नात्सीवाद और हिटलर का उदय
प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1.वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थीं?
 उत्तर: पहले विश्वयुद्ध की हार के बाद वाइमर गणराज्य को जर्मनी का अपमान झेलना पड़ा।वर्साय संधि के कारण उस पर भारी हर्जाने का बोझ था।अति-मुद्रास्फीति, बेरोज़गारी और आर्थिक संकट ने जनता को परेशान किया।राजनीतिक दलों में आपसी मतभेद और अस्थिर सरकारें भी बड़ी समस्या थीं।
प्रश्न 2.इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता क्यों मिलने लगी?
 उत्तर: 1929 की महामंदी से जर्मनी की अर्थव्यवस्था टूट गई थी।लाखों लोग बेरोज़गार हो गए और जनता निराश थी।हिटलर ने राष्ट्र की गरिमा, रोजगार और स्थिरता के वादे किए।उसकी भाषण शैली और प्रचार ने लोगों को आकर्षित किया।
प्रश्न 3.नात्सी सोच के खास पहलू कौन-से थे?
 उत्तर: नात्सी सोच नस्लीय श्रेष्ठता पर आधारित थी।आर्य नस्ल को सबसे ऊँचा और यहूदियों को नीच माना गया।हिटलर ने “एक नेता, एक राष्ट्र और एक साम्राज्य” का विचार दिया।नात्सीवाद का उद्देश्य एक शुद्ध और शक्तिशाली जर्मनी बनाना था।
प्रश्न 4. नात्सियों का प्रोपेगेंडा यहूदियों के खिलाफ़ नफ़रत पैदा करने में इतना असरदार कैसे रहा?
 उत्तर: नात्सियों ने मीडिया, फ़िल्मों, पोस्टरों और नारों का इस्तेमाल किया।यहूदियों को शैतान, धोखेबाज और समाज का दुश्मन दिखाया गया।स्कूलों और किताबों में भी यहूदी-विरोधी बातें सिखाई गईं।लोगों की भावनाओं को भड़का कर नात्सी प्रचार ने यहूदियों के प्रति घृणा फैलाई।
प्रश्न 5.नात्सी समाज में औरतों की क्या भूमिका थी? फ्रांसीसी क्राति के बारे में जानने के लिए अध्याय 1 देखें फ़्रांसीसी क्रांति और नात्सी शासन में औरतों की भूमिका के बीच क्या फ़र्क था? एक पैराग्राफ़ में बताएँ।
 उत्तर: नात्सी समाज में औरतों को सिर्फ माँ और गृहिणी की भूमिका दी गई।उन्हें “शुद्ध आर्य” बच्चों को जन्म देने और पालन करने का दायित्व मिला।फ्रांसीसी क्रांति में औरतों ने समान अधिकारों और स्वतंत्रता की माँग की थी।लेकिन नात्सी शासन में उन्हें पुरुषों से निम्न और केवल परिवार तक सीमित माना गया।
प्रश्न 6.नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए?
 उत्तर: नात्सियों ने सभी राजनीतिक दलों और यूनियनों पर पाबंदी लगाई।मीडिया, स्कूल और न्यायपालिका पर राज्य का नियंत्रण स्थापित किया।गुप्त पुलिस (गेस्तापो) और यातना गृहों के जरिए डर का माहौल बनाया।प्रचार और शिक्षा के माध्यम से लोगों के विचार नात्सी सोच के अनुसार ढाले गए।

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