Short Questions Answer
सुमित्रानंदन पंत का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: सुमित्रानंदन पंत का जन्म सन् 1900 में उत्तरांचल के अल्मोड़ा जिले के कौसानी गाँव में हुआ।
सुमित्रानंदन पंत की शिक्षा कहाँ हुई?
उत्तर: उनकी शिक्षा बनारस और इलाहाबाद में हुई।
सुमित्रानंदन पंत ने कॉलेज क्यों छोड़ा?
उत्तर: महात्मा गांधी के आह्वान पर उन्होंने आजादी के आंदोलन के दौरान कॉलेज छोड़ दिया।
सुमित्रानंदन पंत का निधन कब हुआ?
उत्तर: सुमित्रानंदन पंत का निधन सन् 1977 में हुआ।
सुमित्रानंदन पंत की प्रमुख काव्य-कृतियों के नाम बताइए।
उत्तर: वीणा, ग्रंथि, गुंजन, ग्राम्या, पल्लव, युगांत, स्वर्ण किरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा।
सुमित्रानंदन पंत को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?
उत्तर: उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार मिले।
सुमित्रानंदन पंत को शब्द शिल्पी क्यों कहा जाता है?
उत्तर: भावों की अभिव्यक्ति के लिए सटीक शब्दों के चयन के कारण उन्हें शब्द शिल्पी कहा जाता है।
ग्राम श्री कविता में गाँव की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर: ग्राम श्री कविता में गाँव की प्राकृतिक सुषमा और समृद्धि का मनोहारी वर्णन किया गया है।
कविता में गंगा की रेती को कैसा बताया गया है?
उत्तर: गंगा की रेती को बालू के साँपों से अंकित और सतरंगी बताया गया है।
कविता में गाँव को किसके समान कहा गया है?
उत्तर: गाँव को मरकत (पन्ना) डिब्बे सा खुला कहा गया है।
Long Questions Answer
सुमित्रानंदन पंत के जीवन और शिक्षा के बारे में बताइए।
उत्तर: सुमित्रानंदन पंत का जन्म उत्तरांचल के अल्मोड़ा जिले के कौसानी गाँव में सन् 1900 में हुआ। उनकी शिक्षा बनारस और इलाहाबाद में हुई। आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के आह्वान पर उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। छायावादी कविता के प्रमुख स्तंभ रहे सुमित्रानंदन पंत का काव्य-क्षितिज 1916 से 1977 तक फैला है। सन् 1977 में उनका देहावसान हो गया।
सुमित्रानंदन पंत की काव्य-कृतियों और पुरस्कारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सुमित्रानंदन पंत की प्रमुख काव्य-कृतियाँ हैं: वीणा, ग्रंथि, गुंजन, ग्राम्या, पल्लव, युगांत, स्वर्ण किरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सुमित्रानंदन पंत की कविता की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: पंत की कविता में प्रकृति और मनुष्य के अंतरंग संबंधों की पहचान है। उन्होंने आधुनिक हिंदी कविता को एक नवीन अभिव्यंजना पद्धति और काव्यभाषा से समृद्ध किया। भावों की अभिव्यक्ति के लिए सटीक शब्दों के चयन के कारण उन्हें शब्द शिल्पी कवि कहा जाता है। वे अपनी जीवन दृष्टि के विभिन्न चरणों में छायावाद, प्रगतिवाद और अरविंद दर्शन से प्रभावित हुए।
ग्राम श्री कविता का परिचय दीजिए।
उत्तर: ग्राम श्री कविता में पंत ने गाँव की प्राकृतिक सुषमा और समृद्धि का मनोहारी वर्णन किया है। खेतों में दूर तक फैली लहलहाती फसलें, फल-फूलों से लदी पेड़ों की डालियाँ और गंगा की सुंदर रेती कवि को रोमांचित करती है। उसी रोमांच की अभिव्यक्ति है यह कविता।
कविता में खेतों और फसलों का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर: फैली खेतों में दूर तलक मखमल की कोमल हरियाली, लिपटीं जिससे रवि की किरणें चाँदी की सी उजली जाली! तिनकों के हरे हरे तन पर हिल हरित रुधिर है रहा झलक, अरहर सनई की सोने की किंकिणियाँ हैं शोभाशाली! उड़ती भीनी तैलाक्त गंध फूली सरसों पीली पीली, लो, हरित धरा से झाँक रही नीलम की कली, तीसी नीली! रंग रंग के फूलों में रिलमिल हँस रही सखियाँ मटर खड़ी, मखमली पेटियों सी लटकीं छीमियाँ, छिपाए बीज लड़ी!
कविता में पेड़ों और फलों का चित्रण कैसे किया गया है?
उत्तर: अब रजत स्वर्ण मंजरियों से लद गई आम्र तरु की डाली, झर रहे ढाक, पीपल के दल, हो उठी कोकिला मतवाली! महके कटहल, मुकुलित जामुन, जंगल में झरबेरी झूली, फूले आडू, नींबू, दाड़िम, आलू, गोभी, बैंगन, मूली! पीले मीठे अमरूदों में अब लाल लाल चित्तियाँ पड़ी, पक गए सुनहले मधुर बेर, अँवली से तरु की डाल जड़ी! लहलह पालक, महमह धनिया, लौकी औ’ सेम फलीं, फैलीं मखमली टमाटर हुए लाल, मिरचों की बड़ी हरी थैली!
कविता में गंगा की रेती का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर: बालू के साँपों से अंकित गंगा की सतरंगी रेती सुंदर लगती सरपत छाई तट पर तरबूजों की खेती; अँगुली की कंघी से बगुले कलँगी सँवारते हैं कोई, तिरते जल में सुरखाब, पुलिन पर मगरौठी रहती सोई!
कविता में गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ क्यों कहा गया है?
उत्तर: मरकत डिब्बे सा खुला ग्राम- जिस पर नीलम नभ आच्छादन- निरुपम हिमांत में स्निग्ध शांत निज शोभा से हरता जन मन! कवि ने गाँव को मरकत (पन्ना) डिब्बे सा खुला इसलिए कहा क्योंकि गाँव की प्राकृतिक सुषमा और हरियाली पन्ने के रत्न जैसे चमकदार और आकर्षक है, और यह खुला हुआ डिब्बा नीले आकाश के नीचे शांत और मनमोहक लगता है, जो लोगों का मन हर लेता है।
कविता में प्रकृति और मनुष्य के संबंध को कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर: पंत की कविता में प्रकृति और मनुष्य के अंतरंग संबंधों की पहचान है। रोमांचित सी लगती वसुधा आई जौ गेहूँ में बाली, अरहर सनई की सोने की किंकिणियाँ हैं शोभाशाली! हँसमुख हरियाली हिम-आतप सुख से अलसाए-से सोए, भीगी अँधियाली में निशि की तारक स्वप्नों में से खोए- ये पंक्तियाँ दर्शाती हैं कि प्रकृति की हरियाली, फसलें, और फल-फूल मनुष्य को सुख और रोमांच प्रदान करते हैं, जैसे प्रकृति और मनुष्य एक-दूसरे के पूरक हों।
कविता में प्रयुक्त ‘हँसमुख हरियाली’ का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: हँसमुख हरियाली हिम-आतप सुख से अलसाए-से सोए। इस पंक्ति में ‘हँसमुख हरियाली’ से कवि ने गाँव की हरियाली को जीवंत और प्रसन्नचित्त रूप में चित्रित किया है। यह हरियाली सर्दी की धूप (हिम-आतप) में सुख से अलसाई हुई प्रतीत होती है, जैसे वह प्रकृति की गोद में शांत और संतुष्ट होकर विश्राम कर रही हो। यह भाव प्रकृति की सजीवता और मनुष्य के लिए उसकी सुखद उपस्थिति को दर्शाता है।

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