1. परिचय
- फ़्रांसीसी क्रांति (1789) ने राजतंत्र को समाप्त कर जनता के अधिकारों की नींव रखी।
- इसने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व (Liberty, Equality, Fraternity) के विचार को जन्म दिया।
- क्रांति के बाद बना “मानव एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र” नए युग का प्रतीक था।
2. अठारहवीं सदी का फ़्रांसीसी समाज
1. समाज की रचना
- समाज तीन एस्टेट्स (Estates) में बँटा था:
- पहला एस्टेट – पादरी वर्ग (Church)
- दूसरा एस्टेट – कुलीन वर्ग (Nobles)
- तीसरा एस्टेट – सामान्य लोग (किसान, मजदूर, व्यापारी, वकील आदि)
- केवल तीसरे एस्टेट के लोग ही कर (Tax) चुकाते थे।
- कुलीन और पादरी वर्ग को करों से छूट थी।
2. आर्थिक स्थिति
- राजा लुई XVI (Louis XVI) सन् 1774 में राजा बना।
- राजकोष खाली था – युद्ध, महलों की फ़िज़ूलखर्ची और अमेरिका की मदद से कर्ज़ बढ़ गया।
- कर्ज़ चुकाने के लिए सरकार ने कर बढ़ाए, जिससे जनता नाराज़ हुई।
3. जीने का संघर्ष (Struggle for Livelihood)
- जनसंख्या बढ़ने से अनाज की माँग बढ़ गई, पर उत्पादन नहीं बढ़ा।
- रोटी (Bread) की कीमत बहुत बढ़ी।
- मजदूरी वही रही, इसलिए गरीबी और असमानता बढ़ी।
- अकाल, सूखा और ओले पड़ने से जीविका संकट (Subsistence Crisis) आम हो गया।
4. उभरता मध्य वर्ग (Emergence of Middle Class)
- व्यापारियों, वकीलों, लेखकों और पेशेवरों का नया वर्ग बना।
- वे शिक्षित थे और समानता व योग्यता आधारित समाज चाहते थे।
- दार्शनिकों के विचार:
1.जॉन लॉक – राजा के दैवी अधिकारों का विरोध।
2.रूसो – जनता पर आधारित सरकार का विचार (Social Contract)।
3.मॉन्तेस्क्यू – तीन अंगों में सत्ता विभाजन: विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका।
अमेरिकी क्रांति से उन्हें प्रेरणा मिली।
5. क्रांति की शुरुआत (Beginning of Revolution)
- 5 मई 1789 को राजा ने एस्टेट्स जेनरल (Estates-General) की बैठक बुलाई।
- तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों ने माँग की कि हर सदस्य को एक वोट मिले, न कि हर वर्ग को।
- राजा ने अस्वीकार किया, तो उन्होंने खुद को “राष्ट्रीय सभा” (National Assembly) घोषित किया।
- 14 जुलाई 1789 को जनता ने बास्तील (Bastille) जेल पर हमला किया —
यह क्रांति की शुरुआत थी।
6. 1791 का संविधान
- राजा की शक्तियाँ संविधान द्वारा सीमित की गईं — फ्रांस संवैधानिक राजतंत्र बन गया।
- सत्ता तीन अंगों में बाँटी गई –
विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका। - केवल कर देने वाले पुरुषों (25 वर्ष से ऊपर) को ही मतदान का अधिकार मिला।
महिलाएँ और गरीब पुरुष “निष्क्रिय नागरिक” कहलाए।
1 “पुरुष और नागरिक अधिकार घोषणापत्र”
- सभी मनुष्य जन्म से समान हैं।
- अधिकार – जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति, सुरक्षा, शोषण से प्रतिरोध।
- कानून सबके लिए समान होगा।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और करों में समानता का अधिकार दिया गया।
7. राजतंत्र का अंत और गणराज्य की स्थापना
- लुई XVI ने गुप्त रूप से प्रशा और ऑस्ट्रिया से मदद माँगी।
- 1792 में फ्रांस ने इन देशों से युद्ध की घोषणा की।
- जैकोबिन क्लब (Jacobin Club) के नेतृत्व में जनता ने राजा को बंदी बना लिया।
- 21 सितंबर 1792 को फ्रांस गणराज्य (Republic) बना।
- 21 जनवरी 1793 – राजा लुई XVI को गिलोटिन पर चढ़ाकर मार दिया गया।
8. आतंक का शासन (Reign of Terror) – 1793–1794
- मैक्समिलियन रोबेस्प्येर (Robespierre) के नेतृत्व में कठोर शासन लागू हुआ।
- गणराज्य के शत्रुओं – कुलीनों, पादरियों, विरोधियों – को गिलोटिन से दंड दिया गया।
- कीमतों और मजदूरी पर नियंत्रण लगाया गया।
- समता रोटी (Equality Bread) लागू हुई।
- सभी को “नागरिक (Citoyen)” कहकर संबोधित किया जाने लगा।
- जुलाई 1794 में रोबेस्प्येर को भी फाँसी दे दी गई।
9. डिरेक्ट्री का शासन (Directory Rule)
- नई सरकार में दो विधान परिषदें और पाँच कार्यकारी सदस्य बने – इसे डिरेक्ट्री कहा गया।
- आपसी झगड़ों और अस्थिरता के कारण नेपोलियन बोनापार्ट का उदय हुआ।
10. महिलाओं की भागीदारी
- महिलाएँ भी सक्रिय रूप से क्रांति में शामिल हुईं।
- उन्होंने महिला क्लब और अखबार चलाए।
- माँगें – समान अधिकार, मतदान का अधिकार, शिक्षा और समान वेतन।
- ओलम्प दे गूज़ (Olympe de Gouges) ने “महिला और नागरिक अधिकार घोषणापत्र” (1791) लिखा।
- बाद में महिला क्लबों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- 1946 में फ्रांसीसी महिलाओं को मताधिकार मिला।
11. दास-प्रथा का अंत (Abolition of Slavery)
- फ़्रांस के उपनिवेश (जैसे सैन डोमिंगो, मार्टिनिक) में अफ्रीकी दासों से काम कराया जाता था।
- 1794 में जैकोबिन सरकार ने दास-प्रथा समाप्त की।
- नेपोलियन ने इसे फिर शुरू किया (1804 में)।
- 1848 में फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास-प्रथा स्थायी रूप से समाप्त हुई।
12. क्रांति के प्रभाव (Impact of Revolution)
- सेंसरशिप समाप्त – अभिव्यक्ति की आज़ादी बढ़ी।
- अखबार, नाटक, किताबें आम जनता तक पहुँचीं।
- समाज में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के विचार फैले।
- नेपोलियन (1804) ने खुद को सम्राट घोषित किया पर क्रांतिकारी कानून बनाए।
- फ़्रांसीसी क्रांति के विचार बाद में यूरोप और भारत (टीपू सुल्तान, राजा राममोहन राय) तक पहुँचे।

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