Notes For All Chapters Hindi Kshitij Class 9
परिचय
जन्म और मृत्यु:
- जन्म: 1398 (काशी), मृत्यु: 1518 (मगहर) – किंवदंतियों के अनुसार।
शिक्षा: विधिवत शिक्षा नहीं, सत्संग, पर्यटन, और अनुभव से ज्ञान प्राप्त।
साहित्यिक योगदान:
- भक्तिकालीन निर्गुण संत परंपरा के प्रमुख कवि।
- रचनाएँ: कबीर ग्रंथावली, बीजक (कबीर पंथ में प्रामाणिक), और गुरु ग्रंथ साहब में कुछ रचनाएँ।
विशेषताएँ:
- उदार, निर्भय, और सद्गृहस्थ संत।
- राम और रहीम की एकता में विश्वास।
- धार्मिक-सामाजिक पाखंड, भेदभाव, और कर्मकांड का विरोध।
- ईश्वर-प्रेम, ज्ञान, वैराग्य, गुरुभक्ति, सत्संग, और आत्मबोध-जगतबोध की अभिव्यक्ति।
- जनभाषा (सहज, सरल) में दार्शनिक चिंतन, जो काव्य की शक्ति है।
पाठ: साखियाँ और सबद (पद)।
- साखियाँ: प्रेम, संत के लक्षण, ज्ञान की महिमा, और बाह्याडंबरों का विरोध।
- सबद 1: बाह्याडंबरों का खंडन, ईश्वर की सर्वव्यापकता।
- सबद 2: ज्ञान की आँधी के रूपक से ज्ञान का महत्व और दुर्बलताओं से मुक्ति।
साखियाँ
1. मानसरोवर सुभर जल…
- अर्थ: शुद्ध मन (मानसरोवर) में आत्मा (हंस) आनंद लेती है, ज्ञान (मोती) चुनती है, और संसार से ऊपर उठती है।
2. प्रेमी ढूँढत मैं फिरौं…
- अर्थ: सच्चा प्रेमी दुर्लभ है, प्रेमी को प्रेमी मिले तो दुख (विष) सुख (अमृत) बन जाता है।
3. हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ…
- अर्थ: ज्ञान रूपी हाथी पर चढ़कर संसार (कुत्ते रूप) को नियंत्रित करो, समय नष्ट मत करो।
4. पखापखी के कारनै…
- अर्थ: पक्षपात से संसार भटकता है, निष्पक्ष होकर भक्ति करने वाला सच्चा संत है।
5. हिंदू मूआ राम कहि…
- अर्थ: हिंदू-मुसलमान के नाम पर मरने वाले मूर्ख, जो दोनों से दूर रहता है, वही जीवित है।
6. काबा फिरि कासी भया…
- अर्थ: काबा-काशी, राम-रहीम एक हैं, जैसे मोटा आटा मैदा बन जाता है।
7. ऊँचे कुल का जनमिया…
- अर्थ: ऊँचे कुल में जन्म लेने वाला बिना अच्छे कर्मों के शराब से भरे सोने के कलश जैसा है, जिसकी निंदा होती है।
सबद (पद)
1. मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे…
अर्थ:
- ईश्वर मंदिर, मस्जिद, काबा, कैलास, कर्मकांड, योग, या वैराग्य में नहीं, बल्कि हर साँस में है।
- खोजने पर तुरंत मिलता है।
2. संतों भाई आई ग्याँन की आँधी रे…
अर्थ:
- ज्ञान की आँधी भ्रम, माया, मोह, और बुरी बुद्धि को नष्ट करती है।
- योग-भक्ति से मन स्थिर, कपट हटता, और हरि की गति समझ आती है।
- प्रेम से भक्त हरि में लीन, अंधकार मिटता है।
रचना और अभिव्यक्ति
धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव:
- कबीर राम-रहीम को एक मानते हैं, हिंदू-मुसलमान के भेद को नकारते हैं।
- निष्पक्ष भक्ति, पाखंड-कर्मकांड का विरोध, सभी को समान और ईश्वर को सर्वव्यापी मानते हैं।

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