MCQ वाख Chapter 8 Hindi Class 9 Kshitij हिन्दी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Kshitij Class 9th 1. ‘बंद द्वार की सौंकल’ खुलने से क्या तात्पर्य है।मन का मुक्त होना दरवाजा खुलनापरमात्मा के पास जाने का रास्ता खुल जानासंसार से विदा होनाYour comments:Question 1 of 202. ‘माझी’ का यहाँ क्या अर्थ है?नापिकमध्यस्थईश्वरगुरुYour comments:Question 2 of 203. हमारी ईश्वर से कब पहचान होगी?जब हम कर्मों में लिप्त रहेंगेजब हम शिक्षा प्राप्त करेंगेजब हम दूसरों पर उपकार करेंगेजब हम स्वयं को जानेंगेYour comments:Question 3 of 204. ‘वाख’ किसे कहते हैं?एक पक्षी का नाम हैवाणी को वाख कहते हैंकश्मीर में कविता को वाख कहते हैंवाख ईश्वर भक्त को कहते हैंYour comments:Question 4 of 205. ‘जेब टटोलने’ का प्रतीकार्थ है?आत्मावलोकन करनाखर्च का हिसाब लगानामाझी को उसका किराया देनाकिसी का कणी न रहनाYour comments:Question 5 of 206. रस्सी का प्रयोग कवयित्री ने किस के लिए कियाईश्वर तक पहुँचने के लिएरस्ती का प्रयोग प्राणों के उस सहारे के लिए हुआ है जो हमें ईश्वर तक ले जाता हैरस्सी बंधन का प्रतीक हैरस्सी मोहपाश का प्रतीक हैYour comments:Question 6 of 207. ‘समखा तभी होगा समभावी’ पंक्ति में निहित जर्घ बताइए।यमकरूपकश्लेषउत्प्रेक्षाYour comments:Question 7 of 208. ‘सुषुम सेतु पर खड़ी थी’ पंक्ति में अर्थ बताइए।यमकश्लेषरूपकउपमाYour comments:Question 8 of 209. समभावी का क्या अर्थ है?ईश्वर के साथ समभाव रखनासभी प्राणियों के साथ समभाव रखनाईश्वर की साधना करनाकर्म करते रहनाYour comments:Question 9 of 2010. भवसागर में कौन-सा अलंकार है?उपमारूपकअनुप्रासयमकYour comments:Question 10 of 2011. कच्चे धागे किसका प्रतीक हैं?वस्त्र काडोर काकर्मों काकमजोर व नाशवान सहारे काYour comments:Question 11 of 2012. ललद्यद द्वारा रचित रचना को क्या कहते हैं?दोहापदवाखसवैयाYour comments:Question 12 of 2013. ललद्यद को जन्म में से किस नाम से नहीं जाना जाता?लल्लेश्वरीलाल्ल योगेश्वरीललारिफालंकेश्वरीYour comments:Question 13 of 2014. ललद्यद का जन्म कहाँ हुआ था?हिमाचल प्रदेश मेंश्रीनगर मेंकश्मीर स्थित पाम्पोर के सिमपुरा गाँव मेंमणिपुर मेंYour comments:Question 14 of 2015. ललद्यद का जन्म कब हुआ था?1520 में1620 में1420 में1320 मेंYour comments:Question 15 of 2016. रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार ।।पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। कच्चा धागा किसका प्रतीक है?कच्चे प्रम काकच्चे प्रम कासच्चे प्रेम काकमजोर और नाशवान् सहारे काइनमें से कोई नहींYour comments:Question 16 of 2017. रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार ।।पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। ‘कच्चे सकोरे का क्या आशय है?स्वाभाविक रूप में कमजोर प्रयाससार्थक प्रयासमुक्ति की आकांक्षाभवसागर पार करने का माध्यमYour comments:Question 17 of 2018. रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार ।।पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। कवयित्री को किस घर जाने की चाह हो रहीअपनी माँ के घरआत्मा का परमात्मा से मिलन परमात्मा के घरआपने प्रियतम के घरउपर्युक्त सभी कथन सत्य हैंYour comments:Question 18 of 2019. रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार ।।पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। कवयित्री के मोक्ष प्राप्ति के रास्ते बंद क्यों हैं।उसके प्रयास कमजोर हैंउन्होंने नाशवान चीजों का सहारा लिया हैयह मोह ग्रस्त हैवह ईश्वर में विश्वास नहीं रखतीYour comments:Question 19 of 2020. रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार ।।पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। ‘रस्सी’ किसके लिए प्रयोग हुआ है?बंधन के लिएजीवन रूपी डोर के लिएईश्वर प्राप्ति के लिए हो रहे प्रयासों के लिएपरंपरा के लिएYour comments:Question 20 of 20 Loading...
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