Solutions For All Chapters Sanchayan Class 9
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1: भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?
उत्तर: भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में भाई साहब की मार का डर था, क्योंकि समझ में नहीं आता था कि कौन-सा कसूर बन पड़ा।
प्रश्न 2: मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?
उत्तर: मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला इसलिए फेंकती थी क्योंकि कुएँ में एक अति भयंकर काला साँप पड़ा हुआ था और बच्चे नटखट होते हैं।
प्रश्न 3: ‘साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’ यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?
उत्तर: यह कथन लेखक की भयभीत और सहमी हुई मनोदशा को स्पष्ट करता है, क्योंकि वह डर से सहम गया था।
प्रश्न 4: किन कारणों से लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया?
उत्तर: लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि चिट्ठियाँ बड़ी जरूरी थीं और शाम की डाक में निकलनी थीं, तथा भाई साहब की मार का डर था।
प्रश्न 5: साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाई?
उत्तर: साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने कुएँ की दीवार पर डंडा बजाया और साँप की ओर से दूसरी ओर डंडा गिराया।
प्रश्न 6: कुएँ में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: लेखक कुएँ में उतरकर डंडे से साँप को दबाया, चिट्ठियाँ निकालीं, साँप के वार से बचने के लिए डंडा खींचा और हाथों के बल सरक-सरककर ऊपर चढ़ आया।
प्रश्न 7: इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?
उत्तर: इस पाठ से बाल सुलभ शरारतों जैसे बेर तोड़कर खाना, कुएँ में ढेला फेंकना और साँप को देखने की जिद पता चलती है।
प्रश्न 8: ‘मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी गलत और उलटी सिद्ध होती हैं, जैसे लेखक का कुएँ में उतरने का अनुमान गलत सिद्ध हुआ।
प्रश्न 9: ‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’ पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि फल ईश्वर की दूसरी शक्ति पर निर्भर है, जैसे लेखक की साँप से बचने की सफलता ईश्वर की कृपा से हुई।

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