MCQ रैदास के पद Chapter 6 Hindi Class 9 Sparsh हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Sparsh Class 9th 1. गरीबों के सिर पर छत्र कौन रखवा सकता है?पूजाराजाईश्वरकविYour comments:Question 1 of 172. रैदास ने ऐसी लाल ……… सभै सरै”…… पद में उस समय की किस समस्या को उठाया है?विधवा विवाहबाल विवाहअशिक्षाछुआछूतYour comments:Question 2 of 173. ईश्वर क्या कर सकते हैं?नीच से नीच व्यक्ति को ऊँचा उठा सकते हैंसब पर अपनी कृपा कर सकते हैंरंक के सिर पर भी ताज रख सकते हैं।उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।Your comments:Question 3 of 174. रैदास ने यहाँ निम्न में से किस कवि का उल्लेख नहीं किया है?कबीरबोधानामदेवधन्ना।Your comments:Question 4 of 175. गोविंद का प्रयोग किसके लिए हुआ है?ईश्वर के लिएगुरु के लिएस्वयं कवि के लिएअन्य कवियों के लिएYour comments:Question 5 of 176. धागे की कीमत कब होती है?जब उसके साथ मोती हैजब उसके साथ सोना हैजब उसके साथ दीपक होजब उसके साथ सुहागा होYour comments:Question 6 of 177. दिन रात किसकी ज्योति बढ़ती है?दीपक कीबाती कीईश्वर कीकवि कीYour comments:Question 7 of 178. रैदास अपने आपको ईश्वर रूपी दीपक का क्या बताते हैं?बातीलौतेलबरतनYour comments:Question 8 of 179. ईश्वर घन है तो रैदास क्या है?चकोरपानीचंदनमोरYour comments:Question 9 of 1710. रैदास चंदन किसको मानते हैं?स्वयं कोपरमात्मा कोचंदन के वृक्ष कोकीमती वस्तुओं कोYour comments:Question 10 of 1711. कवि रैदास को किसके नाम की रट लग गई है?अपनी प्रियतमा केचंदा के नाम कीपरमात्मा के नाम कीमोक्ष प्राप्त करने कीYour comments:Question 11 of 1712. अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,प्रभु जी, तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवन चंद चकारो।।प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। इस पद में किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है?भक्ति भावप्रेम भावईर्ष्या भावनिंदा भावYour comments:Question 12 of 1713. अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,प्रभु जी, तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवन चंद चकारो।।प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। रैदास के अंग-अंग में क्या समाया हुआ है?चंदनजलप्रेमईश्वरYour comments:Question 13 of 1714. अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,प्रभु जी, तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवन चंद चकारो।।प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। कवि ईश्वर की ओर आशा भाव से किस प्रकार देखते हैं?जैसे मोर बादलों की ओर देखता हैजैसे चकोर चाँद की ओर देखता हैजैसे पपीहा बादलों की ओर देखता हैजैसे किसान बादलों की ओर देखता है।Your comments:Question 14 of 1715. अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,प्रभु जी, तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवन चंद चकारो।।प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। मोती के साथ मिलने से किसकी कीमत बढ़ जाती है?सुहागे कीसोने कीधागे कीव्यक्ति की।Your comments:Question 15 of 1716. अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,प्रभु जी, तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवन चंद चकारो।।प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। रैदास अपने को क्या मानते हैं?ईश्वर का सखाईश्वर का पुत्रईश्वर सहचरईश्वर का दास।Your comments:Question 16 of 1717. मिलान कीजिए (i) दीपक – चकोर (ii) चंदन – बाती (ii) घन – धागा (iv) मोती – सुगाहा (v) चाँद – दास (vi) सोना – मोर (vii) स्वामी – पानी(a) (i) बाती (ii) पानी (iii) मोर (iv) धागा (v) चकोर (vi) सोहागा (vii) दास(b) (i) मोर (ii) धागा (iii) बाती (iv) पानी (v) दास (vi) सोहागा (vii) चकोर (c) (i) धागा (ii) बाती (iii) मोर (iv) पानी (७) दास (vi) सोहागा (vii) चकोर (d) (i) दास (ii) सोहागा (iii) चकोर (iv) धागा (v) बाती (vi) मोर (vii) पानी।Question 17 of 17 Loading...
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