प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन
भारत में जैव विविधता (Biodiversity of India)
- भारत एक विशाल देश है – विभिन्न जलवायु, स्थलरूप और ऊँचाई के कारण यहाँ वनस्पति और वन्य प्राणियों की बहुत विविधता पाई जाती है।
- भारत विश्व के 12 मेगा जैव-विविधता वाले देशों में से एक है।
- यहाँ लगभग 47,000 पादप प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- विश्व में 10वाँ स्थान
- एशिया में 4था स्थान
- लगभग 15,000 फूलों वाले पौधे (विश्व का 6%)
- बिना फूल वाले पौधे भी बहुत हैं:
- फर्न
- शैवाल (Algae)
- कवक (Fungi)
- लगभग 90,000 जीव प्रजातियाँ:
- विभिन्न स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, मछलियाँ आदि।
✅ निष्कर्ष: भारत वनस्पति और जीव जगत दोनों में अत्यंत समृद्ध है।
प्राकृतिक वनस्पति क्या है?
परिभाषा:
ऐसी वनस्पति जो मानव सहायता के बिना, स्वाभाविक रूप से उगती है और लंबे समय तक उस पर मानव का प्रभाव न पड़े, उसे प्राकृतिक (अक्षत) वनस्पति कहते हैं।
ध्यान दें:
❌ फसलें, बागान, फलदार पेड़ = वनस्पति हैं✅ लेकिन प्राकृतिक वनस्पति नहीं हैं (क्योंकि मानव द्वारा लगाए गए हैं)
देशज और विदेशज पौधे
| प्रकार | अर्थ |
|---|---|
| देशज | जो पौधे भारत के मूल निवासी हैं |
| विदेशज | जो भारत के बाहर से लाए गए हैं |
वनस्पति जगत और प्राणी जगत
- वनस्पति जगत – किसी क्षेत्र में पादपों की उत्पत्ति और प्रकारों का वर्णन।
- प्राणी जगत – किसी क्षेत्र में जीवों/जानवरों की विविधता और वितरण।
प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार (भारत में पाए जाने वाले 5 मुख्य प्रकार)
- उष्ण कटिबंधीय सदाबहार (वर्षा) वन
- उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती (मानसूनी) वन
- कंटीले वन तथा झाड़ियाँ
- पर्वतीय वन
- मैंग्रोव वन
अब हम प्रत्येक को बहुत विस्तार से समझेंगे।
1. उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन (Tropical Evergreen Forest)
📍 स्थान:
- पश्चिमी घाट
- अंडमान व निकोबार
- लक्षद्वीप
- असम के ऊपरी भाग
- तमिलनाडु का तटीय भाग
🌧 वर्षा:
200 सेमी से अधिक (साल भर अधिक वर्षा)
🌡 जलवायु:
- वर्ष भर गर्म और आर्द्र
- कोई निश्चित शुष्क ऋतु नहीं
🌲 विशेषताएँ:
- वृक्षों की ऊँचाई 60 मीटर या उससे अधिक
- जंगल बहुत घने
- कई परतों (Layers) में पौधे – ऊँचे वृक्ष, झाड़ियाँ, लताएँ
- पतझड़ निश्चित नहीं, इसलिए साल भर हरे-भरे
🌳 प्रमुख वृक्ष:
- आबनूस (Ebony)
- महोगनी
- रोज़वुड
- रबर
- सिंकोना
🐾 प्रमुख जीव:
- हाथी
- बंदर
- लैमूर
- हिरण
- एक सींग वाला गैंडा (दलदली क्षेत्र में)
- चमगादड़, पक्षी, साँप, छिपकली
✅ व्यावसायिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण वन।
2. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन (Tropical Deciduous / Monsoon Forest)
सबसे अधिक क्षेत्र में फैले हुए वन (भारत में सबसे बड़े वन)
🌧 वर्षा सीमा:
70 से 200 सेमी
🌡 विशेषता:
- शुष्क ग्रीष्म ऋतु में 6-8 सप्ताह पत्तियाँ गिराते हैं
- इन्हें मानसूनी वन भी कहा जाता है।
इनको दो भागों में बाँटा जाता है:
(A) आर्द्र पर्णपाती वन (100-200 सेमी वर्षा)
📍 स्थान:
- पूर्वी भारत
- उत्तर-पूर्व राज्य
- हिमालय की तलहटी
- झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिमी उड़ीसा
- पश्चिमी घाट की पूर्वी ढाल
🌳 प्रमुख वृक्ष:
- सागौन (Teak) – सबसे प्रमुख
- साल
- शीशम
- बाँस
- चंदन
- अर्जुन
- शहतूत
(B) शुष्क पर्णपाती वन (70-100 सेमी वर्षा)
📍 स्थान:
- प्रायद्वीपीय पठार के शुष्क भाग
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
🌳 प्रमुख वृक्ष:
- सागौन
- साल
- नीम
- पीपल
🌾 खतरा:
- इन वनों के बड़े भाग कृषि व पशुचारण हेतु साफ किए गए हैं।
🐾 प्रमुख जीव:
- सिंह
- शेर
- सूअर
- हिरण
- हाथी
- विभिन्न पक्षी, साँप, कछुए
3. कंटीले वन तथा झाड़ियाँ (Thorn Forests and Scrubs)
🌧 वर्षा:
70 सेमी से कम
📍 स्थान:
- राजस्थान
- गुजरात
- हरियाणा
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- उत्तर प्रदेश (अर्धशुष्क भाग)
🌳 विशेषताएँ:
- पौधे बिखरे हुए
- जड़ें बहुत गहरी – पानी खोजने के लिए
- पत्तियाँ छोटी ताकि वाष्पीकरण कम हो
प्रमुख पौधे:
- अकासिया (Babul)
- नागफनी (Cactus)
- खजूर (Palm)
- यूफोरबिया
🐾 प्रमुख जीव:
- ऊँट
- जंगली गधा
- लोमड़ी
- खरगोश
- भेड़िया
- घोड़ा
- शेर-सिंह
4. पर्वतीय वन (Mountain Forests)
विशेषता:
ऊँचाई बढ़ने पर तापमान कम, इसलिए वनस्पति में लगातार परिवर्तन।
(A) 1,000-2,000 मीटर
- आर्द्र शीतोष्ण वन
- प्रमुख वृक्ष: ओक, चेस्टनट (चौड़ी पत्ती वाले)
(B) 1,500-3,000 मीटर
- शंकुधारी वन (Coniferous)
- प्रमुख वृक्ष: चीड़ (Pine), देवदार (Deodar), सिल्वर फर, स्प्रूस, सीडर
(C) 3,600 मीटर से ऊपर
- अल्पाइन वनस्पति
- वृक्ष छोटे, फिर झाड़ियाँ, अंत में घासभूमि
- यह क्षेत्र टुंड्रा वनस्पति जैसा
🐾 प्रमुख जीव:
- कश्मीरी महामृग
- चितरा हिरण
- जंगली भेड़
- हिम तेंदुआ
- याक
- तिब्बती बारहसिंघा
- रीछ
- आइबैक्स
- लाल पांडा (कुछ क्षेत्रों में)
✅ इस वन का उपयोग गुज्जर, बक्करवाल आदि घुमक्कड़ जातियों द्वारा पशुचारण के लिए किया जाता है।
5. मैंग्रोव वन (Mangrove / Tidal Forest)
स्थान:
- तटीय क्षेत्र जहाँ ज्वार-भाटा आता है
- नदियों के डेल्टा (गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी)
विशेषताएँ:
- मिट्टी दलदली और खारी
- पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं
- जड़ों का जाल मजबूत – मिट्टी को पकड़कर रखता है
प्रमुख वृक्ष:
- सुंदरी (Sundari) – मजबूत लकड़ी
- नारियल
- ताड़
- केवड़ा
- ऐंगार
प्रमुख जीव:
- रॉयल बंगाल टाइगर (सबसे प्रसिद्ध)
- कछुए
- मगरमच्छ
- घड़ियाल (केवल भारत में)
- साँप

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