Short Questions Answer
1. जाबिर हुसैन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: जाबिर हुसैन का जन्म सन् 1945 में गाँव नौनहीं राजगीर, जिला नालंदा (बिहार) में हुआ था।
2. जाबिर हुसैन किन भाषाओं में लेखन करते थे?
उत्तर: वे हिंदी, उर्दू और अंग्रेज़ी तीनों भाषाओं में लेखन करते थे।
3. उनकी प्रमुख हिंदी रचनाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर: “डोला बीबी का मज़ार”, “अतीत का चेहरा”, “लोगां”, और “एक नदी रेत भरी” उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।
4. प्रस्तुत पाठ “साँवले सपनों की याद” किस शैली में लिखा गया है?
उत्तर: यह एक डायरी शैली में लिखा गया संस्मरण है।
5. “साँवले सपनों की याद” किसकी मृत्यु के बाद लिखा गया?
उत्तर: यह प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी डॉ. सालिम अली की मृत्यु के बाद लिखा गया।
6. सालिम अली ने अपनी आत्मकथा का क्या नाम रखा था?
उत्तर: उन्होंने अपनी आत्मकथा का नाम रखा था “फॉल ऑफ ए स्पैरो” (Fall of a Sparrow)।
7. सालिम अली की जीवनसंगिनी का नाम क्या था?
उत्तर: उनकी जीवनसंगिनी का नाम तहमीना था।
8. सालिम अली किस बीमारी से पीड़ित थे?
उत्तर: वे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित थे।
9. सालिम अली ने ‘साइलेंट वैली’ की रक्षा के लिए किस प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी?
उत्तर: उन्होंने चौधरी चरण सिंह से मुलाकात की थी।
10. सालिम अली को किस बात ने आजीवन पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर: बचपन में उनकी एयरगन से एक नीले कंठ वाली गौरैया घायल होकर गिरी थी, जिसने उन्हें पक्षियों से प्रेम करने और उनका अध्ययन करने की प्रेरणा दी।
Long Questions Answer
1. जाबिर हुसैन के जीवन और साहित्यिक योगदान का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: जाबिर हुसैन का जन्म 1945 में बिहार के नालंदा जिले में हुआ। वे अंग्रेज़ी साहित्य के प्राध्यापक रहे और राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वे 1995 से बिहार विधान परिषद के सभापति रहे। उन्होंने हिंदी, उर्दू और अंग्रेज़ी में समान रूप से लेखन किया। उनकी रचनाओं में समाज, राजनीति और आम आदमी के संघर्षों का यथार्थ चित्रण है।
2. “साँवले सपनों की याद” शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह शीर्षक सालिम अली के व्यक्तित्व और उनके जीवन के सपनों को रूपक के रूप में प्रस्तुत करता है। उनके “सपने” थे — प्रकृति और पक्षियों की रक्षा करना। लेखक ने उनकी मृत्यु के बाद उन सपनों की स्मृति को “साँवले सपनों” के रूप में याद किया है, जो अब प्रकृति में विलीन हो गए हैं। इसलिए शीर्षक अत्यंत सार्थक है।
3. सालिम अली के व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: सालिम अली एक महान पक्षी विज्ञानी, प्रकृति प्रेमी और संवेदनशील व्यक्ति थे। वे जीवनभर पक्षियों के संरक्षण और पर्यावरण रक्षा में लगे रहे। वे सरल, सौम्य और समर्पित स्वभाव के थे। प्रकृति से उनका गहरा जुड़ाव उन्हें असाधारण व्यक्तित्व बनाता है।
4. लेखक ने सालिम अली की मृत्यु का वर्णन किस रूप में किया है?
उत्तर: लेखक ने उनकी मृत्यु को “सुनहरे परिंदों के हुजूम का मौत की वादी की ओर बढ़ना” बताया है। यह प्रतीकात्मक वर्णन है, जो उनकी आत्मा के प्रकृति में विलीन होने का संकेत देता है। उन्होंने इसे शांत, सुंदर और गहन भावनाओं से भरा पलायन कहा है।
5. सालिम अली की प्रकृति और पक्षियों के प्रति दृष्टि कैसी थी?
उत्तर: वे पक्षियों को केवल जीव नहीं, बल्कि प्रकृति का अभिन्न अंग मानते थे। वे कहते थे कि लोग पक्षियों को मनुष्य की दृष्टि से देखते हैं, जबकि उन्हें प्रकृति की दृष्टि से देखना चाहिए। उनके लिए प्रकृति रहस्यमयी और आनंददायी दुनिया थी।
6. सालिम अली और डी.एच. लॉरेंस के बीच क्या समानता थी?
उत्तर: दोनों ही प्रकृति से गहराई से जुड़े थे। लॉरेंस की तरह सालिम अली भी “नैसर्गिक जीवन के प्रतिरूप” थे। वे प्रकृति से प्रेम करते थे और उसमें आत्मा की उपस्थिति महसूस करते थे। दोनों का विश्वास था कि मनुष्य को प्रकृति की ओर लौटना चाहिए।
7. लेखक ने सालिम अली की पर्यावरण चिंता का क्या चित्रण किया है?
उत्तर: सालिम अली ने “साइलेंट वैली” को विनाश से बचाने का प्रयास किया और इसके लिए प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिले। उन्होंने पर्यावरण के खतरों की गंभीरता समझाई, जिससे चौधरी साहब की आँखें भर आईं। यह उनके पर्यावरण के प्रति समर्पण का प्रमाण है।
8. सालिम अली की दूरबीन और उनकी आँखों का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?
उत्तर: उनकी दूरबीन उनके गहन अवलोकन और खोज का प्रतीक है। लेखक कहता है कि यह दूरबीन उनकी मृत्यु के बाद ही उतरी, अर्थात् वे अंतिम समय तक प्रकृति और पक्षियों की खोज में लगे रहे। उनकी आँखों की चमक उनके जीवंत उत्साह का प्रतीक थी।
9. लेखक ने सालिम अली की मृत्यु के बाद क्या प्रश्न उठाया है?
उत्तर: लेखक ने संवेदनापूर्ण ढंग से पूछा — “कौन बचा है जो अब हिमालय और लद्दाख की बर्फ़ीली ज़मीनों पर जीने वाले पक्षियों की वकालत करेगा?” यह प्रश्न इस चिंता को व्यक्त करता है कि अब प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा कौन करेगा।
10. लेखक की भाषा-शैली की चार प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
भावनात्मक और संवेदनशील शैली
प्रतीकात्मक और काव्यात्मक भाषा
गहराई और लयात्मकता से भरा हुआ वर्णन
व्यक्ति-चित्रण में मानवीय संवेदना और प्रकृति का समन्वय

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