भारत का भौतिक स्वरुप
Short Questions & Answers
प्रश्न 1: ‘भाबर’ क्या है?
उत्तर: शिवालिक की ढाल पर नदियों द्वारा निक्षेपित कंकरीली भूमि को ‘भाबर’ कहते हैं।
प्रश्न 2: भारत के प्रमुख भौतिक विभाग कितने हैं?
उत्तर: भारत के छह प्रमुख भौतिक विभाग हैं – हिमालय पर्वत, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, भारतीय मरुस्थल, तटीय मैदान और द्वीप समूह।
प्रश्न 3: हिमालय पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
उत्तर: हिमालय की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट है, जिसकी ऊँचाई 8,848 मीटर है।
प्रश्न 4: पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर कौन-सा है?
उत्तर: पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर अनाईमुडी है, जिसकी ऊँचाई 2,695 मीटर है।
प्रश्न 5: भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कहाँ स्थित है?
उत्तर: भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बैरेन द्वीप पर स्थित है।
प्रश्न 6: ‘दोआब’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: दो नदियों के बीच का क्षेत्र ‘दोआब’ कहलाता है।
प्रश्न 7: थार मरुस्थल की प्रमुख नदी कौन-सी है?
उत्तर: थार मरुस्थल की प्रमुख नदी लूनी है।
प्रश्न 8: लक्षद्वीप समूह का प्रशासनिक मुख्यालय कहाँ है?
उत्तर: लक्षद्वीप समूह का प्रशासनिक मुख्यालय कावारत्ती है।
प्रश्न 9: पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर कौन-सा है?
उत्तर: पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर महेंद्रगिरि है, जिसकी ऊँचाई 1,500 मीटर है।
प्रश्न 10: चिल्का झील कहाँ स्थित है?
उत्तर: चिल्का झील ओडिशा में महानदी डेल्टा के दक्षिण में स्थित है।
Long Questions & Answers
प्रश्न 1: हिमालय पर्वत की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: हिमालय विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है, जो सिंधु से ब्रह्मपुत्र तक लगभग 2,400 किलोमीटर तक फैली है। यह भूगर्भीय रूप से युवा वलित पर्वत है। इसकी चौड़ाई पश्चिम में 400 किमी और पूर्व में 150 किमी है। इसमें ऊँचे शिखर, गहरी घाटियाँ और तीव्र गति वाली नदियाँ पाई जाती हैं।
प्रश्न 2: हिमालय के तीन प्रमुख विभाग कौन-कौन से हैं?
उत्तर: हिमालय को उत्तर से दक्षिण की ओर तीन भागों में बाँटा गया है —
- हिमाद्रि (महान हिमालय)
- हिमाचल (मध्य हिमालय)
- शिवालिक (बाहरी हिमालय)
हिमाद्रि में सबसे ऊँचे शिखर, हिमाचल में घाटियाँ और शिवालिक में नदियों द्वारा लाए गए अवसाद पाए जाते हैं।
प्रश्न 3: उत्तरी मैदान के निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर: उत्तरी मैदान सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेपों से बना है। लाखों वर्षों तक हिमालय से बहने वाली नदियों ने तलहटी में गाद जमा की, जिससे यह उपजाऊ मैदान बना। यह कृषि की दृष्टि से अत्यंत उत्पादक और घनी आबादी वाला क्षेत्र है।
प्रश्न 4: ‘भाबर’, ‘तराई’, ‘भांगर’ और ‘खादर’ में क्या अंतर है?
उत्तर:
- भाबर: शिवालिक की ढाल पर कंकरीली भूमि।
- तराई: भाबर के दक्षिण में नम, दलदली क्षेत्र।
- भांगर: पुराने जलोढ़ से बना ऊँचा भाग।
- खादर: नए जलोढ़ से बना निचला, अत्यधिक उपजाऊ भाग।
प्रश्न 5: प्रायद्वीपीय पठार की संरचना और विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: प्रायद्वीपीय पठार प्राचीन क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों से बना है। इसके दो भाग हैं — मध्य उच्चभूमि और दक्कन का पठार। यह गोंडवाना भूमि का हिस्सा है। यहाँ काली मृदा (‘दक्कन ट्रैप’) पाई जाती है और यह क्षेत्र खनिज संपदा से भरपूर है।
प्रश्न 6: भारतीय मरुस्थल की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: यह अरावली के पश्चिम में स्थित है। यहाँ वार्षिक वर्षा 150 मिमी से भी कम होती है। यह बालू के टीलों से आच्छादित है। यहाँ की प्रमुख नदी लूनी है जो आगे चलकर लुप्त हो जाती है। यहाँ वनस्पति बहुत कम पाई जाती है।
प्रश्न 7: भारत के तटीय मैदानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में दो तटीय मैदान हैं —
- पश्चिमी तट: कोंकण, कन्नड़ मैदान और मालाबार तट।
- पूर्वी तट: उत्तरी सरकार और कोरोमंडल तट।
पूर्वी तट पर महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियाँ विशाल डेल्टा बनाती हैं। चिल्का झील भी यहीं स्थित है।
प्रश्न 8: भारत के द्वीप समूहों के बारे में लिखिए।
उत्तर: भारत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं —
- लक्षद्वीप: अरब सागर में स्थित प्रवाल द्वीप, जिसका मुख्यालय कावारत्ती है।
- अंडमान-निकोबार: बंगाल की खाड़ी में स्थित, ज्वालामुखीय मूल के द्वीप, जहाँ बैरेन द्वीप भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
प्रश्न 9: पूर्वी और पश्चिमी घाटों में क्या अंतर है?
उत्तर:
- पश्चिमी घाट: सतत, ऊँचे (900–1600 मी.), वर्षा अधिक।
- पूर्वी घाट: असतत, नीची (600 मी.), बड़ी नदियों द्वारा कटी हुई।
पश्चिमी घाट वर्षा की दृष्टि से अधिक महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 10: भारत के भौतिक भाग एक-दूसरे के पूरक कैसे हैं?
उत्तर: हिमालय जल और वनों का स्रोत है, उत्तरी मैदान कृषि उत्पादन का केंद्र है, पठार खनिजों का भंडार है, तटीय क्षेत्र मत्स्य पालन और व्यापार के लिए उपयुक्त हैं, और द्वीप समूह सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। ये सभी मिलकर भारत को प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध बनाते हैं।
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