Solutions For All Chapters Kshitij Class 9
Bacche Kaam Par Ja Rahe Hain Question Answer
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1: कविता की पहली दो पक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
उत्तर: कविता की पहली दो पंक्तियाँ “कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं, सुबह सुबह” पढ़कर मेरे मन में एक उदास और भारी चित्र उभरता है। मैं छोटे-छोटे बच्चों को कोहरे से भरी ठंडी सुबह में, जब सब लोग सो रहे होते हैं, काम की ओर जाते देखता हूँ। उनके चेहरों पर खेल और पढ़ाई की उमंग के बजाय थकान और मजबूरी दिखती है।
प्रश्न 2: कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
उत्तर: कवि की दृष्टि में इसे प्रश्न के रूप में पूछा जाना चाहिए क्योंकि:
- यह एक सामाजिक विडंबना है, जिस पर ध्यान देना और इसका कारण जानना जरूरी है।
- प्रश्न उठाकर समाज की उदासीनता को चुनौती दी जा सकती है।
- यह लोगों को इस भयानक स्थिति के प्रति जागरूक करने और समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है।
प्रश्न 3: सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?
उत्तर: बच्चे सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से वंचित हैं क्योंकि:
- वे काम पर जा रहे हैं, जिससे उनके पास खेलने और पढ़ने का समय नहीं है।
- सामाजिक-आर्थिक विडंबना के कारण उन्हें गेंद, किताबें, खिलौने और स्कूल जैसी सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं।
प्रश्न 4: दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर: इस उदासीनता के कारण हो सकते हैं:
- समाज में बाल श्रम को सामान्य मान लिया गया है।
- लोग अपनी व्यस्तता और आर्थिक समस्याओं में उलझे हैं।
- सामाजिक जागरूकता और संवेदनशीलता की कमी।
- कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन का अभाव।
प्रश्न 5: आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?
उत्तर: मैंने अपने शहर में बच्चों को सुबह-सुबह सड़कों पर, दुकानों में, ढाबों पर, निर्माण स्थलों पर और कचरा बीनते हुए काम करते देखा है।
प्रश्न 6: बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
उत्तर: बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान है क्योंकि:
- यह बच्चों के बचपन, खेल, शिक्षा और उमंग को छीन लेता है।
- यह समाज की सबसे भयानक स्थिति को दर्शाता है, जहाँ बच्चे मजबूरी में काम करने को मजबूर हैं।
- यह मानवता के लिए एक संकट है, क्योंकि बच्चे भविष्य हैं और उनकी शिक्षा और खुशी का हनन हो रहा है।
प्रश्न 7: काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।
उत्तर: अगर मैं काम पर जाने वाले बच्चे की जगह होता, तो मुझे बहुत दुख और निराशा महसूस होती। सुबह-सुबह जब मेरे दोस्त स्कूल जाते या खेलते, मैं ठंडी सड़कों पर काम के लिए निकलता। मेरे मन में पढ़ने, खेलने और हँसने की इच्छा होती, लेकिन मजबूरी मुझे काम की ओर धकेलती। यह जीवन मुझे भारी और अन्यायपूर्ण लगता।
प्रश्न 8: आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?
उत्तर: बच्चों को काम पर नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि:
- यह उनके बचपन, शिक्षा और विकास को छीन लेता है।
- यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुँचाता है।
- स्कूल जाकर पढ़ाई करने का अवसर।
- खेलने, खिलौनों और किताबों के साथ समय बिताने का मौका।
- सुरक्षित और खुशहाल माहौल में बढ़ने की आजादी।
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