लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?
क. देश क – जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है।
 वर्गीकरण: अलोकतांत्रिक
 क्योंकि लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान मतदान अधिकार होना चाहिए। धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
ख. देश ख – एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
 वर्गीकरण: पक्का नहीं
 क्योंकि यह तभी लोकतांत्रिक होगा जब चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। अगर चुनाव निष्पक्ष नहीं हैं तो यह अलोकतांत्रिक माना जाएगा।
ग. देश ग – पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुँह देखना पड़ा।
 वर्गीकरण: लोकतांत्रिक
 क्योंकि यहाँ सत्ता परिवर्तन संभव है और चुनाव स्वतंत्र रूप से होते हैं।
घ. देश घ – यहाँ स्वतंत्र चुनाव आयोग नहीं है।
 वर्गीकरण: अलोकतांत्रिक
 क्योंकि स्वतंत्र चुनाव आयोग के बिना चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते और जनता का वास्तविक प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता।
प्रश्न 2 : वर्गीकरण करें
क. देश च: संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
 वर्गीकरण: अलोकतांत्रिक
 क्योंकि सेना को चुने हुए प्रतिनिधियों से ऊपर रखना लोकतंत्र के सिद्धांत के विपरीत है।
ख. देश छ: संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती।
 वर्गीकरण: लोकतांत्रिक
 क्योंकि लोकतंत्र में न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए, संसद उसे कम नहीं कर सकती।
ग. देश ज: देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से संधि नहीं कर सकते।
 वर्गीकरण: अलोकतांत्रिक
 क्योंकि स्वतंत्र देश को अपने निर्णय स्वयं लेने चाहिए; पड़ोसी देश की अनुमति लेना उसकी स्वतंत्रता पर अंकुश है।
घ. देश झा: देश के सारे आर्थिक फैसले केंद्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते।
 वर्गीकरण: पक्का नहीं
 क्योंकि यह तभी लोकतांत्रिक या अलोकतांत्रिक माना जाएगा जब यह स्पष्ट हो कि केंद्रीय बैंक जनता के प्रति जवाबदेह है या नहीं।
प्रश्न 3 : लोकतंत्र के पक्ष में कौन-सा तर्क अच्छा नहीं है और क्यों?
घ. लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
 यह तर्क अच्छा नहीं है।
 क्योंकि किसी देश की समृद्धि केवल शासन प्रणाली पर निर्भर नहीं करती। आर्थिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधन और ऐतिहासिक परिस्थितियाँ भी ज़िम्मेदार होती हैं। लोकतंत्र का मूल्य समानता, स्वतंत्रता और उत्तरदायित्व में है — न कि सिर्फ़ धन–समृद्धि में।
क. एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
- लोकतांत्रिक हिस्सा: कानून संसद में पास होंगे, यानी प्रतिनिधियों के माध्यम से कानून बनाए जा रहे हैं।
 - अलोकतांत्रिक हिस्सा: मंत्री ने यह तय किया कि कानून पास होने ही चाहिए; यह जनता की राय या संसद की स्वतंत्र चर्चा का उल्लंघन कर सकता है।
 
ख. चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
- लोकतांत्रिक हिस्सा: मतदान निष्पक्ष बनाने और जनता की सही आवाज सुनने के लिए दोबारा मतदान कराना।
 - अलोकतांत्रिक हिस्सा: इसमें कोई स्पष्ट अलोकतांत्रिक हिस्सा नहीं है; यह पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित करने वाला कदम है।
 
ग. संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक ही पहुँचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।
- लोकतांत्रिक हिस्सा: महिला संगठन अपनी मांग उठाते हैं और संसद में आरक्षण की माँग करते हैं।
 - अलोकतांत्रिक हिस्सा: वर्तमान में संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है, यह लोकतांत्रिक समानता की कमी दर्शाता है।
 
4 . प्रश्न: इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतांत्रिक हैं तो कुछ अलोकतांत्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग-अलग करके लिखिए।
कथन:
 क. एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
उत्तर:
- लोकतांत्रिक हिस्सा: कानून संसद में पास होंगे, यानी प्रतिनिधियों के माध्यम से कानून बनाए जा रहे हैं।
 - अलोकतांत्रिक हिस्सा: मंत्री ने तय कर दिया कि कानून पास होने ही चाहिए; यह जनता की राय या संसद की स्वतंत्र चर्चा का उल्लंघन कर सकता है।
 
कथन:
 ख. चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
उत्तर:
- लोकतांत्रिक हिस्सा: मतदान निष्पक्ष बनाने और जनता की सही आवाज सुनने के लिए दोबारा मतदान कराना।
 - अलोकतांत्रिक हिस्सा: कोई स्पष्ट अलोकतांत्रिक हिस्सा नहीं; यह पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित करने वाला कदम है।
 
कथन:
 ग. संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक ही पहुँचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।
उत्तर:
- लोकतांत्रिक हिस्सा: महिला संगठन अपनी मांग उठाते हैं और संसद में आरक्षण की माँग करते हैं।
 - अलोकतांत्रिक हिस्सा: वर्तमान में संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है, यह लोकतांत्रिक समानता की कमी दर्शाता है।
 
5. आइए हर विकल्प को देखें:
क. विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
 → यह सही है। लोकतंत्र में विपक्ष सरकार की गलतियों और समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कर सकता है।
ख. स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकते हैं।
 → यह भी सही है। मीडिया की स्वतंत्रता सरकार को सचेत रखती है।
ग. सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
 → यह भी सही है। लोकतंत्र में चुनावी जवाबदेही सरकार को सतर्क बनाती है।
घ. लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।
 → यह अकाल और भुखमरी कम होने के लिए सीधा कारण नहीं है। यह स्वतंत्रता व्यक्तिगत अधिकारों से जुड़ी है, लेकिन अकाल और भुखमरी की रोकथाम से सीधे संबंधित नहीं है।
सही उत्तर: घ. लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।
6. आइए हर विकल्प देखें:
क. अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना।
 → यह लोकतांत्रिक है, क्योंकि कानून और न्यायपालिका का प्रयोग अधिकारों की रक्षा के लिए किया जा सकता है।
ख. अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना।
 → यह लोकतांत्रिक है, क्योंकि नागरिक अपनी मतदान से स्वतंत्र होकर सरकार को संदेश दे सकते हैं।
ग. सरकारी नीतियों के खिलाफ जन सभाएँ करना।
 → यह लोकतांत्रिक है, क्योंकि विरोध और प्रदर्शन करना लोकतंत्र का अधिकार है।
घ. सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
 → यह अलोकतांत्रिक है, क्योंकि रिश्वत भ्रष्टाचार है और कानून का उल्लंघन करता है।
सही उत्तर: घ. सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
7. प्रश्न: लोकतंत्र के खिलाफ़ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए:
क. सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
 उत्तर:
- लोकतंत्र में शासन जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के पास होता है, न कि किसी विशेष संगठन के।
 - अनुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त होना ही शासन का आधार नहीं है; जनता की पसंद और जवाबदेही जरूरी है।
 - सेना का शासन लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।
 
ख. बहुमत के शासन का मतलब है मूर्खों और अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो।
 उत्तर:
- लोकतंत्र में जनता की संख्या मायने रखती है, न कि सिर्फ उनकी शिक्षा या बुद्धिमत्ता।
 - हर नागरिक का वोट समान महत्व रखता है।
 - बहुमत की सरकार जनता की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
 
ग. अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्म-गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनैतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए। देश पर धर्म-गुरुओं का शासन होना चाहिए।
 उत्तर:
- धार्मिक और राजनैतिक मामलों को अलग रखना जरूरी है।
 - धर्म-गुरु आध्यात्मिक मार्गदर्शन दे सकते हैं, लेकिन राजनैतिक निर्णय जनता और चुनी हुई सरकार द्वारा होने चाहिए।
 - धर्म-गुरुओं का शासन लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।
 
8. प्रश्न: लोकतंत्र के खिलाफ़ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए:
क. सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
 उत्तर:
- लोकतंत्र में शासन जनता द्वारा चुनी गई सरकार के पास होता है।
 - अनुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त होना पर्याप्त नहीं; जनता की पसंद और जवाबदेही जरूरी है।
 - सेना का शासन लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।
 
ख. बहुमत के शासन का मतलब है मूर्खों और अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो।
 उत्तर:
- लोकतंत्र में जनता की संख्या मायने रखती है, न कि सिर्फ शिक्षा या बुद्धिमत्ता।
 - हर नागरिक का वोट समान महत्व रखता है।
 - बहुमत की सरकार जनता की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
 
ग. अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्म-गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनैतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए। देश पर धर्म-गुरुओं का शासन होना चाहिए।
 उत्तर:
- धार्मिक और राजनैतिक मामलों को अलग रखना जरूरी है।
 - धर्म-गुरु आध्यात्मिक मार्गदर्शन दे सकते हैं, लेकिन राजनैतिक निर्णय जनता और चुनी हुई सरकार द्वारा होने चाहिए।
 - धर्म-गुरुओं का शासन लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।
 
9. प्रश्न: एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फ़ैसला करें कि आप इसे लोकतंत्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ।
क. देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।
 विश्लेषण:
- यह लोकतंत्र का सकारात्मक संकेत है क्योंकि सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित होते हैं।
 - लोकतंत्र के पक्ष में है।
 
ख. देश ने अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चों में कमी करेगी।
 विश्लेषण:
- यह लोकतंत्र का निर्णय नहीं रोकता। देश सरकार के आर्थिक फैसलों में स्वतंत्र नहीं है, लेकिन यह सीधे लोकतंत्र विरोधी नहीं है।
 - निरपेक्ष/तटस्थ।
 
ग. लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।
 विश्लेषण:
- यह शिक्षा में असमानता दिखाता है, लेकिन यह सीधे लोकतंत्र विरोधी नहीं है।
 - निरपेक्ष/सुधार की आवश्यकता।
 
घ. सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
 विश्लेषण:
- लोकतंत्र में विरोध और प्रदर्शन करने का अधिकार होता है।
 - नेताओं की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।
 - अलोकतांत्रिक।
 
ङ. देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।
 विश्लेषण:
- स्वतंत्र मीडिया लोकतंत्र की आधारशिला है।
 - सरकार का मीडिया और अखबारों पर नियंत्रण लोकतंत्र के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
 - अलोकतांत्रिक।
 
10. लेख: लोकतंत्र और गरीबी
लोकतंत्र का मूल उद्देश्य जनता के लिए न्याय और समान अवसर सुनिश्चित करना है। लोगों की भागीदारी, उनकी राय और उनके अधिकार लोकतांत्रिक व्यवस्था के आधार हैं। लेकिन यदि समाज में असमानता और गरीबी बढ़ती है, तो लोकतंत्र के वास्तविक उद्देश्य को खतरा होता है।
2004 में अमेरिका पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ आमदनी की असमानता लगातार बढ़ रही थी। उदाहरण के लिए, एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डालर थी, जबकि गोरे परिवार की 162 डालर। इसके अलावा, संपत्ति के मामले में औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा संपत्ति थी।
इस असमानता का लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी असर पड़ता है। जैसे कि राष्ट्रपति चुनाव में उच्च आमदनी वाले परिवारों के लगभग 90% लोग वोट देते हैं, जबकि निम्न आय वाले केवल 50% ही मतदान करते हैं। इसके अलावा, राजनैतिक दलों का 95% चंदा अमीर परिवारों से आता है, जिससे उनकी आवाज़ और चिंताएँ नेताओं तक आसानी से पहुँचती हैं। वहीं गरीब और निम्न आय वाले लोग राजनीतिक निर्णयों में कम भाग लेते हैं, और उनकी समस्याओं—जैसे गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार—पर सरकार का ध्यान कम होता है।
भारत में भी समान स्थिति देखी जा सकती है। यहाँ अमीर और प्रभावशाली वर्गों का प्रभाव राजनीतिक दलों और चुनावों पर अधिक होता है। गरीबी, शिक्षा की कमी और सामाजिक असमानता के कारण गरीब वर्ग का राजनीतिक भागीदारी कम है। नतीजतन, उनकी समस्याओं को राजनीतिक निर्णयों में प्राथमिकता नहीं मिलती।
इसलिए यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र केवल मतदान और चुनाव तक सीमित नहीं है। यह तब सच्चा लोकतंत्र कहलाएगा जब सभी वर्ग, विशेषकर गरीब और कमजोर लोग, राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें और उनके अधिकारों और जरूरतों को सरकार द्वारा ध्यान में रखा जाए। गरीबी कम करने, शिक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने जैसे कदम लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।

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