Short Questions Answer
प्रश्न: अधिकार क्या हैं?
 उत्तर: अधिकार किसी व्यक्ति का अपने समाज और सरकार से किया गया तार्किक दावा है।
प्रश्न: लोकतंत्र में अधिकारों की क्या आवश्यकता है?
 उत्तर: अधिकार लोकतंत्र की रक्षा करते हैं और नागरिकों को समानता व स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हैं।
प्रश्न: ‘समानता का अधिकार’ का क्या अर्थ है?
 उत्तर: इसका अर्थ है कि सभी व्यक्ति कानून के सामने समान हैं और किसी के साथ धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
प्रश्न: छुआछूत को किस अधिकार के अंतर्गत समाप्त किया गया है?
 उत्तर: समानता के अधिकार के अंतर्गत।
प्रश्न: ‘स्वतंत्रता का अधिकार’ किन स्वतंत्रताओं को शामिल करता है?
 उत्तर: इसमें अभिव्यक्ति, संगठन, आने-जाने, बसने और पेशा चुनने की स्वतंत्रता शामिल है।
प्रश्न: ‘शोषण के विरुद्ध अधिकार’ का उद्देश्य क्या है?
 उत्तर: इसका उद्देश्य जबरन मजदूरी, बाल मजदूरी और मनुष्य व्यापार को रोकना है।
प्रश्न: ‘धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार’ क्या है?
 उत्तर: यह प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म को मानने, उसका प्रचार करने और उसके अनुसार आचरण करने की स्वतंत्रता देता है।
प्रश्न: ‘संवैधानिक उपचार का अधिकार’ क्यों आवश्यक है?
 उत्तर: क्योंकि यह अन्य सभी अधिकारों को लागू कराने का साधन देता है।
प्रश्न: ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ कब बना?
 उत्तर: यह आयोग 1993 में कानून द्वारा बनाया गया।
प्रश्न: बच्चों को कौन-सा अधिकार संविधान ने दिया है?
 उत्तर: 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार।
Long Questions Answer
प्रश्न: लोकतंत्र में अधिकार क्यों जरूरी हैं?
 उत्तर: लोकतंत्र में नागरिकों को अपने विचार व्यक्त करने, सरकार की आलोचना करने, चुनाव लड़ने और न्याय पाने का अधिकार होना चाहिए। अधिकार नागरिकों को सुरक्षा, सम्मान और समान अवसर की गारंटी देते हैं। ये बहुसंख्यक के दमन से अल्पसंख्यक की रक्षा करते हैं और लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखते हैं।
प्रश्न: समानता के अधिकार का विस्तार समझाइए।
 उत्तर: समानता का अधिकार सभी नागरिकों को कानून के सामने समानता देता है। किसी को धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। छुआछूत को अपराध घोषित किया गया है और सरकारी नौकरियों में सबको समान अवसर दिया गया है। आरक्षण भी समानता सुनिश्चित करने का माध्यम है।
प्रश्न: स्वतंत्रता के अधिकार की प्रमुख स्वतंत्रताएँ क्या हैं?
 उत्तर:
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- शांतिपूर्वक एकत्र होने की स्वतंत्रता
- संगठन बनाने की स्वतंत्रता
- देश में कहीं भी जाने की स्वतंत्रता
- किसी भी भाग में बसने की स्वतंत्रता
- किसी भी पेशे या व्यवसाय को चुनने की स्वतंत्रता
 ये स्वतंत्रताएँ नागरिकों को विचार व्यक्त करने और अपने जीवन का निर्णय स्वयं लेने का अधिकार देती हैं।
प्रश्न: शोषण के विरुद्ध अधिकार की व्याख्या कीजिए।
 उत्तर: संविधान ने तीन बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प लिया है — (1) मनुष्य व्यापार, (2) बेगार या जबरन मजदूरी, और (3) बाल मजदूरी। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से खतरनाक काम नहीं कराया जा सकता। यह अधिकार कमजोर वर्गों को शोषण से सुरक्षा देता है।
प्रश्न: धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की विशेषताएँ बताइए।
 उत्तर: हर व्यक्ति को अपना धर्म मानने, प्रचार करने और आचरण करने की स्वतंत्रता है। किसी को जबरन धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार नहीं है। कोई धार्मिक कार्य जो कानून के विरुद्ध हो, जैसे नरबलि, की अनुमति नहीं है। शासन किसी धर्म को बढ़ावा नहीं देता — यही धर्मनिरपेक्षता का सार है।
प्रश्न: सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार क्यों दिए गए हैं?
 उत्तर: लोकतंत्र में बहुसंख्यकों को अधिक ताकत मिलती है, इसलिए अल्पसंख्यकों की भाषा और संस्कृति की रक्षा हेतु यह अधिकार आवश्यक है। इससे वे अपनी भाषा, संस्कृति और शिक्षण संस्थान बना सकते हैं तथा किसी भी सरकारी संस्थान में प्रवेश से वंचित नहीं किए जा सकते।
प्रश्न: संवैधानिक उपचार का अधिकार क्या है और इसे संविधान की आत्मा क्यों कहा गया है?
 उत्तर: जब किसी नागरिक का मौलिक अधिकार छीना जाता है, तो वह अदालत में जाकर न्याय पा सकता है। सर्वोच्च और उच्च न्यायालय को अधिकार है कि वे ऐसे मामलों में आदेश (रिट) जारी करें। डॉ. अंबेडकर ने इसे संविधान की आत्मा और हृदय कहा है।
प्रश्न: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका बताइए।
 उत्तर: यह आयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्वतंत्र जांच करता है। यह सरकार को सुझाव देता है, रिपोर्ट भेजता है और पीड़ितों की मदद करता है। यह अदालतों जैसा फैसला नहीं देता, पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाता है।
प्रश्न: अधिकारों का दायरा कैसे बढ़ा है?
 उत्तर: समय के साथ नए अधिकार जोड़े गए हैं, जैसे सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और भोजन का अधिकार। जीवन के अधिकार में अब भोजन और पर्यावरण का अधिकार भी शामिल है। समाज के विकास के साथ नए अधिकार सामने आते हैं।
प्रश्न: मौलिक अधिकारों और लोकतंत्र के बीच संबंध स्पष्ट कीजिए।
 उत्तर: मौलिक अधिकार लोकतंत्र की नींव हैं। इनके बिना लोकतंत्र अधूरा है। ये नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी देते हैं। नागरिक इन अधिकारों का प्रयोग करके सरकार को जवाबदेह बनाते हैं, जिससे लोकतंत्र सशक्त होता है।

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