Short Questions Answer
प्रश्न: ‘उनाकोटी’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘उनाकोटी’ का अर्थ है – एक कोटि से एक कम।
प्रश्न: उनाकोटी किस राज्य में स्थित है?
उत्तर: उनाकोटी त्रिपुरा राज्य में स्थित है।
प्रश्न: लेखक त्रिपुरा क्यों गया था?
उत्तर: लेखक टीवी श्रृंखला ‘ऑन द रोड’ की शूटिंग के लिए त्रिपुरा गया था।
प्रश्न: त्रिपुरा की राजधानी क्या है?
उत्तर: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है।
प्रश्न: त्रिपुरा की जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण क्या बताया गया है?
उत्तर: बांग्लादेश से लोगों की अवैध आवक इसकी मुख्य वजह है।
प्रश्न: त्रिपुरा के प्रसिद्ध लोकगायक का नाम क्या है?
उत्तर: हेमंत कुमार जमातिया।
प्रश्न: मंजु ऋषिदास कौन थीं?
उत्तर: मंजु ऋषिदास एक गायक और नगर पंचायत की प्रतिनिधि थीं।
प्रश्न: कल्लू कुम्हार किसका भक्त था?
उत्तर: कल्लू कुम्हार पार्वती का भक्त था।
प्रश्न: ‘गंगावतरण’ मूर्ति किस घटना को दर्शाती है?
उत्तर: यह गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण की कथा को दर्शाती है।
प्रश्न: उनाकोटी की मूर्तियाँ किस युग की मानी जाती हैं?
उत्तर: ये मूर्तियाँ पाल शासन काल यानी नौवीं से बारहवीं शताब्दी की मानी जाती हैं।
Long Questions Answer
प्रश्न: ‘उनाकोटी’ नाम की उत्पत्ति की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: दंतकथा के अनुसार पार्वती के आग्रह पर शिव कल्लू कुम्हार को कैलाश ले जाने को तैयार हुए, पर उन्होंने शर्त रखी कि उसे एक रात में शिव की एक कोटि मूर्तियाँ बनानी होंगी। कल्लू ने रातभर मेहनत की, पर भोर तक एक कोटि से एक कम मूर्तियाँ बन सकीं। शिव ने इस कमी का बहाना बनाकर कल्लू को उनाकोटी में ही छोड़ दिया। इसी कारण यह स्थान ‘उनाकोटी’ कहलाया।
प्रश्न: गंगावतरण की कथा का वर्णन कीजिए।
उत्तर: उनाकोटी की एक विशाल चट्टान पर ऋषि भगीरथ की प्रार्थना पर गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का दृश्य चित्रित है। जब गंगा स्वर्ग से उतरने लगी तो शिव ने उसे अपनी जटाओं में उलझा लिया ताकि पृथ्वी धँस न जाए। बाद में उन्होंने गंगा को धीरे-धीरे पृथ्वी पर छोड़ा। शिव का यह विशाल मुख और उनकी जटाएँ दो पहाड़ों की चोटियों पर बनी हैं।
प्रश्न: लेखक का त्रिपुरा की यात्रा का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: लेखक ‘ऑन द रोड’ नामक तीन-खंडीय टीवी श्रृंखला की शूटिंग के लिए त्रिपुरा गया था। इसका उद्देश्य त्रिपुरा के विकास कार्यों और वहाँ की सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिति को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के रास्ते दिखाना था।
प्रश्न: त्रिपुरा ‘बहुधार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना है?
उत्तर: त्रिपुरा में उन्नीस अनुसूचित जनजातियाँ हैं और यहाँ बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई—चारों प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व है। चकमा और मुघ जनजातियाँ महायानी बौद्ध हैं, जिससे इसकी धार्मिक विविधता झलकती है।
प्रश्न: टीलियामुरा में लेखक की किन हस्तियों से मुलाकात हुई और उनका योगदान क्या था?
उत्तर: लेखक की मुलाकात लोकगायक हेमंत कुमार जमातिया और मंजु ऋषिदास से हुई। हेमंत ने लोकसंगीत और समाजसेवा में योगदान दिया, जबकि मंजु ऋषिदास ने अपने वार्ड में स्वच्छ पेयजल और सड़क निर्माण के लिए काम किया।
प्रश्न: त्रिपुरा के जिलाधिकारी ने आलू की खेती के बारे में क्या बताया?
उत्तर: जिलाधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा में टी.पी.एस. (True Potato Seeds) की खेती सफल रही है। पारंपरिक बीजों की तुलना में बहुत कम मात्रा में टी.पी.एस. की आवश्यकता होती है और इसका निर्यात अन्य राज्यों व देशों में भी किया जा रहा है।
प्रश्न: त्रिपुरा की सामाजिक समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: बांग्लादेश से अवैध प्रवास, बाहरी लोगों की अधिकता, और इसके कारण आदिवासी असंतोष जैसी समस्याएँ वहाँ प्रमुख हैं। इनसे जनसंख्या संतुलन बिगड़ा और अस्थिरता बढ़ी।
प्रश्न: त्रिपुरा के घरेलू उद्योगों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: उत्तरी त्रिपुरा में अगरबत्तियों के लिए बाँस की सींकें तैयार की जाती हैं। इन्हें कर्नाटक और गुजरात भेजा जाता है। यह वहाँ का एक प्रमुख घरेलू उद्योग है जो स्थानीय लोगों की आजीविका का साधन है।
प्रश्न: लेखक ने उनाकोटी की प्राकृतिक स्थिति और वातावरण का कैसा चित्रण किया है?
उत्तर: लेखक के अनुसार यह स्थान ऊँचे पहाड़ों से घिरा है जहाँ सूर्य की किरणें देर से पहुँचती हैं। विशाल चट्टानें, मूर्तियाँ, और जलप्रपात इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं। शाम होते ही यहाँ भयावह अंधकार और गर्जन-तर्जन से भरा वातावरण छा जाता है।
प्रश्न: लेखक की यात्रा में भय और रोमांच के कौन-कौन से क्षण आए?
उत्तर: जब लेखक सी.आर.पी.एफ. के काफ़िले के साथ मनु तक जा रहा था, तब सैनिक ने बताया कि कुछ दिन पहले वहीं एक जवान मारा गया था। यह सुनकर लेखक की रीढ़ में झुरझुरी दौड़ गई। साथ ही, उनाकोटी में अचानक घिरे बादलों और शिव के तांडव जैसी गर्जना ने भी यात्रा को रोमांचक बना दिया।
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