भारत – आकार और स्थिति
1. भारत का परिचय
- भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं और संस्कृतियों में से एक है।
- पिछले पाँच दशकों में भारत ने सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से बहुत उन्नति की है।
- भारत ने कृषि, उद्योग, विज्ञान, तकनीकी और सर्वांगीण आर्थिक विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- भारत का विश्व इतिहास में भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
- इसकी सांस्कृतिक विविधता, भाषाएँ, परंपराएँ, और जीवन शैली विश्व में अद्वितीय हैं।
2. भारत की स्थिति (Location of India)
- भारत एक विशाल देश है जो उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में स्थित है।
- इसका भौगोलिक विस्तार इस प्रकार है –
- अक्षांश (Latitude): 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक
- देशांतर (Longitude): 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्व तक
- कर्क रेखा (Tropic of Cancer) 23°30′ उत्तर अक्षांश पर भारत के बीचोंबीच से गुजरती है और देश को लगभग दो बराबर भागों में बाँटती है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं।
- लक्षद्वीप द्वीप समूह भारत के दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर में स्थित हैं।
- भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु “इंदिरा बिंदु” कहलाता था, जो 2004 की सुनामी लहरों में जलमग्न हो गया।
3. भारत का आकार (Size of India)
- भारत का कुल क्षेत्रफल लगभग 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है।
- यह क्षेत्रफल विश्व के कुल भू-भाग का लगभग 2.4% है।
- भारत विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है।
- स्थलीय सीमा (Land Boundary): लगभग 15,200 किलोमीटर
- समुद्री तट रेखा (Coastline): लगभग 7,516.6 किलोमीटर (इसमें अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह भी शामिल हैं)।
- भारत का उत्तरी भाग चौड़ा है और दक्षिण की ओर आते-आते यह संकरा (Narrow) होता जाता है।
- भारत के पश्चिम में अरब सागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित हैं।
- उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्वी सीमा पर नवीनतम वलित पर्वत (Fold Mountains) हैं – अर्थात हिमालय पर्वत श्रृंखला।
4. अक्षांश और देशांतर का विस्तार
- भारत का अक्षांशीय विस्तार लगभग 30° है।
- यद्यपि देश का उत्तर-दक्षिण विस्तार अधिक है, फिर भी पूर्व-पश्चिम दिशा में समय का अंतर पड़ता है।
- गुजरात से अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय समय में लगभग 2 घंटे का अंतर होता है।
- पूरे देश में एक समान समय बनाए रखने के लिए 82°30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर (Standard Meridian) माना गया है।
- यह रेखा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गुजरती है।
- अक्षांश का प्रभाव यह है कि उत्तर से दक्षिण की ओर जाने पर दिन और रात की अवधि में अंतर आता है।
5. भारत और विश्व (India and the World)
- भारत का भू-भाग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित है।
- भारत का यह स्थान पूर्वी और पश्चिमी एशिया के बीच में है।
- हिंद महासागर भारत को केंद्रीय स्थिति प्रदान करता है, जिससे भारत समुद्री व्यापार मार्गों का केंद्र बन गया है।
- भारत का दक्षिणी पठारी भाग हिंद महासागर में त्रिकोणाकार रूप में फैला हुआ है, जिससे यह पश्चिम एशिया, अफ्रीका, यूरोप और पूर्वी एशिया के देशों से निकट संबंध रखता है।
- हिंद महासागर का नाम भी भारत के नाम पर रखा गया है – यह भारत की भौगोलिक महत्ता को दर्शाता है।
6. भारत के प्राचीन संपर्क (Ancient Contacts of India)
- प्राचीन समय में भारत का अन्य देशों से संपर्क समुद्री मार्गों की बजाय भू-मार्गों से था।
- उत्तरी पर्वतीय दर्रों से अनेक यात्री, विद्वान और व्यापारी भारत आते थे।
- इन मार्गों से विचारों, वस्तुओं और संस्कृति का आदान-प्रदान होता रहा।
- भारत से निम्नलिखित चीजें अन्य देशों तक पहुँचीं –
- उपनिषदों के विचार, रामायण और पंचतंत्र की कहानियाँ
- भारतीय अंक प्रणाली और दशमलव प्रणाली
- मसाले, कपास, मलमल, रेशमी वस्त्र, इत्र आदि
- वहीं भारत में भी अन्य देशों से प्रभाव आया –
- यूनानी स्थापत्यकला,
- पश्चिमी एशिया की वास्तुकला,
- मीनारों और गुंबदों का निर्माण भारतीय स्थापत्य में शामिल हुआ।
7. स्वेज़ नहर का महत्त्व (Importance of Suez Canal)
- स्वेज़ नहर (Suez Canal) सन् 1869 में खुली थी।
- इसके खुलने से भारत और यूरोप के बीच की दूरी लगभग 7,000 किमी कम हो गई।
- इससे भारत के समुद्री व्यापार को बहुत लाभ मिला।
8. भारत के पड़ोसी देश (Neighbouring Countries of India)
- भारत का दक्षिण एशिया में अत्यंत महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थान है।
- भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित क्षेत्र हैं।
- भारत की सीमाएँ निम्न देशों से मिलती हैं –
- उत्तर-पश्चिम: पाकिस्तान और अफगानिस्तान
- उत्तर: चीन (तिब्बत), नेपाल, भूटान
- पूर्व: म्यांमार और बांग्लादेश
- भारत के दक्षिण में समुद्र पार स्थित दो द्वीपीय पड़ोसी देश हैं –
- श्रीलंका – भारत से पाक जलसंधि (Palk Strait) और मन्नार की खाड़ी (Gulf of Mannar) द्वारा अलग होता है।
- मालदीव – यह लक्षद्वीप समूह के दक्षिण में स्थित है।
9. भारत के पड़ोसी देशों से संबंध
- भारत के अपने पड़ोसी देशों से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध बहुत पुराने हैं।
- ये संबंध न केवल व्यापारिक हैं बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से भी गहरे हैं।
- भारत एशिया महाद्वीप का दक्षिणी प्रक्षेप (Southern Extension) बनाता है, जो इसे महाद्वीप से भिन्न पहचान देता है।
10. ऐतिहासिक तथ्य
- 1947 से पहले भारत में दो प्रकार के राज्य थे –
- प्रांत (Provinces): जिन पर ब्रिटिश सरकार के वायसराय द्वारा नियुक्त अधिकारी शासन करते थे।
- रियासतें (Princely States): स्थानीय शासकों द्वारा शासित क्षेत्र जो अंग्रेज़ों की प्रभुसत्ता मानते थे।
11. शैक्षणिक जानकारी – स्कूल भुवन पोर्टल
- “स्कूल भुवन” एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे इसरो (ISRO) और एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा मिलकर बनाया गया है।
- इसका उद्देश्य छात्रों में प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण और सतत विकास के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
- यह पोर्टल मानचित्र आधारित शिक्षा (Map-Based Learning) प्रदान करता है।
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