Short Questions Answer
प्रश्न: कबीर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: कबीर का जन्म सन् 1398 में काशी में हुआ था।
प्रश्न: कबीर का देहांत कहाँ हुआ था?
उत्तर: कबीर का देहांत मगहर में हुआ था।
प्रश्न: कबीर की रचनाओं का सबसे प्रसिद्ध संग्रह कौन-सा है?
उत्तर: “बीजक” कबीर की रचनाओं का सबसे प्रसिद्ध संग्रह है।
प्रश्न: कबीर किस संत परंपरा से संबंधित थे?
उत्तर: कबीर भक्तिकालीन निर्गुण संत परंपरा से संबंधित थे।
प्रश्न: कबीर की भाषा की विशेषता क्या थी?
उत्तर: उनकी भाषा जनभाषा के निकट, सहज और प्रभावशाली थी।
प्रश्न: ‘मानसरोवर’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘मानसरोवर’ का अर्थ है – हंसों से भरा पवित्र जलाशय।
प्रश्न: कबीर के अनुसार सच्चा प्रेमी कौन होता है?
उत्तर: सच्चा प्रेमी वही है जिसे प्रेमी मिल जाए तो विष भी अमृत हो जाता है।
प्रश्न: सच्चा संत कौन कहलाता है?
उत्तर: जो व्यक्ति पक्ष-विपक्ष से रहित होकर हरि का भजन करता है वही सच्चा संत है।
प्रश्न: कबीर ने ईश्वर को कहाँ बताया है?
उत्तर: कबीर ने कहा कि ईश्वर हमारे भीतर, “सब स्वाँसों की स्वाँस में” है।
प्रश्न: ज्ञान की आँधी आने पर क्या होता है?
उत्तर: ज्ञान की आँधी से अज्ञान और मोह का नाश हो जाता है और भक्त का हृदय निर्मल हो जाता है।
Long Questions Answer
प्रश्न: कबीर ने अपने काव्य में किस प्रकार की मानवता की कल्पना की है?
उत्तर: कबीर ने अपने काव्य में ऐसी मानवता की कल्पना की है जो जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर हो। उन्होंने कहा कि सच्चा भक्त वही है जो राम और रहीम में कोई भेद नहीं करता और सबमें एक ही परमात्मा का अंश देखता है।
प्रश्न: कबीर ने बाह्याडंबरों का विरोध क्यों किया?
उत्तर: कबीर का मानना था कि मंदिर, मस्जिद या तीर्थस्थलों में जाकर ईश्वर नहीं मिलता। वे कहते हैं कि ईश्वर मनुष्य के भीतर है, इसलिए उसे खोजने के लिए बाहरी क्रिया-कर्म या कर्मकांड की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न: कबीर के अनुसार सच्चे संत की पहचान क्या है?
उत्तर: सच्चा संत वही है जो पक्ष-विपक्ष से मुक्त होकर, बिना किसी भेदभाव के हरि का भजन करता है। ऐसा व्यक्ति समाज में प्रेम, समानता और सच्चाई का प्रचार करता है।
प्रश्न: कबीर के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसौटी क्या है?
उत्तर: कबीर कहते हैं कि सच्चा प्रेमी वही है जो सच्चे प्रेमी से मिले तो विष भी अमृत हो जाए। इसका अर्थ है कि सच्चे प्रेम में कठिनाइयाँ भी सुखद लगती हैं।
प्रश्न: कबीर ने ज्ञान के महत्व को कैसे व्यक्त किया है?
उत्तर: उन्होंने कहा कि ज्ञान की आँधी जब आती है तो अज्ञान, मोह और माया के परदे उड़ जाते हैं। ज्ञान से मनुष्य के जीवन में प्रकाश आता है और वह सत्य को समझ पाता है।
प्रश्न: कबीर ने ‘मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे’ पद में क्या संदेश दिया है?
उत्तर: इस पद में कबीर ने बताया है कि मनुष्य ईश्वर को मंदिर, मस्जिद, काबा या कैलास में ढूँढ़ता है, जबकि ईश्वर मनुष्य के भीतर ही है। जो खोजी है, वह पलभर में ही ईश्वर को पा सकता है।
प्रश्न: कबीर ने सांप्रदायिक संकीर्णता का विरोध किस प्रकार किया है?
उत्तर: कबीर ने कहा कि हिंदू राम को और मुसलमान खुदा को पुकारते हैं, पर सच्चा जीव वही है जो दोनों के निकट नहीं जाता यानी जो किसी धर्म में बँधकर भेदभाव नहीं करता। वे सभी धर्मों में एक ही सत्य देखते हैं।
प्रश्न: ‘ज्ञान की आँधी’ का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: ज्ञान की आँधी आने पर भ्रम, मोह और लालसा नष्ट हो जाते हैं। माया की डोर टूट जाती है, कपट दूर होता है और भक्त के भीतर ईश्वर के प्रेम की ज्योति जल उठती है।
प्रश्न: कबीर ने ऊँचे कुल में जन्म और कर्म के संबंध में क्या कहा है?
उत्तर: कबीर कहते हैं कि ऊँचे कुल में जन्म लेने से कुछ नहीं होता, यदि कर्म ऊँचे न हों। जैसे सोने का कलश भी शराब से भरा हो तो वह पवित्र नहीं रह जाता। मनुष्य की श्रेष्ठता उसके कर्मों से होती है।
प्रश्न: कबीर के काव्य में भाषा और भाव का क्या महत्व है?
उत्तर: कबीर की भाषा सहज, जनभाषा के निकट और व्यावहारिक है। उन्होंने गूढ़ दार्शनिक विचारों को बहुत सरल और प्रभावशाली ढंग से कहा। उनके भाव जीवन से जुड़े हैं—सत्य, प्रेम, समानता और भक्ति उनके काव्य की आत्मा हैं।

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