टेयर है।
प्रश्न 5: एच.वाई.वी. बीजों का प्रयोग सबसे पहले कहाँ हुआ?
उत्तर: एच.वाई.वी. बीजों का प्रयोग सबसे पहले पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुआ।
प्रश्न 6: हरित क्रांति से किस फसल की उपज सबसे अधिक बढ़ी?
उत्तर: हरित क्रांति से गेहूँ की उपज सबसे अधिक बढ़ी।
प्रश्न 7: पालमपुर में खेतों की सिंचाई किससे की जाती है?
उत्तर: पालमपुर में खेतों की सिंचाई बिजली से चलने वाले नलकूपों से की जाती है।
प्रश्न 8: पालमपुर में असमान रूप से क्या वितरित है?
उत्तर: पालमपुर में कृषि भूमि असमान रूप से वितरित है।
प्रश्न 9: खेतिहर मजदूरों को निर्धारित न्यूनतम वेतन कितना मिलना चाहिए था?
उत्तर: खेतिहर मजदूरों को 300 रुपये प्रतिदिन न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए था (मार्च 2019 के अनुसार)।
प्रश्न 10: पालमपुर में गैर-कृषि क्षेत्र में कितने प्रतिशत लोग काम करते हैं?
उत्तर: पालमपुर में लगभग 25 प्रतिशत लोग गैर-कृषि कार्यों में लगे हैं।
Long Questions and Answers
प्रश्न 1: उत्पादन के संगठन में चार आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर: उत्पादन के लिए चार आवश्यक तत्व होते हैं—भूमि, श्रम, पूँजी और उद्यम।
भूमि प्राकृतिक संसाधन है, श्रम मानव प्रयास है, पूँजी में औज़ार, मशीन और भवन शामिल हैं, जबकि उद्यम या ज्ञान सभी कारकों को संयोजित कर उत्पादन को संभव बनाता है।
प्रश्न 2: पालमपुर में एक वर्ष में तीन फसलें क्यों ली जा सकती हैं?
उत्तर: पालमपुर में सिंचाई की अत्याधुनिक व्यवस्था है। बिजली से चलने वाले नलकूपों के कारण पूरे खेतों की सिंचाई होती है, जिससे किसान खरीफ, रबी और आलू की तीन फसलें एक वर्ष में उगा पाते हैं।
प्रश्न 3: हरित क्रांति क्या थी और इसका क्या प्रभाव हुआ?
उत्तर: 1960 के दशक के अंत में आई हरित क्रांति में एच.वाई.वी. बीजों, रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई का प्रयोग बढ़ा। इसके परिणामस्वरूप गेहूँ की उपज बहुत बढ़ गई — पालमपुर में 1300 किग्रा प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 3200 किग्रा प्रति हेक्टेयर हो गई।
प्रश्न 4: आधुनिक खेती से भूमि पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: आधुनिक खेती में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई। साथ ही, नलकूपों से अत्यधिक सिंचाई के कारण भूमिगत जल स्तर घट गया और पर्यावरणीय संसाधनों पर दबाव बढ़ा।
प्रश्न 5: पालमपुर में भूमि का वितरण कैसा है?
उत्तर: पालमपुर के 450 परिवारों में से लगभग एक तिहाई भूमिहीन हैं। 240 परिवारों के पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है, जबकि केवल 60 परिवारों के पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है। इससे भूमि का वितरण असमान है।
प्रश्न 6: छोटे किसानों को पूँजी की व्यवस्था करने में कठिनाई क्यों होती है?
उत्तर: छोटे किसानों के पास बचत नहीं होती, इसलिए उन्हें साहूकारों या बड़े किसानों से ऊँचे ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। ब्याज दर बहुत अधिक होने के कारण वे कर्ज चुकाने में कठिनाई झेलते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर रहते हैं।
प्रश्न 7: खेतिहर मजदूरों की स्थिति कैसी है?
उत्तर: खेतिहर मजदूरों के पास अपनी भूमि नहीं होती। उन्हें कम मजदूरी मिलती है और काम भी नियमित नहीं होता। पालमपुर में डाला जैसे मजदूरों को सरकार द्वारा तय 300 रुपये की जगह केवल 160 रुपये ही मिलते हैं, जिससे उनका जीवन कठिन होता है।
प्रश्न 8: पालमपुर में कौन-कौन सी गैर-कृषि क्रियाएँ होती हैं?
उत्तर: पालमपुर में डेयरी, लघु विनिर्माण (जैसे गुड़ बनाना), दुकानदार, कंप्यूटर केंद्र और परिवहन जैसी गैर-कृषि क्रियाएँ होती हैं। इनसे गाँव के लोगों को अतिरिक्त आय के अवसर मिलते हैं।
प्रश्न 9: मझोले और बड़े किसान पूँजी की व्यवस्था कैसे करते हैं?
उत्तर: मझोले और बड़े किसान अपनी खेती से हुई बचत का उपयोग अगले मौसम की पूँजी के लिए करते हैं। वे अधिशेष अनाज बेचकर पैसा कमाते हैं और उसी से ट्रैक्टर, मशीनें आदि खरीदते हैं।
प्रश्न 10: गाँवों में गैर-कृषि कार्य बढ़ाने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: गाँवों में गैर-कृषि कार्यों को बढ़ाने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना चाहिए, साथ ही सड़क, परिवहन और संचार की सुविधाएँ बढ़ानी चाहिए। अच्छे बाजार होने से ग्रामीण लोग अपनी वस्तुएँ और सेवाएँ बेच सकेंगे और रोजगार बढ़ेगा।

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